Jaane Kahaa ??? The Revolution भाग 27
अपडेट 27
चारो तरफ अंधेरा था और निशी ने बात शुरु करते हुये जय को कहा,”ये बात साजन तक नही जानता और मेरे डेड तक नही जानते है। ये बात मैने अपने जहन मे उतार ली थी और तय किया था की एक लड़के को तो ऐसा तैयार ज़रूर करूँगी जो रवि की अहम को आसमान से ज़मीन पर गिरा सके। आज तूने उसे ज़रूर मात दी है। लेकिन मेरे हिसाब से अभी सिर्फ़ शुरुआत है। असली मुकाबला अभी बाकी है। जब तक उसे हमारे एक एक बेट्समेन जम के उसकी पिटाई ना करे तब तक मै चेन से नही बैठने वाली। जिसने मेरी करियर तो बर्बाद कर ही डाली है और शायद मै उसके लिए उसे माफ़ भी कर दु, लेकिन उसने जो मेरे साथ किया है, शायद ही कोई लड़की उसे माफ़ कर सकती है, और मै इतनी महान नही हु।”
जय सुनता रहा और निशी बोलती रही:
निशी
और रवि दोनो एक ही स्कुल मे पढते थे। दोनो के क्रिकेट कोच एक ही थे। दोनो की स्टाइल एक ही जैसी थी। लेफ्ट हेंडे से बेटिंग और राइट हेंडेड ऑफ स्पिनर। दोनो की स्पिन एक जैसी ही थी। रवि और निशी दोनो स्पिन मे इतना माहिर थे की पूरी मेच का पासा पलट देते थे। विमेन्स क्रिकेट मे तो कुछ खास कॉंम्पिटिशन नही थी तो निशी को आगे जाने का मौका जल्दी ही मिल गया था, हा रवि को लडको की कॉंम्पिटीशन मे ज़रूर थोड़ी रुकावट आई, पर रवि ने एक दाव खेल लिया था।
रवि और निशी को जयपुर की इन्टर डिस्ट्रिक्ट टीम मे तो स्थान आराम से मिल चुका था,अब रवि को रणजी लेवल तक जाने के लिए कड़ी कॉंपिटेशन का सामना करना पड़ा। रवि ने क्रिकेट असोसियेशन के बड़े अफसरो से मिलीभगत कर ली और निशी को बताया की वो कुछ भी कर के निशी और खुद का नाम आगे के लिये सीलेक्ट करवा लेगा। अचानक एक दिन दोनो सीलेक्ट भी हो गये। उस दिन रवि ने निशी को घर पे कॉल कर के बताया की तुम सीलेक्ट हो चुकी हो और इसीलिए सेलेब्रेशन होना चाहिए। निशी ने कहा ठीक है शाम को मिलते है। दोनो बड़े बाप की औलाद थे, सिगरेट और शराब तो निशी 16
की थी तब से से पी रही थी। शाम को एक क्लब मे दोनो मिले और सब दोस्तो ने सेलीब्रेशन स्टार्ट किया। निशी की केपेसिटी सिर्फ़ दो पेग की थी जो उसने आराम से ख़तम कर लिये, लेकिन आज रवि नही मान रहा था और उसने निशी को बहुत ज़ोर डाला, निशी हमेशा अपने उसुलो की पक्की थी। उसने साफ इनकार कर दिया की वो आगे नही पीयेगी।
रात को 10
बज चुके थे और निशी ने कहा की अब उसे घर जाना है, रवि भी तैयार हुवा और दोनो अपनी अपनी वेहिकल पे साथ क्लब से निकल पड़े। रास्ते मे रवि ने एक शॉप से सिगरेट ली और निशी के पास आया और बोला,”ले एक एक पी लेते है और फिर घर चलते है।”
निशी ने कहा,”यार मै रास्ते मे नही पीती।”
रवि ने कहा,”थोड़े आगे चलते है वहा पी लेना एक कोने मे।”
दोनो 1 की.मी. आगे चले और एक सुमसान सी जगह पर कोने मे आराम से सिगरेट पीने लगे। निशी को बिल्कुल अंदाज़ा नही था की उस सिगरेट के अंदर कोकेइन था। पहला कश खिचते ही निशी ने कहा,”ये क्या बेहुदा स्वाद है। कुछ मज़ा नही आ रहा है।”
रवि,”तू हमेशा माइल्ड पीती है ना ये हार्ड है, विल्स नेवी कट है थोड़ी हार्ड है लेकिन एक मे क्या हो जायेगा। शायद थोड़ी देर सिर घूमेगा फिर ठीक हो जायेगा। कभी कभी मरदोवालील भी पिया करो।”
निशी हस पड़ी और बोली,”ठीक है यार ऐसा भी नही कभी ये भी पी लेती हु।” इतना केहकर उसने कस पे कस खिचने चालू कर दिये। अब वो कंट्रोल मे नही रही और बोली,”रवि आज ना जाने क्यू मूज़े सिर मे तकलीफ़ हो रही है विल्स सिगरेट
से।”
रवि पास आया और बोला,”क्या हो रहा है ?”
