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नागफेनी


नागफेनी--4

अब आगे....


नीति मैम को लेकर सभी लोग अस्पताल जा चुके हैं।
गेस्ट हाउस में बस बच्चे हैं-सिमरन, सागरिका, रिया, अनु,राज,अमन और अजय।

धीरेधीरे रात ढल गई।रामदीन ने रात का खाना बना दिया था।
रात का डिनर लेकर वे सभी हॉल में ही बैठे रहे।सब अंदर से डरे थे।पर सब एक दूसरे को ढाढस बंधाने में लगे थे।
किसी को यह नहीं समझ आ रहा था कि अचानक नीति मैम को इतना अधिक पेन क्यों होने लगा!

आसमान पर आज भी चाँद पूरे शबाव पर था।पूरा परिसर चाँद की रौशनी से नहाया हुआ था।

गेस्टहाउस का केयरटेकर--रामदीन एक अधेड़ उम्र का बुजुर्ग था।
वह बच्चों को चुपचाप देखकर वहां आकर बहुत प्यार से बोला
--,,बच्चों, घबराओ मत।तुम्हारी टीचर जी ठीक हो जाएंगे।भगवान पर भरोसा रखो।,,

रिया--काका, जब हमलोग खाकर कमरे में गए थे,तब तो मैम ठीक थी, फिर अचानक ऐसा कैसे हो गया।

रामदीन--अरे,गर्मी लग गया होगा..सर्द गर्म हो गया होगा।आपलोगों को ज्यादा धूप की आदत नहीं है ।जाओ आपलोग सब सो जाओ हम बाहर का गेट बँद कर जाते हैं।

अमन--हाँ,जी,काका।हमलोग कमरे में चलते हैं।

सिमरन--नहीं नींद तो नहीं आ रही तो सबलोग यहाँ बैठते हैं ना।

अनु--नहीं ,मैं तो सोने जा रही हूँ, तुमलोग अपना देख लो।

सागरिका--मैं भी।

रिया--तब मैं यहां अकेली क्या करूंगी, सिमरन को यहीं छोड़ देते हैं, हमलोग चलते हैं।

अमन--नहीं नहीं, रिया,अनु,सबलोग यहीं रूको न थोड़ी देर फिर चले जाना।आओ न हमलोग थोड़ा गपशप करेंगे तो रात जल्दी कट जाएगी।

सागरिका--अच्छा ठीक है।

रामदीन--अच्छा बच्चों,तुमलोग बतियाओ।अगर जरूरत होगी तो हमें बुला लेना।

रामदीन अपने कोठरी में चला जाता है।बच्चे बातों में मशगूल हो जाते हैं ।

अचानक बहुत जोरों से हवा चलने की आवाज़ आने लगती है। बादल की गड़गड़ाहट सुनाई पड़ने लगती है ।ऐसा लग रहा था कि बहुत जोरों की बारिश होने वाली है।हॉल में कहीं से कोई खिडक़ी नहीं थी,इसलिए बाहर का कुछ भी नहीं दिख रहा था। बाहर साँय साँय हवा बह रही थी।
अमन--लो,अब तूफान भी आने लगा।सबने अपना मोबाइल रिचार्ज कर लिया है न।बिजली गुल हो सकती है।

अनु--नहीं,मेरा मोबाइल तो पूरा रिचार्ज नहीं है।

अमन--अनु, मेक इट फास्ट।फटाफट रिचार्ज पर लगा दो।

रिया--हाँ,अनु,चलो कमरे में..हमलोग अपने मोबाइल रिचार्ज कर लें।क्या पता कि लाइट कब चली जाए।

उसी समय शोभित सर ने फोन करके बतलाया--

,,नीति मैम अभी अस्पताल में हैं।पहले से ठीक हैं,पर
कल पता चलेगा कि क्या हुआ है?,,

,,मैम अभी ठीक हैं।,,अजय ने सभीको बतलाया।फिर सबलोग अपनेअपने कमरों में चले गए।

आँधी की आवाज़ अभी भी सुनाई दे रही थी।अब सबलोग कमरे में चले गए।सागरिका अपनी खिडक़ी के पास खड़ी होते ही चौक गई।
बाहर पिन ड्रॉप सन्नाटा पसरा हुआ था।अंधेरे में पेड़ बुत की तरह खड़े थे।वह चिल्ला कर रिया को बुलाई।
रिया,अनु सब चौंक गए।
अनु ने अमन को फोन किया।अमन  अजय भी चौंक गए।
वह आँधी जैसी आवाज और बादल गड़गड़ा ने की आवाज आखिर किसकी थी!!बाहर तो सन्नाटा पसरा हुआ था।

सिमरन और अनु दोनों अभी तक खिडकी से बाहर झांक रही थी।तभी अंधेरे में दो चमकती आँखें उन दोनो को घूरती हुई देख रही थीं।

सिमरन और अनु डरकर एक दूसरे से लिपट गई ं।
आवाज सुनकर रामदीन दौड़ा आता है।अमन,अजय और राज लड़कियोंको समझाते हैं,फिर अपनेअपनेकमरों में चले जाते हैं।
***
क्रमशः
स्वरचित...
सीमा...✍️

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1 Comments

Shnaya

07-Apr-2022 12:12 PM

Very nice👌

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