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माँ

माँ है अद्भुत संवेदना और अहसास
हर बच्चे के जीवन की प्यारी आस 
दिल में होती जब ममता की प्यास
औलाद करती है बस माँ की तलाश। 

नौ महीने तक कोख में रखती जो
हर दर्द को खुशी से सह जाती है
प्रसव के समय की असहय पीड़ा
सहकर भी फूली न समाती है।

बच्चे को लेकर अपनी गोद में
मानो जन्नत का सुख पाती है।
स्वयं भूखी-प्यासी रहकर भी
औलाद का पेट भर जाती है।

बच्चे की होती पहली पाठशाला
जीवन का अहम पाठ पढ़ाती है।
चोट लगती है जब भी संतान को
दर्द से बेचैन स्वयं आंसू बहाती है।

देख संतान के चेहरे पर मुस्कुराहट
पाती सुख संसार, सर्वस्व लुटाती है।
उनके उलझे सवालों का जवाब दे
उचित-अनुचित का भेद बताती है।

होती बच्चे के लिए संपूर्ण सृष्टि माता
इस अटल सत्य को माने है विधाता
पूजे जो माँ को जीवन में सुख पाता 
समझे ना महत्त्व वह सदा पछताता।

डॉ. अर्पिता अग्रवाल
नोएडा, उत्तरप्रदेश

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13 Comments

Nand Gopal Goyal

31-Jan-2022 05:56 PM

Nice

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Sudhanshu pabdey

28-Jan-2022 12:31 PM

Very nice 👌

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Punam verma

28-Jan-2022 12:18 AM

Nice

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