लेख इयर कविता प्रतियोगिता- 2) विश्वास
कविता का शीर्षक- विश्वास
मुझे विश्वास शब्द पर,
ज़रा भी विश्वास नहीं है।
कभी भावनाओं की सूची,
सबसे ऊपर था यह शब्द मेरे लिए,
आज इसके कोई मायने नहीं है।
विश्वास किया था हर रिश्ते पर,
समझ नहीं पाई, विश्वास झूठा निकला,
या फिर रिश्ते।
बहुत कुछ छूट गया,
इस विश्वास के चलते,
खैर, अब इस शब्द के मायाजाल से बाहर हूँ।
हाँ, अकेली पड़ गयी हूँ, लेकिन सुकून से हूँ।
❤सोनिया जाधव
#लेखनी वर्स
Seema Priyadarshini sahay
11-Feb-2022 09:22 PM
बहुत खूब
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Zakirhusain Abbas Chougule
11-Feb-2022 12:08 PM
Nice
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Gunjan Kamal
11-Feb-2022 12:03 PM
Very nice 👌
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