Add To collaction

तन्हा छोड़ देते हो!

बड़े अनजान बनते हो, 
जानकर सब तोड़ देते हो
तुम हक़ीक़त की बात करते हो
ख्वाबों में भी तन्हा छोड़ देते हो!


ठुमक कर जो चले पल पर
बहारों की तुम मलिका हो
सावन आता तेरे आने से 
तुम नई खिली कलिका हो।

इतराती भी हो तुम खुदपर
कैसे के मेरी फिक्र होगी
तुम बहती हो नदियों के संग
कहाँ पे मेरी डगर होगी।

तुम तितली बन के उड़ती हो
खुशबू छोड़ जाती हो
लगाता है  दिल जो तुमसे 
दिल उसका तोड़ जाती हो।

बड़ी मेहर है ये तेरी 
क्यों इतने मेहरबान हुए?
मैं जीता था तो पहले भी
अब तुम क्यों मेरे जान हुए?

बिजली गिराकर कर दिल पर
सितम तुम कैसा करते हो
ये पूछा करता है दिल मेरा
तुम, क्यों ऐसा करते हो?

बरसता है अब बादल नहीं
 गरजकर मुँह मोड़ देते हो
तुम हक़ीक़त की बात करते हो
ख्वाबों में भी तन्हा छोड़ देते हो!

बड़े अनजान बनते हो, 
जानकर सब तोड़ देते हो
तुम हक़ीक़त की बात करते हो
ख्वाबों में भी तन्हा छोड़ देते हो!

#ंज

©मनोज कुमार "MJ"

   9
6 Comments

वाह बन्धु वाह 👌👌 क्या खूब लिखा आपने 👌👌

Reply

शुक्रिया भाई

Reply

Ravi Goyal

11-Jun-2021 07:57 AM

Waah bahut khoob 👌👌

Reply

धन्यवाद

Reply

Kumawat Meenakshi Meera

11-Jun-2021 07:52 AM

Bahut khubsurt,Wah

Reply

धन्यवाद

Reply