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पर्वत

शब्दजात हाइकु - हाइकु
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१.रूठी बदली
मनाएं तुंग आद्री
पावस ऋतु
२.मेघ नर्तन 
भीगे धरणीधर
धन्य धरती
३.व्याकुल मेघ
बरसे अनुराग
मुग्ध भूधर
४.प्रेम कलश
छलकाती बदली
मग्न अचल 
५.कुपित मेघ
स्तुति करें अचल
नत मस्तक
६.स्त्री पर्वत सी
धधकती है ज्वाला 
 ना ललकार
७.वन सुंदरी 
ओढ़ हरी चूंदड़ी
 गिरि सिंगार
८.धनिक गिरि
दबी गर्भ में खान 
रत्न अपार
९.निर्झर बच्चें
उछले गिरि गोद
हर्षित सरि
१०.सीमा प्रहरी
लांघते हिमगिरि
अदम्य शौर्य
११.आराध्य श्रृंग
अर्घ्य देते नीरद
उपास्य स्तुति
१२.उर्वर गिरि
वक्ष उगे औषधि
निरोगी मही
१३.शैलजा जन्मी
उतरी पितु अंक
पालती भूमि

@ मीनाक्षी कुमावत मीरा

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13 Comments

अति सुन्दर

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Aman Mishra

17-Jun-2021 12:58 PM

बहुत बढ़िया दी

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Shaba

16-Jun-2021 03:18 PM

आप बहुत सुंदर हायकू लिखती हैं। बहुत ही शानदार।

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