निशी,”यार नज़र घूम रही है, आँखे खुली नही रह पा रही नही, क्या हो रहा है ये पता नही चल रहा यार।”
रवि ज़ोर से हस पड़ा और बोला,”ह्म्म, कुछ नही थोड़ी कोकेइन का असर है।”
निशी चक्कर खा गयी और बोली,”व्होट ! इस मे कोकेइन था ?”
रवि ने चेहरा गंभीर कर के बोला,”हा निशी इसमे कोकेइन था।”
निशी,”लेकिन मूज़े क्यू पिलाया बास्टर्ड?”
रवि,”वरना तू मेरे कंट्रोल मे नही रहती ना।”
इतने मे एक कार आ के खड़ी रह गयी और उसमे से तीन लड़के निकले और चारो ने निशी को उठाकर कार मे ले लिया और कार चल दी। निशी चिल्लाने लगी,”रवि ये सब क्या है तुम सब रेप करना चाहते हो क्या ?”
रवि,”अरे नही रे। मै काहे को रेप करू तेरे पर। लेकिन अगर सुबह तुजे अच्छा लगे तो ज़रूर तेरे साथ करूँगा।”
निशी को आँखो के सामने गोल गोल सब घूम रहा था फिर भी बोली,”व्होट ?, सुबह तक तुम सब मूज़े कहा ले जा रहे हो ?”
रवि,”रणवीरसींह रावत के साथ।”
(ये वोही रणवीरसींह है जो इस कहानी मे पहले आ चुका है)।
निशी,”वो क्रिकेट असोसियेशन का अफीशियल?”
रवि,”बिल्कुल सही समजा।”
निशी,”बट
व्हाय ?”
रवि,”अरे हम दोनो की सीलेक्शन का सौदा हुवा है मेरा उसके साथ।”
निशी
के मुह से गाली नीकल गइ,”मा__, मेरा सौदा किया है तूने? यु सन ऑफ अ बिच।”
रवि ने एक चपाट लगाया और बोला,”बीच उसे कहते है जो ज़्यादा मर्दो के साथ सोती है और सुबह तक तू खुद बीच हो जायेगी। कौन ऐसा बाप इस देश मे है जो ऐसे ही हमे सीलेक्ट कर लेता। मै तुजे जानता था की ऐसे सीधे तरीके से तू तैयार नही होगी इसीलिये तुजे कोकेइन देना पड़ा। अगर ऐसे मान लेती तो ये नौबत थोड़े ही आनेवाली थी।”
निशी,”यु बास्टर्ड, मूज़े नही होना सीलेक्ट।”
रवि हस पड़ा और बोला,”लेकिन मूज़े तो आगे बढ़ना है ना।”
निशी,”तो अपनी मा बहन को भेजना था ना मूज़े क्यू बरबाद कर रहे हो?”
सब लड़के हस पड़े और रवि बोला,”ईश्वर ने मूज़े कहा बहन दी है और मा भी चल बसी है। यार एक खाने पीने के लिये तू ही बची थी, इसीलिये तो तुजे ले जा रहा हु।”
इतने मे जयपुर हाइवे के एक फार्म हाउस पर गाड़ी रुकी और सब लड़को ने निशी को उठाकर रणवीरसींह रावत के पास ले गये।
फार्महाउस के अंदर बेडरूम मे जाकर निशी को बेड पे गिराकर चारो लड़के वापस आ गये। निशी बिल्कुल खड़ी नही रह पा रही थी। वो खड़ी होने को चाही, लेकिन उसकी आँखे और सिर के साथ पाव कदम नही मिला पा रहे थे। नज़ारा घूम रहा था। अचानक किसी का हाथ निशी को अपने चेहरे पर महसूस हुवा। निशी ने धक्के मार के दूर जाने की कोशिश की। धक्का किसी को लगा भी, लेकिन उसके हाथो की पकड़ और मजबूत हुई, क्यूकी निशी की नशे की हालत मे स्पीड कम थी और पकड़नेवाले की स्पीड उस से ज़्यादा थी।
किसी की आवाज़ आई,”क्या हो रहा है तुजे?”
निशी ने आवाज़ पहेचान ने की कोशिश की,शायद रणवीरसींह था। निशी ने बोला,”मूज़े छोड़ दो प्लीज, मैने आप का क्या बिगाड़ा है ? मूज़े नही होना सीलेक्ट।”
रणवीरसींह ही था और वो समज गया उसने आवाज़ लगाई,”रवि…”
तुरंत रवि अंदर आया और बोला,”जी सर क्या बात है?”
रणवीरसींह ने निशी के सामने देखकर बोला,”इसे क्या हुवा है ?”
रवि ने कहा की निशी ने नशा किया है और मना करने पर भी कोकेइन लिया है।
निशी बीच मे बोली,”जूठ बोल रहा है, सर उसने ज़बरदस्ती मूज़े कोकेइन दिया है।”
रवि,”सर आप ही सोचो की कोई किसी को इतना ज़्यादा कोकेइन ज़बरदस्ती दे सकता है क्या ?”
