एक मुलाक़ात....❣️( भाग - 20 )
सगाई का दिन ,,,,,,,,
आज अनु कि सगाई थी विद्युत के साथ अनु बेचेन सी रूम में चकर लगा रही थी आरव कि बातें उसके दिमाग में घूम रही थी उसे डर था कि वो कुछ गलत ना करें वो इसी परेशान मे उलझी थी कि राधिका जी उसके कमरे में आई ।।
राधिका जी - अनु लाड़ो हमें माता राजी के यहाँ ये चुनर चढ़ानी है हमारे यहाँ का रिवाज़ है रोका सगाई से पहले ये करने का तो ये कुछ रसम के लिया खास खानदानी पोशाक् है तो पाँच मिनट में तैयार हो जाओ ।।
अनिशा हा बोल के चेन्ज करने चली जाती है और थोड़ी देर बाद राधिका जी काव्या मिशा सांची अनाया के साथ मंदिर आ जाती है ।।
वहीं आरव भी सीढिया चढ़ के अवनि और सौम्या के साथ वहीं आ रहा होता है ।।
अनु को उसके होने का एहसास हो जाता है पर वो उस देख नहीं पाती वो राधिका जी से चुनर् लेती है और महा पंडित जी के पास उसे चढ़ाने चली जाती है आरव भी महा पंडित के पास आता है इससे बेखब कि अनिशा भी वहां है वो आ कर उन्हें एक थल देता है और वहीं हाथ जोड़ खड़ा हो जाता है ।।
अनिशा अपनी चुनरी माँ को चढ़ाने जा रही होती पर उसका हाथ पहोच नहीं पता आरव माथा टेक कर जैसे हि मुड़ता है उसकी नज़र अनु पर पड़ती है तो वो उसे देखता हि रह जाता है संन्तरी रंग कि साड़ी और रजिस्थनि लुक मे वो बहुत प्यारी लग रही थी वो उसे दखे रहा था और उसकी नाकाम कोशिश को भी फिर वो आगे बड़ा और अनिशा कि मदद कराने लगा अनिश ने उसे देखा तो हैरान हो गई उसने अपने नज़र फिर से माता जी मूर्ति पर कर ली दोनों ने मिल के चुनर उड़ाई महा पंडित ने दिखा तो उन्हें लगा दोनों नए जोड़े है उन्होंने दोनों को साथ रहने का आशीर्वाद दे दिया अनिशा ने आरव कि तरफ देखा वो मुस्कुरा रहा था अनिशा खीज के वहां से बाहर आ गई ,,,,,,
आरव ने माँ के सामने हाथ जोड़ा और मन मे बोला - शुक्रिया माता रानी आपने फिरसे हमें साथ रहने का आशीर्वाद दिया जयपुर में तो हमें पता नहीं था गलती समझ कर भूल गए पर आज ख़ुशी हुई थैंक यू थैंक यू सो मच ,,,,,,,बस अब जल्दी से ये मसला सुलझा लू आशीर्वाद देना कि सब जल्दी ठीक करलू और वो भी माथा टेक वहां से चला गया ।।
***********🏰अनिशा का घर🏰 ***********
पूरा सेठिया भवन दुल्हन कि तरह सजा हुआ था दिल्ली के जाने माने व्यापरी लोग आए थे वीरेन सेठिया कि कंपनी भी बेस्ट टेक्सटाइल कंपनी में गिनी जाती है तो एक लोती बेटी कि शादी मे कोई कसर थोड़े छोड़ेंगे इस पार्टी में आरव कि फॅमिली भी इन्वाइट थी क्यूँ कि मित्तलस का नाम भी दिल्ली कि हि नही एशिया कि बेस्ट फैशन कंपनी मे आता था रघुवीर मित्तल वीरेन सेठिया के यानी अनिशा के पापा के दोस्त भी थे दोनों एक दूसरे के गले मिले और अंदर आ गए थोड़ी देर बाद विद्युत और उसकी फॅमिली भी आ गई ।।
विद्युत को देख कर मिताली कि आंखे बड़ी हो गई आरव हैरान हो गया उसके मुँह भी सिर्फ इतना हि निकला " ये यहाँ " !!
