इन लव विथ बिलियनेयर( कॉन्ट्रैक्ट मैरिज ) (भाग-21)
नोट - एक बात कहना है की कहानी में कैरेक्टर्स ज्यादा है 😊उम्मीद है आप लोग समझेंगे क्योंकि मैं सभी पात्रों को इंपोर्टेंस देती हु तो सभी के सीन्स होंगे लिटरली सब एक दूसरे से इंटरकनेक्टेड है तो होप सो कोई आगे जाकर परेशान नहीं होगा और साथ में हर टैग का डीप में प्रयोग हुआ है चाहे वो कॉमेडी हो , Emotional seen ,रोमांस हो या सस्पेंस से भरपूर ..🤗सबका जबरदस्त मेल है ।
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फ़्लैश बैंक मे ❤️
अवनी पेपर उठाती और और उसे सीधा करके पढ़ने लगती है जिसमे लिखा होता है कि ,
बेटा मुझे पता है तुम मुझसे बहुत ज्यादा नाराज रहते हो , सीधे मुंह बात भी नहीं करते , मै सच में तुम्हारे लिए सिर्फ खुशियां चाहता हूं पर वो चीज नहीं दे सकता जो मुझे सबके सामने झुका दे इसलिए तुम्हे मेरी बात माननी होगी और मै सच बोल रहा हूं कि तुम्हारी मॉम की डैथ सिर्फ एक एक्सीडेंट था...उसमे मेरी ग़लती नही थी......
( अब प्रेजेंट में )
अवनी पेपर पढ़ कर हैरानी से ही देखने लगती है......तभी कोई पीछे से कहता है ,
( तुम क्या कर रही हो यहां ??..अवनी टेबल पर पेपर रख कर हड़बड़ा कर पीछे मुड़ती है और देखती है कि अनंत जी लैपटॉप एक हाथ में लिए उसे सवालिया नजरो से देख रहे है )
अनंत -( एक बार फिर से ) तुम क्या कर रही हो यहां ?
अवनी - ( हिचकिचाकर ) वो...वो ..मै डोर बन्द करने आईं थीं ....
( अनंत जी बिना कुछ कहे अंदर आ जाते है और अवनी रूम से बाहर निकलकर गार्डन में चली आती है ....रात के 9 बज गए होते है और सारे गेस्ट जा चुके होते है .....अवनी अकेले ही गार्डन मे घूमने लगती है तो कोई पीछे से आकर उसकी कमर पकड़ लेता है .......अवनी डर के मारे उसे एक कोहनी मार देती है और दूर हट कर मुड़कर देखती है तो ऋषभ अपने पेट को दोनों हाथों से पकड़ कर खड़ा होता है गुस्से में 😡......
ऋषभ - ऐसे कौन मारता है ?
अवनी -( हंसते हुए ) पीछे से कौन पकड़ता है फिर..... मुझे लगा.....( अवनी चुप हो जाती है )
ऋषभ - क्या लगा ??
अवनी - कुछ नहीं लगा ...
ऋषभ - ओह अब समझा क्या लगा आपको ...रुकिए दिखाता हूं ...
( ऋषभ अवनी को एक पिक दिखाता है ,)

अवनी चिल्ला कर उसका फोन दूर फेंक देती है और गुस्से में कहती है ,
अवनी - आप .......आप पागल है क्या ? ऐसी फोटो कौन दिखाता है रात में ....😡
ऋषभ - पागल तो मै पहले था नहीं ,
अब हो गया हूं ,
दिन रात किसी के ख़यालो
मै खो गया हूं .....
अवनी - ( घूरते हुए ) किसके ख्यालों मे ..
ऋषभ -( इधर - उधर देखते हुए ) आप यहां क्या कर रही है थी बाहर ?
अवनी - घूमने आई थी ...पर आपने
ऋषभ - ( थोड़ी सख्ती से ) आप शायद भूल गई है कि रूल के हिसाब ....
( बीच में ही )
अवनी - जी मुझे याद है कि रूल नंबर 2 के हिसाब से मै घर से बाहर नहीं जा सकती ( मुस्कुराते हुए ) पर ये मॉम का घर है आपका भूतिया हवेली नहीं ..इसलिए नो रूल्स...
( पीछे से ही आनंद कहता है )
आनंद - कैसा रूल भाभी ?
( दोनों एक दूसरे को देखने लगते है ...फिर ऋषभ कहता है )
ऋषभ - यही रूल की मै और तुम्हारी भाभी एक ही प्लेट मे खाएंगे ..
