सुहागरात
सौरभ कि आज ही शादी होकर आई थी। दुल्हन को देखकर सबने दांतो तले उंगली दबाली थी क्योंकि अर्चना बहुत ही सुंदर जी और उनके परिवार के सदस्यों ने नई दुल्हन का अच्छा स्वागत किया था।
नई दुल्हन के आने पर सभी खुश थे। उनके परिवार में बहुत समय बाद खुशियों का मौसम आया था सभी सदस्य इस में सम्मिलित होना चाहते थे।
सौरभ की शादी की आज सुहागरात थी। सौरभ अपने कमरे में अर्चना की प्रतीक्षा कर रहा था। परिवार की औरते अर्चना को आने ही नहीं दे रही थी।
सौरभ की बेचैनी बढ़ रही थी । रात के बारह बजे अर्चना दूध का गिलास लेकर कमरे में आई। और सौरभ को दूध टा गिलास देकर दूर जाकर बैठ गयी।
अर्चना को दूर बैठी देखकर सौरभ बोला," अर्चना तुम आज इतनी दूर क्यौ बैठी हो?"
अर्चना बोली ," मुझे आपसे कुछ कहना है ?"
सौरभ बोला," देखो अर्चना जो भी बात है उसे शॉर्टकट की रखना।"
अर्चना बोली "आपने आज से पहले किसीसे प्यार किया है ?"
सौरभ उत्तर देते हुए बोला ," ना बाबा मै इन प्यार की बातों से बहुत दूर था । आज इनकी बातों पूछने का अब क्या फायदा क्या तुमने किया था?"
अर्चना बोली," हाँ मैने किया है और आज भी मै गौरव से प्यार करती हूं प्लीज गलत मत सोचना ।वह भी मुझे बहुत करता है हम दोनों शादी भी करना चाहते थे और इसके लिए मेरे पापा तैयार नहीं हुए जब उनको हमारी प्रेम कहानी का पता चला उन्होंने मुझे घर से निकलना बंद कर दिया। मुझे कमरें में नजरबंद कर दिया गया और उसके बाद आपके साथ मेरा रिश्ता तय कर दिया। "
" क्या ? अर्चना तुम्हें अपने किसी बडे़ से बात नहीं करनी चाहिए थी।
अर्चना बोली " मैने बहुत कोशिश की थी लेकिन मेरी किसी ने नही सुनी आपसे भी नही मिलने दिया गया। अब आपके ऊपर है आप कुछ दिन के लिए सुहागरात को आगे बढ़ा लेते हैं । आगे आपकी मर्जी है। मुझे केवल एक बार गौरव से मिलवा दो प्लीज।"
सौरभ बोला," तुम आज यह क्यख बेबकूफी बातें कर रही हो। अब रात बहुत हो चुकी है सो जाओ ।"
अर्चना बोली," आप तो नाराज हो गए तो आप अपनी सुहागरात मनाओ। यह कहकर अर्चना सौरभ के पास आकर लेट गई ।
अर्चना नहीं मेरा यह मतलब नहीं है मैं तुम्हारी बात से सहमत हूं मैं तुम्हारी सहमति के बिना मै अकेला सुहागरातत्रकैसे मना कर सकता हूं यह तो एक अपराध है और मैं यह अपराध नहीं कर सकता मैं तुमसे दूर सो जाऊंगा और वह जमीन पर बिस्तर लगाने लगा।
नहीं आप बेड पर सो जाओ मैं भी बेड पर ही सोऊगी। लेकिन कंट्रोल करना होगा इतना कहकर वह एक तरफ लेट गई दोनों की रात जागकर ही कटी सौरव की नींद हराम हो चुकी थी वह यह सोच रहा था कि जो लड़की किसी और से प्यार करती है और उसके दिल में आज भी वह प्यार है तो उसे जबरदस्ती करने का क्या फायदा?
और सौरभ ने कल ही गौरव से बात करने की करके मिलने का प्रोग्राम बना लिया सौरव घरवालों से बहाना करके कि अर्चना को अपनीत्र मां की याद आ रही है मैं उसे मिला वाला हूं और वह उसके साथ गौरव से मिलने एक होटल में पहुंच गया और उन दोनों को अकेला छोड़ कर दूर जाकर बैठ गया
अर्चना ने गौरव से पूछाकि इतना सब कुछ होगया और तुमने मुझसे मिलने की कोशिश क्कयौ नही की।।
गौरव ने जबाब दिया कि तुम्है क्या मालूम मैने कितनी कोशिश की थी परन्तु तुम्हारे बाप ने मुझे पुलिस में पकडवाने की धमकी देकर मुझे डरा दिया था।
अर्चना बोली ," अब क्या चाहते हो मै यदि सौरभ से तलाक ले लू तब तुम मुझसे शादी करोगे ?"
गौरव बोला," पागल हो गई हो क्या कोई किसी दूसरे की छूठन खाने कोत्रतैयार होगा । मुझे मेरे हाल पर छोड़ दो । मेरे सामने त्रिया चरित्र मत दिखाओ इतना कहकर वह वहाँ से जाने लगा।
लेकिन अर्चना ने उससे पहले उठकर उसके गाल पर थप्पड़ मार कर बोली ," क्आया बोला झूठन।? आगे एक शब्इद मत बोलना नहीं तो यही पर तेरी जान लेलूगी जिस आदमी ने मेरे कहने पर मुझसे एक शब्द नहीं बोला और मुझे अपने परिवार से झूठ बोलकर तुझसे मिलाने ले आया तू उस पर इल्जाम लगा रहा है मैं तुझे माफ नहीं कर सकती हूं । मैं ही पागल हूं जो ऐसे देवता को उसे बेजती करवाने लेआई ।
और वह सौरभ कै पास आकर उससे लिपट कर रोकर बोली ," मुझे माफ कर देना मुझे जल्दी घर ले चलो। "
गौरव बोला ," क्या बात हुई ? "
वह बोली " पहले घर चलो घर जाकर सब बता दूंगी मै अब यहाँ एक पल नहीं रूक सकती हूँ यदि रुकु तो मैं पागल हो जाऊंगी ।"
सौरभ उसे घर लेकर गया और फिर अर्चना ने सौरभ के साथ सुहागरात मनाई और प्यार को भूलकर सौरभ को ही अपना जीवनसाथी स्वीकार किया।