निशी,”इसने मूज़े सिगरेट मे दिया है।”
रवि धीरे से हस पड़ा और बोला,”सर, देखो कितनी जूठ बोल रही है, खुद ही लेती है और इल्ज़ाम मुज पर लगा रही है। एक्च्युयली सर पहली बार है ना इसलिये घभरा रही है। वरना वो खुद तैयार थी। मै थोड़ी ही ज़बरदस्ती उसे यहा लाया हु। वो खुद आई है और बोल रही थी की सर को ज़्यादा मज़ा आये इसीलिये नशा कर के जाती हु, ता की मूज़े भी कोई प्राब्लम ना हो और सर को और ज़्यादा मज़ा आये।”
रणवीरसींह अब बोला,”बस अब तू बाहर जा, मै इन से बात करता हु।”
रवि ओके सर कहकर बाहर निकल गया और रणवीरसींह ने दरवाज़ा बंध किया और सोफे पे बैठ गया और एक गोल्डफ़लेक जलाई और धुआ निकालकर बोला,”मै जानता हु रवि तुजे ज़बरदस्ती से उठा के यहा लाया है।”
निशी अब बेड पर गीर चुकी थी और उसने खड़ा होने का प्रयास किया और बोली,”सर थेंक यु पर प्लीज़ मूज़े यहा से बाहर निकालो, मेरा सर मे बहुत जोरो से कुछ घूम रहा है।”
रणवीरसींह बोला,”लेकिन मै ऐसे कैसे तेरे को छोड़ दु।”
निशी चौक उठी और बोली,”क्या मतलब सर ?”
रणवीरसींह,”मेरा मतलब है अब तू क्या चाहती है?, क्या तुजे कोई ऐतराज़ है मेरे साथ सोने मे।”
निशी,”सर कैसी बेहुदा बात कर रहे हो, मै ऐसी लड़की नही हु।”
रणवीरसींह,”मै जानता हु तू ऐसी लड़की नही है, लेकिन तेरा बाप भी तो सीधा आदमी नही है ना।”
निशी,”क्या
? मेरे डेड ने क्या किया है?”
रणवीरसींह,”मै जानता था की पॉलिटिक्स के बारे मे तू कुछ नही जानती, लेकिन अपने डेड को भी अच्छी तरह तू नही पहेचानती।”
निशी,”मेरे डेड वकील है। क्या उसने कुछ आप के साथ बुरा किया है? तो मै बात करती हु।”
रणवीरसींह,”नही तुजे कोई बात करने की ज़रूरत नही है, लेकिन जो ज़रूरत है तू वो कर।”
निशी,”क्या?”
रणवीरसींह अब उठा और आगे आया और निशी को कुछ दिखाई नही दे रहा था, लेकिन उसे एहसास हो रहा था की वो नज़दीक आया हुवा है
निशी बोली,”ये क्या कर रहे हो सर?”
रणवीरसींह बोला,”देखो बेबी मै तुज पर रेप नही करूँगा और दूसरा तेरे बाप से मेरी ज़रूर दुश्मनी है लेकिन मै ऐसा आदमी नही की बाप की जगह बेटी को कुचल डालु। सवाल है मै कोई काम मुफ़्त मे नही करता। रवि सीलेक्ट हुवा तो मै उस से तो ज़रूर निपट लूँगा लेकिन तू सीलेक्ट हुई है, तुजे भी ऐसे तो नही जाने दूँगा।”
निशी,”सर, आप क्या कह रहे है मेरी समज मे कुछ नही आ रहा, प्लीज़ मूज़े बाहर निकालीये मेरा दिमाग़ चकरा रहा है।”
रणवीरसींह,”निशी मेरी आग को ठंडा किये बिना तू यहा से नही जा सकती।”
निशी,”लेकिन अभी अभी आप कह रहे थे की आप रेप नही करेंगे, फिर तो मै जा सकती हु ना।”
रणवीरसींह,”निशी रेप नही करूँगा लेकिन मेरी आग तो ज़रूर बुजाउंगा।”
निशी को कुछ समज मे नही आ रहा था।
अब रणवीरसिन्ह की हरकतो से निशी की समज मे आया और बोली,”नही सर, मूज़े जाने दो प्लीज़, मै ऐसा वैसा कुछ नही करूँगी।”
रणवीरसींह मुस्कुरा दिया और बोला,”अरे बेबी तेरी वर्जिनिटी कायम रहेनेवाली है और तू इतना भी नही कर सकती अपनी इज़्ज़त की खातिर।”
निशी रो पड़ी और बोली,”नही सर, प्लीज़ मुजे जाने दीजीये।”
रणवीरसींह बोला,”ठीक है तो फिर रेप के लिये तैयार हो जाओ।” इतना कहकर उसने निशी का टी-शर्ट खिच के फाड़ दिया। निशी उपर निर्वस्त्र हो चुकी थी। निशी को कुछ दिखाई नही दे रहा था और अब उसके हाथ भी शिथिल हो रहे थे। रणवीरसींह का हाथ अब शुरु हुवा और निशी चिल्ला उठी,”नही सर प्लीज़ मूज़े छोड़ दो।”