आनंद - वाउ... सो रोमांटिक 😍...पर पहले अंदर चले एक रसम रह गई है हमारी माता जी की कृपा से ....
( आनंद आगे आगे चलने लगता है और पीछे ऋषभ और अवनी लड़ते हुए ,)
अवनी - मै नहीं खाऊंगी....
ऋषभ - खाना पड़ेगा ..
अवनी - ( धीरे से ) हां मेरी जूती ...
ऋषभ - पति से कोई ऐसे बात करता है ...
अवनी -( हंसते हुए ) पति .....जी पतिदेव पर मै नहीं खायूंगी....
ऋषभ - फिर मै ....
अवनी - मै क्या ....अब तो आपके पास कुछ है नहीं ब्लैकमेल करने के लिए ...ब्लैकमेलिंग मशीन ....
ऋषभ - ( मुस्कुराते हुए ) बहुत कुछ है पर कहना नहीं चाहता ....
( और फिर ऋषभ अंदर चला जाता है .....अवनी उसे हैरानी से देखने लगती है और सोचती है कि ( ये हमेशा पहेली कि तरह ही क्यों बात करते है )..
आनंद - क्या हुआ भाभी ...भाई को क्या हुआ ...
अवनी - कुछ नहीं अंदर चलिए ...
( दोनों फिर अंदर आ जाते है और हॉल में सभी लोगो के साथ बैठ जाते है , फिर टविंकि और विहान दूध से भरा हुआ गहरा परात लेकर आते है......और अवनी - ऋषभ के सामने रख देते है )
परी - अरे इसमें तो रिंग फाइंड करनी है ना 😍 मैने टीवी में देखा है .......( ऋषभ से ) भैया मै आपके साइड से ..
आनंद - विहान - हम भाभी से साथ फिर ...
ट्विंकी - हम ऋषभ के साथ फिर ,( रिया बीच मे ) मै भी ऋषभ के साथ ...
खुशी - मै आनंद जी के साथ
( सब उसकी तरफ देखने लगते है और आनंद तो अपना फेस धक लेता है )
खुशी - मेरा मतलब अवनी के साइड ....ही
आदि - विवेक - हम आप दोनों लोगो के साथ है .....
निहारिका जी फिर रोहन से मुस्कुराते हुए पूछती है ...बेटा अब आप भी कोई टीम चूस कर लो ....
रोहन - जहां खुशी जी वहां मै ...
( रोहन फिर खुशी के साइड मे खड़ा हो जाता तो आनंद उसे गुस्से में देखने लगता है और हाथ में लिया हुआ फ्लॉवर मसल देता है ...तभी सपना जी ( विहान की मॉम ) कहती है ,
सपना जी - चलो चलो अब शुरू तो करो ...और रिंग डाल देती है
( सब फिर नजरे गड़ा कर दोनों लोगो के साइड बैठ जाते है और ऋषभ - अवनी एक दूसरे को तरफ देखते है और एक साथ ही परात मे हाथ डाल देते है ,
( पीछे से सब बोलने लगते है भाभी भाभी तो कभी भाई भाई )....दोनों हाथ डालकर ढूंढ़ने लगते है तो अवनी कहती है ,
अवनी - नहीं मिलेगा ..हाथ बाहर कर लीजिए ...
( पर ऋषभ तो आखिर ऋषभ है वो कहा सुनने वाला ...वो अवनी की तरफ देखता है तो अवनी उसे देखने लगती है इसी चक्कर में ऋषभ ...रिंग निकाल कर कहता है ,
ऋषभ - मिल गई ...
आनंद - ओह नो
खुशी - 2 चांस और है अभी ...
( फिर से दोनों रिंग फाइंड करने लगते है तो अवनी अंदर से ही ऋषभ की उंगली पकड़ लेती हैं और अपने दूसरे हाथ से अपना फेस साफ करने लगती है ...ऋषभ उसकी तरफ ही देखने लगता है और इस बार अवनी ..उसके मुट्ठी से रिंग ले लेती है ......फिर वो मुस्कुराते हुए रिंग दिखाती है ....
रिया - अब लास्ट चांस है...अब जो जीतेगा वहीं पूरी लाइफ राज करेगा ...
( एक बार फिर से शुरू होता है पर इस बार रिंग ..ऋषभ खुद ही उसके उंगली मे पहना देता है ...... सब उसे हैरानी से देखने लगते है तब आनंद कहता है ...)