(मिताली और आरव ने एक दूसरे को देखा और विवान के साथ वहां से दूसरी तरफ आ गए )
मिताली - आरव ये....ये तो विद्युत हे और ये अनिशा से शादी क्यूँ कर रहा ,,,,,,,,बल्कि अनिशा हि क्यूँ कर रही है ,,,,,क्या उसे पीटीसी नहीं ये कैसा है ,,,,इसके लिए लड़की सिर्फ एक खिलोना है 😡😡 ,,,,, ये सब क्या हो रहा है आरव 😟😟
आरव भी यही सोच रहा था कि ये सब हो क्या रहा क्यूँ कि वो सब विद्युत को जानते थे कि वो कैसा है क्यूँ कि विद्युत लंदन मे उनका सीनियर था 1 ईयर मे हि आरव और विद्युत के बीच बहुत बड़ी लड़ाई हुई थी इसलिए उसे देख आरव का खून खोल गया कि आनिशा इसे प्यार करती है ये सोच उसका गुस्सा और बढ़ गया ,,,,,, वो गुस्से से विद्युत को घूर रहा था।।
कि तभी सीढ़ियों से मिशा काव्या अनाया के साथ नीचे आ रही थी उसे देख आरव कि आँखों के अंगारे शांत हुए और वो अनिशा को देखते रह गया सबकी नज़र अनिशा पर थी उसने लाइट ग्रीन लेहंगा पहना था बहुत सी सिंपल लुक लिया हुआ था गली मे चौकर
वो आके विद्युत के साथ खड़ी हो गई सर झुकाये विद्युत ने उसे देखा और उसने उसका हाथ पकड़ लिए उसका चूना जहां अनिशा को अच्छा नहीं लगा वहीं आरव ये देख गुस्से और जलन से भर गया उसने अपनी नज़र एक बार अनिशा पर डाली और दूसरी तरफ चला गया ,,,,,,,थोड़ी देर बाद वीरेन जी ने सगाई कि अलोउन्मेंट कि और राधिका जी ने अनिशा को रिंग दी और शोभा जी ने विद्युत को रिंग दी विद्युत ने अनिशा को रिंग पहना दी ,,,,,,अनिशा कि बारी आई तो उसकी नज़र सामने राधिका जी के पीछे खड़े आरव पर चली गई उसकी धड़कन बढ़ गई आरव मुस्कुरा के उसे देख रहा था अनिशा को उसकी मुस्कान बेचेंन कर रही थी उसने अपनी नज़र हटाई और हिम्मत बाँध के विद्युत को रिंग पहना दी ,,,,,, सब तरफ तालियों कि आवाज़ गुज्ने लगी सब उन्हें आशीर्वाद दे रहे थे ।।
आरव भी उन्हें बधाई देने आया उसे देख विद्युत कि आँखों मे भी थोड़ा गुस्सा आ गया क्यूँ कि वो अनिशा से जुड़ी सारी बातें जानता था और अनिशा आरव कि नज़्दीकी उसे बर्दाश नहीं हुई तभी तो उसने ऐसा किया वो नकली मुस्कान लिए उसे थैंक यू बोला आरव ने अनिशा को एक नज़र देखा अनिशा उसे नज़र नहीं मिला रही थी वो उसे बुके दे के बड़े देकर चला गया ।।
पार्टी बहुत बुरींग चल रही थी आयुष ने गाना लगवाया और जितने भी जोड़े थे उन्हें स्टेज पर भुला लिया सारे बड़े लोग बैठ कर बातें करने लगे और पार्टी एन्जॉय करने लगे बाकी आरव - मिताली ,,,,,विवान - मिशा,,,,, नील - अवनि,,,,, सौम्या - अभय,,,,आयुष - सांची और विद्युत - मिशा सब couple पेअर में आ गए और गाना प्ले हुआ और सब अपने पार्टनर के साथ धीरे धीरे धिरक्ने लगे
कैसे बताये क्यूँ तुझको चाहें, यारा बता न पाएं
बातें दिलों की, देखो जो बाकी, आँखें तुझे समझाएं
तू जाने ना.. तू जाने ना..