रणवीरसींह
ने उसे छोड दिया,”तो मेरा कहा मान लो।”
निशी ने लाख कोशिश की, लेकिन रणवीरसींह ने उसे नही छोडा ।
निशी लचार थी, उसकी आँखो से आँसुओ की धार बह रही थी और उसका कंट्रोल खो रहा था। थोड़ी देर बाद निशी को एहसास हुवा की उस के साथ बलात्कार तो नही हो रहा है और ऐसी ही हालत मे खड़ी होने चाही, लेकिन नही हो सकी।
निशी को अचानक बेड पर वजन महसूस हुवा। रणवीरसींह अब बेड पर चढ़ गया था।
निशी कुछ आगे समजे इस के पहले रणवीर सिन्ह ने वो कर दिया जिस ने पुरी जिन्दगी निशी को सोचने
पर मजबुर कर दिया की इस से अच्छा होता उस के साथ बलात्कार होता। और निशी मुर्छित
होकर रह गइ। जब उसे होश आया तब देखा रणवीरसिन्ह सामने सोफे पर बैठ कर सिगरेट पी
रहा है और निशी के आसपास इतनी दुर्गंध थी की कोइ और होता तो वही बैठ भी नही पाता
लेकिन ये रणवीरसिन्ह था। शराब और मांस के शौखिनो के लिये ये दुर्गंध कोइ माइने नही
रखती थी।
कोकेइन
का असर कुछ हद तक कम जरुर हुवा था इसिलिये निशी खडी होनी चाही और वो दुर्गंध ने बड़ी बड़ी किष्तो मे निशी के मूह से बड़ी बड़ी आवाज़ो मे आआआआआहह, ऊऊऊऊओह
12 मीं तक हुऊऊओक्कककक हुऊऊऊक कर के उल्टिया की किश्ते निकलती रही और अंत मे खास ख़ासकर निशी बेहाल हो गयी। आँखो मे से धारा बहती बहती पूरे चेहरे पर सुख चुकी थी। निशी मुश्किल से सांस ले पा रही थी। उसके चेहरे के नीचे उल्टी की वजह से पूरा फर्श बिगाड़ा पड़ा था। लेकिन रणवीरसींह ने कुछ नही किया और आराम से सिगरेट पूरी की और फिर खड़ा हुवा और धीरे कदमो से डोर ओपन किया और बुलाया,”रवि…।”
रवि और तीन लड़के थोड़े दूर बैठे थे वे दौड़कर नज़दीक आए और रवि ने पुछा,”क्या हुवा इतना जल्दी पूरा हो गया ?”
रणवीरसींह ने कुछ नही बोलकर सिर्फ़ अंदर इशारा किया और दूसरी सिगरेट जलाई। रवि ने वहा खड़े खडे अंदर के रूम का नज़ारा देखा। बेड पर उल्टी लटकती हुई और निढाल हालत मे हाफ्ती हुई, तेज़ सांस लेती हुई निशी को देखा, उसके चेहरे का नक्शा बिगाड़ा हुवा था। एक भयानक दुर्गन्ध उल्टी की वहा फैल गयी थी और नीचे फर्श पूरी बिगड़ी हुई देखी। रवि समज गया और रणवीरसींह को बोला,”ओह मज़ा तो आया ना ?”
रणवीरसींह धीरे से मुस्कुराया और बोला,”देख इसका सीलेक्शन तो हो गया, लेकिन अब तेरा बाकी है याद रखना।”
रवि,”अरे सर, क्या चाहिये आप बोलो तो एक बार।”
रणवीरसींह,”25 हज़ार रुपये कल मूज़े मिल जाने चाहिए।”
रवि,”25 हज़ार?”
रणवीरसींह,”हा मै जानता हु तू इसे यहा ज़बरदस्ती लाया है, इसीलिये मैने इसकी इज़्ज़त पे हाथ नही डाला है, वैसे भी इसका बाप वकील है कौन मुसीबत लेगा इस से। लेकिन तुजे जुर्माना भोगतना पड़ेगा याद रखना। कल तक 25 हज़ार रुपये नही मिले तो तेरी करियर ख़तम।”
रवि,”सर, हमारी बात तो निशी की हुई थी और आपने तो पूरा आनंद भी ले लिया अब मूज़े क्यू सज़ा दे रहे हो?”
रणवीरसींह,”बात तो सोने की हुई थी, लेकिन ये तो सती सावित्री निकली, वो तो मैने अपने तरीके से मज़ा ले लिया, लेकिन अपना सौदा तो बाकी ही रहा ना।”
रवि,”लेकिन सर इसका हाल तो इज़्ज़त लूटने से भी ज़्यादा खराब है, अब रुपये छोड दीजीयेना, चाहे तो इसके साथ ऐसे ही मज़े लूट लो ना, कौन सी अपने बाप की इज़्ज़त खराब हो रही है। अब ऐसी हालत मे अगर इसकी वर्जिनिटी तौड भी डाला तो कहा उसे पता चलनेवाला है?”