आनंद - वाह एक तरह से तो भाभी जीत गई अब वो भाई पर राज करेंगी वाह वाह ... मजा आएगा
ऋषभ - ( जाते हुए कहता है ) राज तो होगा
( और फिर चला जाता है डायनिंग टेबल पर ....सब अवनी को कंग्रेट्स कहते है और अपने अपने कमरे में चले जाते है सिवाय अवनी , आनंद , खुशी के )
खुशी -( अवनी ) चलो डिनर नहीं करना क्या ?
आनंद - वो भाई की प्लेट में खाएंगी ...
खुशी - ( मुस्कुराते हुए ) सही है आनंद जी...
आनंद - मै तो हमेशा ही सही होता हूं...
खुशी - जी .
( फिर वो डिनर करने लगती है तो आनंद .. अवनी से कहता है )
आनंद - भाभी एक बात कहूं ?
अवनी - जी बोलिए देवर जी ...
आनंद - ये रोहन मुझे कुछ सही नहीं लगता है.......
अवनी - ऐसे मत बोलो वरना शायद खुशी को बुरा लग जाए ..
आनंद - भाभी बुरा तो मुझे लग रहा है ...
अवनी - अरे आपको क्या हो गया ? आप क्यों दुखी हो रहे ...
आनंद - ( मुस्कुराते हुए ) वो कुछ नहीं भाभी बस ऐसे ....आप डिनर कर लीजिए वरना ये खडूस भड़क ना जाए ...
( आनंद वहां से जाने लगता है तो अवनी उसका हाथ पकड़ कर अपने साइड में बिठा लेती है और कहती है सब सही सही बताओ क्या हुआ है ...और सच सिर्फ )
आनंद - ( सर नीचे करते हुए )भाभी ...खुशी जी खुश नहीं है ...
अवनी - ( खुशी की तरफ देखते हुए ) मेरी खुशी ..खुश तो लग रही है ....
आनंद - उनका चेहरा ध्यान से देखिए ...आपको नहीं लगता कि .....वो रोई है ....
अवनी -( शॉक से ) क्या ..मेरी खुशी रोई है ...पर क्यों ..किसकी इतनी हिम्मत जिसने मेरी ख़ुशी को रुलाया
आनंद - मै .
अवनी - आप .आप ऐसा नहीं कर सकते है .....
आनंद - ( एक ही सांस से ) भाभी खुशी जी खुश नहीं है , उन्हे ये शादी नहीं करनी , वो रोहन को पसंद नहीं करती है , मुझे ये जबरदस्ती कि शादी लग रही है , ये रोहन मुझे भी नहीं पसंद ...ये मुझे कुछ गड़बड़ लगता है ..और मै खुशी जी से बहुत ज़्यादा प्यार करता हूं ....और इन्हे मै किसी गलत आदमी से शादी नहीं करने दूंगा ...वो सिर्फ मेरी है .
(अवनी उसे हैरानी से देखने लगती है .....तो आनंद कहता है)
आनंद - आई नो भाभी आपको शायद ये सब अजीब लग रहा होगा पर मै सच्ची खुशी जी से बहुत प्यार करता हूं .....प्लीज़ आप कुछ करिए ना ...मेरी खुशी ... मुझे ही चाहिए ...
( और आनंद की आंखो से आंसू बहनें लगते है ... और वहां से उठ कर चला जाता है ......आज पहली बार अवनी ने आनंद के आंखो मे आंसू देखे होते है ...वो थोड़ा हड़बड़ा जाती है ........उसे घबराहट सा महसूस होने लगता है .....वो खुद को संभालते हुए अपने रूम मे पहुंचती है और
ऋषभ ( जो सोफे पर बैठा होता है ) उसे कहती है ,
अवनी - ऋषभ जी ...
( ऋषभ उसे ऐसी हालत में देखता है तो उठ कर उसे अपने पास बैठाता और पानी देकर पूछता है )
ऋषभ - आप ठीक तो है ?
अवनी - कुछ ठीक नहीं है .
ऋषभ - क्या !!...क्या मतलब ???
अवनी - ( शांति से ) आज पहली बार मैंने देवर जी के आंखों में आंसू देखे ......
ऋषभ - ( गुस्से में ) क्या .....किसकी इतनी मजाल जिसने मेरे भाई को रुलाया
अवनी - वो प्यार करते है ....
ऋषभ - प्यार .....
अवनी - हां मेरी खुशी से ...