मिलके भी हम ना मिले तुमसे न जाने क्यूँ
मीलों के हैं फासले तुमसे न जाने क्यूँ
अनजाने हैं सिलसिले तुमसे न जाने क्यूँ
सपने हैं पलकों तले तुमसे न जाने क्यूँ
कैसे बताये क्यूँ तुझको चाहें,
यारा बता न पाएं बातें दिलों की, देखो जो बाकी,
आँखें तुझे समझाएं तू जाने ना.. तू जाने ना..
(इस बीच आरव और अनिशा कि नज़र एक दूसरे पर पड़ी आरव उसे हि देख रहा था अनिशा कि हिम्मत नहीं थी कि उसे देख सके सब अपने अपने पार्टनर के साथ सब भूल के गुम थे एक दूसरे में ,,,,,,,
मिताली जो आरव को नोटिस कर रही थी विद्युत अनिशा को साथ देख आरव का हाल भी समझ रही था उसने सबको देखा तो सब बड़े रोमेंटिक होके लगे पड़े थे एक दूसरे के साथ नाच ने में उसने अपना माथा पीट लिया ,,,,फिर उसने काव्या को इशारा किया तो काव्या ने माइक उठाया और बोली "नाउ गुय्स चेन्ज योर पार्टनर तो सबने अपने अपने पार्टनर को गुमा के खुद दूसरी दूसरी तरफ गुम गए विद्युत को ना चाहते हुए भी अनिशा का छोड़ना पड़ा
अब अनिशा नील के साथ थी तो उसके चेहरे पर थोड़ा सुकून था और कन्फेटेबल फील हुआ एक बार फिर पार्टनर बदले तो इसबार अनिशा आरव के पास चली गई ,,,,, अनिशा उसे देर दूर होने लगी तो आरव ने उसकी कमर पर हाथ रख उसे अपने पास कर लिया एक हाथ कमर पर और दूसरा उसके हाथ मे अनिश का हाथ आरव के कंधे पर था ,,,,, विद्युत के साथ उसे जितना unconfertable फील हो रहा था आरव के पास उसे उससे ज्यादा हि सुकून मिल रहा था दोनों एक दूसरे कि आँखों मे खो से गए ये देख विधुत का खून खोल उठा मिताली उसके साथ थी और ये देख उसे बड़ी ख़ुशी हुई ।।)
निगाहों में देखो मेरी जो है बस गया
वो है मिलाता तुमसे हुबहू वो..
जाने तेरी आँखें थी या बातें थी वजह
हुए तुम जो दिल की आरजू
तुम पास हो के भी, तुम आस हो के भी
एहसास हो के भी अपने नहीं
ऐसे हैं हमको गिले तुमसे न जाने क्यूँ
मीलों के हैं फासले तुमसे न जाने क्यूँ
कैसे बताये क्यूँ तुझको चाहें,
यारा बता न पाएं बातें दिलों की,
देखो जो बाकी, आँखें तुझे समझाएं
तू जाने ना.. तू जाने ना.. तू जाने ना.. तू जाने ना..
(पार्टी खत्म हुई और सब लोग विदा ले के चलें गए )
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विद्युत का रूम वो अपने रूम मे गुस्से से सब चीज़ फेक रहा था उसके सामने अनिशा और आरव के साथ किया dance आ रहा था आरव का उसे चूना और अनिशा का कोई रियेक्ट ना करना उसे और गुस्सा दिला रहा था तुम सिर्फ मेरी हो तुम्हें छुने का हक मुझे है उसकी हिम्मत कैसे हुई और तुमने उसे रोका क्यु नहीं एनी मेरे चुने से दूर भाग्ती है और उसके साथ 😡😡 अब उसे सजा मिलेगी उसने विद्युत कि चाही चीज़ कि ओर नाराज़ डाला है और तुम्हें तो मैं पा कर रहूँगा अनिशा चाहे मुझे कुछ भी करना पड़े एक खरनाक मुस्कान दिए वो बाथरूम में चला गया ।।
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💞सुधा यादव 💞
सिया पंडित
21-Feb-2022 05:28 PM
काफी अच्छा लिखा है आपने।
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Seema Priyadarshini sahay
16-Feb-2022 04:12 PM
बहुत बढ़िया, बेहतरीन
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Pamela
03-Feb-2022 12:21 AM
विद्युत अब कुछ न कुछ कांड करेगा ही... मजा आ रहा पढ़ने में...!
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