रणवीरसींह,”रवि अपने आप को स्मार्ट मत समजो, याद रखना ये जब भी पुरे होश मे आयेगी, तुजे नही छोड़ेगी। मेरा तो खैर कुछ नही बिगाड़ सकती और ना ही तो उसका बाप मेरा कुछ उखाड़ सकता है। लेकिन देखना तेरा क्या हाल करती है।”
रवि हस पड़ा और बोला,”मैने भी घाट घाट का पानी पिया है सिर, वो मेरा कुछ नही बिगाड सकती। क्या साबिती है की मेरी वजह से वो यहा आई और आप ने उसके साथ ये सबकुछ् किया। इज्जत लुटती है तो कोर्ट मे साबित हो सकता है। लेकिन जो पेट के अन्दर चला गया है और फिर से बाहर निकल आया है उसकी मेडिकल रीपोर्ट कैसे बनेगी ?”
रणवीरसींह मुस्कुराया और बोला,”बडे चालक हो रवि, लेकिन याद रखना मूज़े मेरे रुपये चाहिये ही। मै कोई काम मुफ़्त मे नही करता और मै यहा से जा रहा हु। इस लड़की को वापस पहुचाने की जिम्मेदारी तेरी और हा इस की इज्जत बिल्कुल बिखरनी
नही चाहिये, वरना मूज़े साबित करना आता है की तूने कैसे इस की इज्जत लुटी, मेरा बाप यहा का होम मिनिस्टर है याद रखना कोई तुजे बचाने नही आयेगा।”
इतना कहकर रणवीरसींह चला गया।
रवि,”मा___ एक तो पुरा आनंद ले लिया और उपर से रुपये भी माँग रहा है। साला इतना रिस्क उठाकर इस अगंनज्वाला को यहा तक पहुचाया और अब सबकुछ कर के आराम से चला गया।”
दुसरा बोला,”हा यार बड़ा मतलबी है ये, हम तीनो तो खामाखा बीच मे आये, ये साली अगर अपने बाप को बोली तो हमारा क्या होगा रवि ?”
रवि,”कुछ नही होगा यार इस का बाप हमारा कुछ नही बीगाड सकता, इस का बाप तो मेरी मुठ्ठी मे है इसिलिये तो मैने इतना बडा रिस्क लिया था। लेकिन साला मज़ा ये उठाये और साफ हमे करना पडेगा । साला सोये वो और डीलीवरी करे हम ।”
तीसरा,”रवि अब हम क्या करे? इसे कैसे घर पहुचाये ?”
रवि,”कोइ बात नही । इस के बाप को मै फोन कर देता हु की निशी ने खुशी मे ज़्यादा शराब पी ली है और रात को शायद घर नही आ सकेगी, क्यूकी इस की
वैसे भी इतनी अच्छी हालत नही है। निशी को वोमीट पे वोमीट हो रही है”
रवि ने निशी के बाप को ऐसा फोन कर दिया और निश्चिंत हो गया उस रात के लिये।
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निशी ने बोलना बंध किया और नज़रे जुकाये बैठी रही तो जय ने अपना हाथ उसके कंधे पर रखा और थोड़ी देर वहा खामोशी छा गयी। थोड़ी देर मे जय ने बोला,”बास्टर्ड, कोई मर्द एक लड़की को इतने हद तक बेच सकता है क्या ? हरामखोर को वही जिन्दा गाड देना चाहिये। अगर तू पहले बताती तो वही हर बोल पर छक्के लगाकर उस की करियर ही ख़तम कर देता।”
निशी कुछ नही बोली और धीरे से मुस्कुराई और अपनी नज़रे जय के सामने ले गइ । जय ने भी इसबार निशी के सामने देखा और बोला,”सोरी यार तेरी कहानी तो निशा से भी खतरनाक है।”
निशी,”आगे नही सुन ना चाहोगे ?”
जय,”और आगे क्या सुनु निशी, इतना भी नही सुना जाता तो तूने कैसे सहा होगा, (जय खड़ा हो गया और अपने हाथो की मुठ्ठी पर मुक्के पे मुक्के लगाकर गुस्सा निकालता रहा) साले को जी चाहता है यही पर जिन्दा जला दु ।“
निशी, “ बस इतनी ही सहनशक्ति है ? तो तु क्या खाक आगे सुन पायेगा ?”
जय,”निशी इस के आगे की शयतानियत अब और क्या हो सकती है?”