ऋषभ -( शॉक में ) पर उनकी तो शादी तय हो गई है ...
( अवनी फिर ऋषभ को सब बताती है जो आनंद ने उसे बताया होता है ....)
अवनी - मुझे कुछ अच्छा नहीं लग रहा ( ऋषभ की तरफ मुड़कर कंधे पर हाथ रखकर ) प्लीज़ ऋषभ जी कुछ करिए ना .......( उसकी आंखो में भी आंसू बहने लगते है )
ऋषभ - पहले आप रोना बंद कीजिए ...मै पता करता हूं सब.........ठीक है .....
( अवनी कुछ नहीं कहती है और उससे लिपट कर आंखे बंद कर लेती है .......ऋषभ उसकी तरफ देखने लगता है और अपने काम में लग जाता है ......थोड़ी देर बाद अवनी सोते हुए हिलती है तो ऋषभ डर कर हाथ ऊपर कर लेता है और कहता है )
ऋषभ - मैंने कुछ नहीं किया ....
( जब कोई आवाज नहीं आती तो ऋषभ अपना काम छोड़ कर अवनी की तरफ मुस्कुराते हुए देखता है और कहता है )
ऋषभ - सॉरी मिसेज कश्यप पर मै रूल्स नहीं ख़तम कर सकता ....सब आपके लिए ही कर रहा हूं ..
( फिर वो भी वही सोफे पर सो जाता है अवनी को पकड़े हुए ).........
❤️❤️❤️
अगली सुबह अवनी जब उठती है तो खुद को ऋषभ के बाहों में पड़ी हुई पाती है तो कहती है ,
अवनी - कल रात पी ली थी क्या आपने जो मुझे ऐसे पकड़ा हुआ है ...
( ऋषभ आंखे बंद किए हुए कहता है )
ऋषभ - कल रात आपने पकड़ा था मैंने नहीं ....
अवनी - ( सोफे से उठकर )आपने
( भागकर वॉशरूम मे चली जाती है और खुद से कहती है - ( माथे पर मारकर ) मूर्ख लड़की ..खुद ही तो पकड़ी थी....
ऋषभ - ( बाहर से ही ) मैंने कहा था ना कि आपने पकड़ा था ...
( गुस्से में ही एक मग पानी लेती है और दरवाजा खोल कर सोते हुए ऋषभ को देखती है और (मुस्कुराकर ) पानी फेंक कर हंसने लगती है तो .ऋषभ हड़बड़ा कर आंखे खोलता है और कहता है ,
ऋषभ - अब तो आपकी खैर नहीं ....
( अवनी भागकर जैसे ही बाथरूम का डोर बंद करने लगती है .......ऋषभ दरवाजे के बीच पैर अडा लेता है और कहता है अब तो आप नहीं बचने वाली )
अवनी - पीछे हटिए वरना चिलायुंगी .....
ऋषभ - तो चिलाइए ...( मुस्करा कर ).कोई नहीं आने वाला .
अवनी - ऋषभ जी हटिए ना ...
( ऋषभ फिर हटने के बजाए ..अवनी के करीब बढ़ने लगता है ... जिससे अवनी वॉशरूम के अंदर हो जाती है तो थोडा और ऋषभ आगे बढ़ने लगता है और तभी अवनी ..... बाथटब से टकरा जाती है जिससे वो गिरने लगती है तो ऋषभ उसकी कमर को पकड़ लेता है .....)
अवनी - छोड़ दीजिए ...
ऋषभ - छोडा तो आप गिर जाएंगी ......
(अवनी उसकी तरफ ही देखने लगती है और ऋषभ एक मग पानी लेता है और अवनी को भिगोते हुए कहता है ,)
ऋषभ - जैसे को तैसा मिसेज कश्यप .....
अवनी - अभी बताती हु मिस्टर कश्यप ...
( वो फिर सीधे खड़ी होती है और ऋषभ को धक्का मारकर बाथटब मे गिरा देती ...... फिर हंसते हुए कहती है ,
अवनी - अब आया मजा
ऋषभ - आपको भी आएगा मिसेज कश्यप... डोंट वरी ...
ऋषभ जैसे ही मग मे पानी भरता है ...अवनी शॉवर🚿🚿🚿 चालू कर देती है ..
ऋषभ - शॉवर बंद कीजिए ...( आंखे दिखाते हुए )
( तभी बाहर से ही आनंद कहता है ,)
आनंद - भाभी ...भाई कही नजर नहीं आ रहे ....कहीं( हंसते हुए ) आप नहला तो नहीं रही ....
