Sonia Jadhav

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लेख इयर कविता प्रतियोगिता- 8) देशप्रेम

कविता का शीर्षक- देशप्रेम

न हम हिन्दू हैं, न मुसलमान हैं,
हम तो देश की सीमा पर तैनात फौजी,
बस भारत माँ की संतान हैं।

देश का नमक खाया है,
नमक का कर्ज़ चुकाना है।
दुश्मनों के नापाक मंसूबों को,
धराशायी कर, हमें अपना फर्ज निभाना है।

देश प्रेम रगों में  लहू बनकर बहता है,
देश की सुरक्षा पहले है, हम बाद में
मेरा परिवार अक्सर यह मुझसे कहता है।

देश हमारा सर्वस्व है, देश से कुछ ऊँचा नहीं,
देश के दुश्मनों के आगे,
हमें अपनी जान की भी परवाह नहीं।

हर भारतीय के दिल में,
देश प्रेम की ज्योति जलती रहे,
विश्व में भारत का नाम,
यूँ ही ऊचाइयां छूता रहे।

❤सोनिया जाधव

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3 Comments

Seema Priyadarshini sahay

17-Feb-2022 05:47 PM

बहुत खूबसूरत रचना।जयहिंद🙏🥀

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जी बहुत ही खूबसूरत रचना।

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बहुत सुंदर कविता सोनिया 😊😊

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