निशी,”रणवीरसींह के बाद रवि और उसके दोस्तो ने जो किया उसके बदले अगर वो मेरी इज्जत लूट लेते तो अच्छा था।”
जय चौक पड़ा और बोला,”क्या? निशी ये तू बोल रही है, क्या ऐसा भी हादसा हो सकता है की एक लड़की अपनी इज्जत गवाने को भी तैयार है उस हादसे के बदले मे।”
निशी ने हा कही और जय फिर बैठ गया और बोला,”सुना दे निशी, पुरा दिल खोल दे आज, मै भी देखता हु कितनी हद तक रवि ने तेरे साथ ज़ुल्म किया है और मै कितनी हद तक सुन सकता हु।”
निशी खड़ी हुई और अपनी पेंट की पोकेट मे हाथ डाले और बोली,”उस रात रणवीरसींह के जाने के बाद और मेरे डेड फोन करने के बाद रवि और तीन लड़को ने मेरी उल्टी साफ की और मूज़े बेड से उठाकर कर सोफे पे डाल दिया। मै इतनी वोमीट कर ने के बाद बिल्कुल बेहोश हो चुकी थी, मेरा पेट बिल्कुल
खाले हो चुका था। और करीब तीन घंटे के बाद मूज़े होश आया और……।” केहकर निशी चुप हो गयी।
जय खड़ा हुवा और निशी खड़ी थी वहा धीरे से आया और अपना हाथ उसके कंधे पर रखा और निशी ने चेहरा पलटा भी नही और आगे बताया,”जय कोई लड़की के साथ अगर बलात्कार होता तो शायद दर्द कम हो भी सकता है और बार बार बलात्कार होने से लड़की भी आदी हो जाती है शायद, जैसे निशा आदी हो चुकी थी। लेकिन मेरे साथ बलात्कार नही हुवा था, बल्कि जब मूज़े होश आया और कोकेइन का नशा थोड़ा उतरा था तब मैने मुश्किल से अपनी आँखे खोली तो मेरे हाथ और पैर सोफे के साथ रस्सी से बान्धे हुए मैने पाये। नज़रे उठाकर देखा तो रवि और तीन लड़के उस रूम की अलग अलग कुर्सियो पे बीना कपडो मे थे और सो रहे थे।
मूज़े शायद लगा की रणवीरसींह ने तो मेरी इज्जत नही ली थी लेकिन शायद इन कुत्तो ने मूज़े नही छोड़ा है। इसीलिए मेरा मानसिक एटेन्शन नीचे गया, लेकिन मूज़े नीचे कुछ भी तकलीफ़ नही हो रही थी। मेरा मतलब है ना तो ब्लीडिंग हुवा था और ना ही तो मूज़े कुछ दर्द महसूस हो रहा था, लेकिन जब मेरी नज़र पुरे शरीर पर गइ तो मूज़े फिर से उल्टीया आने लगी। मेरे पुरे शरीर पर सालो ने अपनी हवस के निशान छोड दिये थे। मेरा मूह जोरो से दुख रहा था और शायद सुजन भी आ गयी थी और मेरे मूह मे तीनो ने पेशाब भी डाल दिया था। आखे, नाक,
होठ, छाती, पैर, गला कुछ भी जगह नही बची थी जहा उस ने हवस पुरी नही की हो। शारीरिक
तौर पे मै बिल्कुल सलामत थी लेकिन मानसिक तौर पे मुज पे बलात्कर पे बलात्कर किया
गया था और मेरी जगह कोइ और होती तो जिन्दा भी नही रह पाती।
जय ने आगे बढकर निशी का मूह बंध किया और बोला,”बस निशी अब नही सुना जायेगा प्लीज़।” जय का चेहरा तंग हो गया और अचानक उसने अपने कदम वापस लेकर दौड़ने लगा। निशी तुरंत तैयार थी और उसने तेज़ी से दौड़कर जय को पकड लिया और अपनी बाहो मे कस के पकड़ लिया और बोली,”नही जय, रवि को मारने से कुछ नही होगा, जो उस ने मेरे साथ किया है, वो वापस तो नही आ सकता, उस रात को जो कुछ भी मैने जेला है, वो किसी भी हालत मे वापस नही हो सकता।”
जय की सास फुलने लगी और उसकी आँखो मे खून उतर आया था और उसकी आँखो से अचानक उसके भी ख़याल के बाहर आँसू निकल आये थे और उसने निशी को बाहे पकड़कर हचमचाया और बोला,”कीस मीट्टी की बनी हो तुम, इतना सेहकर भी उसका मै तो खून कर डालता। और तूने कुछ नही किया यार।”
निशी,”किया जय, मैने सबकुछ किया जो भी मै कर सकती थी, उसका राजस्थान क्रिकेट का करीयर ख़तम किया, उसे मार भी बहुत पड़ी। इसीलिए तो वो मेरे सामने देखने की हिम्मत नही कर सकता। वरना वो दुबारा नही करता मेरे साथ ऐसा? लेकिन नही वो दुबारा मेरे सामने आँख भी मिलाने की हिम्मत नही कर सकता ऐसा तो बदला मैने ज़रूर लिया है और ले भी रही हु और लेती भी रहुंगी।”
थोड़ी देर मे जय शांत हुवा और निशी आगे बोली,”लेकिन जय इतना सबकुछ करने पर भी मेरा मन बिल्कुल शांत हो चुका है। ठीक है मै खाती
पीती हु, मजाक कर लेती हु लेकिन मेरा दिल अन्दर से बिल्कुल शुन्य हो चुका है। ये सबकुछ मेरी
सहनशक्ति से बिल्कुल बाहर है,लेकिन इस के बावजुद भी मैने सहन किया और आज भी जिन्दा हु और वो भी किसी को भी मैने ये बात नही बताइ। बस इतनी कसम खायी है की शादी कभी नही करूँगी और रवि और रणवीरसींह को नही छोडुंगी।”
जय,”आगे क्या करना चाहती है तू?”
