Lalita Vimee

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मेरे चंद अहसास

तारीख़
लम्हों की खता, दर्द-ए-ज़िंदगी बन गई,
       इसे हाथों की लकीरों से मिटाएं कैसे
मिलने बिछुड़ने का दिन एक था,
    फिर तारीख़ को कैलेंडर से हटाएं कैसे???
     विम्मी

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