Bali phlwan

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अहंकार




*8368323740*  *बाली पहलवान*
समस्त साहित्य प्रेमी माताओं बहनों और बंधुओं को हृदयतल से सादर नमन । 
          गलत तरीके से कम समय में अत्यधिक धन तो कमाया जा सकता है , किन्तु संस्कार नहीं नहीं कमाया जा सकता है । पूर्व में कमाया हुआ संस्कार भी विनष्ट हो जाता है ।
          अहंकार एक ऐसा अंधकार है जो विकार रूपी विकराल रूप धारण किए हुए अग्नि के बहुत तेज धधकते हुए काम , क्रोध , लोभ , मोह , भय , ईर्ष्या , छल , निंदा और शोषण रूपी नौ विकराल लपटों के बीच सदा घिरा रहता है , जिसमें मानव आजीवन जलता रहता है और अपना सर्वनाश स्वतः कर लेता है । 
           तलवार और कैंची बड़े और वजनदार होते हुए भी महत्वहीन हैं , क्योंकि वह जीवों और कपड़ों को काट काटकर खंडित कर देता है , टुकड़े टुकड़े कर देता है , जबकि एक छोटी और पतली सी सुई कई टुकड़ों को सी कर अर्थात जोड़कर एक बना देता है । अतः सूई छोटा और
पतले होते हुए भी भाग्यवान और अत्यधिक गौरवशाली है ।
                      हरि ऊँ

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2 Comments

Seema Priyadarshini sahay

11-Feb-2022 09:20 PM

बहुत खूबसूरत

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Swati chourasia

11-Feb-2022 04:28 PM

Very beautiful 👌

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