निशी,”रवि का तो सोच रखा है और मैने तुजे बता भी दिया लेकिन रणवीरसींह अभी मेरी गिरफ़्त मे नही आया। वो पॉलिटिक्स का इक्का है और उस तक पहुचना मुश्किल ही नही नामुमकिन जैसा है और इसीलिए सही वक़्त का इंतेजार कर रही हु।”
जय ने आगे आकर निशी को हाथ पकड़कर वही बिठा लिया और थोड़ी देर दोनो खामोश रहे और फिर जय बोला,”उस दिन फिर क्या हुवा?”
निशी,”उस दिन मेरे मूह मे फिर से उल्टी की आवाज़ सुनकर चारो फिर नींद से जाग गये और एक बोला,”यार साली को फिर से वोमीटिंग हो रही है, फिर से सबकुछ बिगाडेगी, इसे यहा से कही बाहर निकालो सोने भी नही देगी।”
रवि,”नही यार बाहर नीकाला तो कोई भी इस पर बलात्कार कर देगा और नाम हमारा आयेगा। वो रणवीरसींह साला धमकी देकर गया है ना की अगर इज्जत लूट गयी तो हमे नही छोडेगा। इसीलिए साली भले वॉमिट करे लेकिन इसे आज नही छोडना है हमे। अगर आज मज़े लेने है तो सुबह तक लूट लो। फिर ऐसा माल हाथ मे नही आनेवाला।”
और अब तक निशी ने जो बेहोशी
की हालत मे सहा था वो सबकुछ बार बार सजाग अवस्था मे फिर से भोगतना पडा। जितना
बन्धे हाथ निशी प्रतिकार कर सकती थी किया लेकिन एक साथ चार चार मर्द के हाथो वो बच
नही पायी। सुबह 4 बजने को आये थे और ये चारो थक कर बैठ गये।
निशी
वही सोफे पर पडी थी और बोल उठी,"रवि, अब तो खोल दे मेरे हाथ पैर, जितना करना
था वो सब तुम लोगो ने कर लिया।“
रवि,"
मै क्या उल्लु हु जो तुजे छोड दु। पुरी रात पडी रहे इसी तरह और हा हमे भी सोने दे।
और हा क्या कहा था तुने ? सन ओफ अ बीच, राइट ? देख अब तु खुद कुत्तिया बन गइ है।
एक नही पाच पाच मर्दो की कुत्तिया । ज़िन्दगीभर मुजे याद रखेगी तु । एक बार सो जाती
तो इतना सबकुछ नही जेलना पडता तुजे।“
अब
इतना सबकुछ सहने के बाद निशी की आँख मे आँसू भी नही थे और वो चारो आराम से सो गये सुबह 5 बजे तक। निशी ऐसी ही हालत मे कब उसे नींद आ गयी पता ही नही चला और सुबह अचानक आवाज़ से उसकी आँख खुली तो चारो कपड़े पहने हुवे थे और निशी कुछ समजे उस के पहले उसे ऐसी ही बन्धी हालत मे बाथरुम मे ले गये और
फव्वारे से उस का शरीर साफ कर दिया।
निशी
वही फर्श पर पडी थी और रवि बोला,”निशी मै जानता हु अब तेरे मे ताकत नही बची है, इसीलिए तू हमे मार नही सकती, चुप चाप अपने कपड़े पहनकर मेरे साथ बैठ जा और बाहर जा के चाय और नास्ता कर के जब शरीर मे ताकत वापस आ जाये उस के बाद ही अपने घर चुपचाप चली जा वरना अगर मेरा दिमाग़ सनक गया तो सचमुच अब मै तेरी इज्जत लूट लूँगा।”
निशी की बिल्कुल हिम्मत नही चली और चुपचाप कपड़े पहने, रवि के साथ बाहर नीकली और न चाहते हुवे भी वोमीटिंग करते करते भी रास्ते मे चाय और नाश्ता किया और रवि उसे अपने घर छोड गया। निशी ने देखा की उसके डेड अभी भी सोये हुए है तो धीरे धीरे अपने बेडरूम मे गयी और खुल्ले मन से रो पड़ी। आज उसका शारीरिक नही मानसिक बलात्कार हो चुका था और बार बार हुवा था ।
*****
रात के अंधेरे मे, सन्नाटे मे निशी और जय स्टेडियम मे अकेले थे, नीचे पार्टी ख़तम हो चुकी थी, पूरे दिन फाइनल खेल की वजह से शारीरिक तौर पे जय और मेच की अफीशियल कोच होने के नाते मानसिक तौर पर निशी पहले से ही थके हुए थे और निशी की कहानी सुनकर जय अपना सिर पकड़कर नीची नज़रे जमाये बैठा था, बाजू मे निशी अपनी नज़रे उठाये बैठी थी। फिर निशी धीरे से जय की बाजू मे आइ और पॉकेट से एक और सिगरेट निकली और जलाई, रात के अंधेरे मे सिगरेट का धुआ जय और निशी के विचारो के साथ हवा मे गायब हो रहा था।
जय ने निशी के सामने देखा और निशी ने जय के सामने। निशी मुस्कुराइ और बोली,”क्या हुवा जय देवदास बन के क्यू बैठा है ?”