अवनी - ( हंसते हुए ) जी नहला ही रही हूं ....
आनंद - क्या सच में
अवनी -( जीभ बाहर करके ) नहीं नहीं...मजाक कर रही थी ....आप जाइए .....डोर बंद कर दीजिएगा ....ऋषभ जी बाहर है ...
आनंद - ठीक है भाभी .....
( आनंद के जाने के बाद )
अवनी - बच गई मै आज ..
ऋषभ - मुझसे कौन बचाएगा ....
( जैसे ही वो अवनी का हाथ खिचने जाता है वो भाग कर दरवाजे के पास आ जाती है और कहती है ये कभी नहीं होगा बाय )
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बाद ने दोनों फिर रेडी होकर नीचे आ जाते है .....सब लोग ब्रेकफास्ट करते है और फिर निहारिका जी ऋषभ - अवनी का टीका करती है और कहती है ,
निहारिका जी - मुझे अच्छा नहीं लग रहा कि तुम दोनो जा रहे ...
अवनी - डोंट वरी मॉम मै आपसे मिलती रहूंगी (ऋषभ की तरफ देखकर ) सही बोला ना मैंने ...
आनंद - भाई से क्यों पूछ रही है ....आप बस एक काल कीजिएगा हम खुद आ जाएंगे लेने ...( विहान से ) क्यों भाई ?
विहान - बिल्कुल ......
ऋषभ - ठीक है मॉम हम चलते है ........
( दोनों फिर जाने लगते है तो ऋषभ जाते हुए आनंद को कहता है )
ऋषभ - कबसे प्यार करते हो ?
( आनंद मुंह खोल कर देखने लगता है और कहता है )
आनंद - क्या मतलब ?
ऋषभ - ( कार में बैठते हुए ) अगर मतलब नहीं समझ आता तो तुम्हारा जग कोई और ले जाएगा ......
आनंद -( अवनी की तरफ देखते हुए ) भाभी ...
( अवनी कुछ कहती उससे पहले ऋषभ कार स्टार्ट करके निकल जाता है ....)
अवनी - ये क्या .....मुझे बात भी नहीं करने नहीं दिए ...
ऋषभ - बात तो मै करूंगा अब आपसे .....
अवनी - आप इंसानों की तरह भी कभी बात कर लिया कीजिये .....
( ऋषभ कोई जवाब नहीं देता है और मुजिक ऑन कर देता है )
एक चतुर नार बड़ी होशियार
एक चतुर नार बड़ी होशियार
अपने ही जाल में फँसत जात
हम हँसत जात अरे हं हं हं हं हं
अवनी -( हंसते हुए ) ये सोंग बहुत ज्यादा मजेदार है ( अचानक से )कार रोकिए ...
ऋषभ - ( कार ब्रेक मारते हुए ) क्या हुआ ?
( अवनी फिर इशारों से ऋषभ को कहती है वो देखिए ...ये रोहन जी है ना ?)
ऋषभ - हां शायद वही है ...किसी काम से आए होंगे .....
अवनी - आप इतने बड़े कंपनी के मालिक होकर .. मूर्ख की तरह क्यों बात कर रहे .
ऋषभ - अरे ....
अवनी - वो देखिए ...कोई लड़की भी है साथ मे ...
ऋषभ - खुशी जी होंगी ....
अवनी - वो मॉम के घर पर है मूर्ख जी ( हंसने लगती है )
ऋषभ - आपको तो अब सच में ही घर पर बताएंगे ...
अवनी - ठीक है ठीक है सामने देखिए .....
( दोनों फिर सामने देखने लगते है तो वो देखते है कि दोनों कुछ बात कर रहे है ...फिर गुस्से जैसे रिएक्शन दिखने लगते है )
अवनी - ये लड़ क्यों रहे ,?
ऋषभ - पूछ कर आते है मूर्खो की रानी ........
अवनी - आप पूरे बदल चुके है
(तभी वो देखते है रोहन उस लड़की को एक थप्पड़ मार रहा )
❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️
Ashant.
26-Apr-2022 09:06 PM
Very nicely written
Reply
Preeta
13-Feb-2022 12:59 AM
जबरदस्त...🤣🤣🤣🤣🤣🤣🤩🤩🤩
Reply
रतन कुमार
05-Feb-2022 05:51 PM
Rohan ne mara pr ku agala bhag kab ayega mujhe jaldi se janna h
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