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अकाल

अकाल

 होता है भोजन का व्यापक अभाव
डालता है यह जनजीवन पर प्रभाव
मृत्यु दर बढ़ती,राशन का बढ़ता भाव
भुखमरी कुपोषण हैं इसके दुष्प्रभाव।

कभी भूकंप, झंझावात बनते कारण
अतिवृष्टि-अनावृष्टि भी करते संचारण
खत्म हो जाता है अनाज का भंडारण
त्राहि-त्राहि का होता चहुँ ओर उच्चारण।

 जब भी आता है ऐसा भयंकर काल
 इतिहास में कहलाता है वह अकाल
 जब-जब फैलाता यह अपना जाल
 अर्थव्यवस्था की धीमी होती चाल।

घरों में सूना चूल्हा पीटता रहता है ताव
पूँजीपति की नीयत में भी आए बदलाव
भोजन हेतु कर वसनों का होता बिकाव
अकाल दुर्दशा लाती है जीवन में तनाव।

नर चेत जाओ न करो प्रकृति का नाश
नाराज होकर प्रकृति हमें भी देगी त्रास
नहीं बनना है यदि आपदाओं का ग्रास
अपनी ज़िम्मेदारी का करो अहसास।

डॉ. अर्पिता अग्रवाल
नोएडा, उत्तरप्रदेश

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9 Comments

Sudhanshu pabdey

03-Feb-2022 09:24 PM

Very beautiful

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Dr. Arpita Agrawal

03-Feb-2022 09:32 PM

शुक्रिया आदरणीय 🙏

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Zakirhusain Abbas Chougule

03-Feb-2022 07:06 PM

Very nice

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Dr. Arpita Agrawal

03-Feb-2022 09:33 PM

बहुत बहुत धन्यवाद आदरणीय

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Swati chourasia

03-Feb-2022 05:18 PM

बहुत ही बहेतरीन 👌

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Dr. Arpita Agrawal

03-Feb-2022 09:33 PM

शुक्रिया स्वाति जी

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