भोजन
भोजन
भोजन हमारे जीवन का एक बेहद खास हिस्सा है ।और भोजन से हमें शक्ति मिलती हैं ।लेकिन क्या आपने ये सोचा है कि हर व्यक्तिके लिए भोजन का भी समय होता है ।हम हर समय कुछ न कुछ खातें हीं रहते हैं चाहें उससे हमारा कोई फायदा हो या न हो।
लेकिन ज्यादा खाने से मोटापा,अपच जैसी कई सारी बीमारियाँ भी हो सकती हैं ।और तो और रात को खाने से कितने कीटाणु हमारे शरीर में चले जाते हैं और उससे हम बीमार हो सकते हैं ।रात को खाने में चींटी,मच्छर,जूॅ आदि खाने में आ जाएँ तो क्या होंगा ।
हमारे जैन धर्म में तो रात्रि भोजन 'राक्षसों 'का भोजन है ।और जिससे हमारे शरीर में विषैले तत्व खाने में आते हैं ।और हमारे यहाँ तो छोटे छोटे बच्चे भी रात को नहीं खाते हैं ।
हमें यह ध्यान रखना चाहिए कि हमें रातमें नहीं खाना चाहिए ।कम से कम खाने-सोने में 4घण्टे का अंतराल होना चाहिए ।
ये हमारा पेट हैं,पेटी नहीं ।जिसे जितना भरा जाएँ,उतना कम है ।सुबह नाश्ता फिर चाय फिर जूस फिर लंच फिर चाय फिर डिनर ये क्या है और क्यो ।हमें अपना पेट भरना है या पेटी ।
मुझे अपने जैन होने पर गर्व है ।और हाँ हम रात्रि भोजन भी नहीं करते हैं ।क्योकि हम राक्षस नहीं इंसान हैं ।और हमारे अंदर भी एक दिल हैं ।जब बेजुबान जानवर भी रात को नहीं खाते हैं तो हम तो फिर भी इंसान हैं ।
गाय,बकरी ये सब भी रात को घास नहीं खाते हैं ।लेकिन हम इंसान रात को क्यू खाते हैं ।
क्यू?ये मेरी समझ में नहीं आता है ।
Aliya khan
20-Jul-2021 07:14 PM
Badiya👏👏👏
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Payal vaya
14-Jun-2021 06:59 PM
Thanks
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Apeksha Mittal
13-Jun-2021 09:30 AM
बहुत अच्छा लिखा आपने मेंम , ओर आपका लिखने का तरीका कमाल का है , 👍👍
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