जय इस बार ज़ोर से हस पड़ा और बोला,”कमाल है बेंगोली टाइग्रेस, इतना सबकुछ होने के बाद तूने क्या किया रवि और उस हरामखोर रणवीरसींह का?”
निशी,”मै भी यही सोचती रही। पहले तो लगातार दो दिन तक मूज़े खाने, पीने से घिन आ रही थी, मै अगर बाथरूम मे भी जाती और खुद
को देखती, तो देखते ही चक्कर आ जाते और कुछ मूह मे खाना डालने का मन ही नही करता था। सोचती रही की ऐसा क्या करू की मेरी नस नस मे जो ज़हर की तरह आग फैली हुई थी वो बुजे ? उन लोगो ने जो करना था वो कर लिया, लेकिन मै क्या कर सकती थी वो मैने खूब सोचा और तय किया की अगर मैने अपने डेड से कहकर केस किया तो हज़ारो केस की तरह रणवीरसींह और रवि को कुछ नही होगा। क्यूकी रेप तो दूर रहा मेरा कौमार्य तक कायम था। मै ये साबित नही कर सकती थी की मेरे साथ क्या क्या हुवा है। तो मेरी लाइफस्टाइल देखकर उल्टा इल्ज़ाम मुज पर ही लगता और मै और मेरे डेड बदनाम होते वो अलग से। फिर मैने अपनी तरह से खेल खेलना शुरू किया। सब से पहले रवि की तीन बार ऐसी पिटाई की और वो भी लड़कियो से, ता की वो मेरे सामने देखने की हिम्मत ना करे। क्यूकी लड़कियो से मार पड़ी है वो रवि बाहर बोल नही सकता था। तीनो बार अलग
अलग एक ऐसी लड़की को तैयार किया था की जिसने रवि को सेक्स के लिए इन्वाइट किया और आखरी इंटरकोर्स के टाइम ही हम वहा पहुच जाते थे और जम के रवि की धुलाई करते थे। एक बार तो रवि को इतनी गहरी चौट आई की उसे वहा सर्जरी करवानी पड़ी और नही करवाता तो शायद कभी बाप नही बन पाता। तो उसका राजस्थान क्रिकेट से पत्ता ही कट गया और वो चन्दीगढ अपने गाव मे चला गया और तब से वो जब भी मेरे सामने आता है तो कुछ बोल तक नही पता। लेकिन रणवीरसींह का मै आज तक कुछ नही बिगाड़ पाई हु। वो पॉलिटिक्स का इक्का है और मेरे घर भी आता जाता है, लेकिन उसूल का बड़ा पक्का है। उस दिन मेरी मजबूरी थी तो फ़ायदा उठा लिया, लेकिन इसके बाद अकेले मे भी मिलता है तो भी
मेरी तरफ आंख उठाके भी एक बार उसने नही देखा है। मतलब की कीमत वसूल कर ली फिर मूज़े भोगतने की उसकी इच्छा नही थी। पॉलिटिक्स से मूज़े नफ़रत है तो मै उसका बाल भी बाका नही कर सकती क्यू की उसका बाप और मेरे बाप की दोस्ती है एंड धे आर ब्लडी पॉलिटिशियन्स।”
जय,”तो क्या तू सिर्फ़ मौके की तलाश मे रहेगी?”
निशी,”हा जय हमेशा वार तभी ही करना चाहिये जब सही मौका आये और मूज़े आज तक सही मौका नही मिला है।”
उस रात जय को नींद नही आई और रातभर वो सोचता रहा। दूसरे दिन सब वापस आ गये। जय ने भी निशी की कहानी किसी को सुनाने को ठीक नही समज़ा और निशी का राज़ बस राज़ ही रहता चला गया।
लेकिन
जय और निशी दोनो को कहा पता था की इतने बरसो से जो कहानी निशी ने अपनी जहन मे जहर
बनकर उतार रखी थी उसे आज के ही दिन क्यु बोला गया ? ये कुदरत का एक और इशारा था की
बहुत जल्द निशी को मौका मिलनेवाला था रणवीरसिन्ह से बदला लेने का । और जय......कभी
कभी दुसरो की पीडा सुन लेने से अपने मन मे भी ज़हर बढ जाता है। अगर आप के पास वो
शक्ति हो की दुसरो की पीडा सुन ने के बाद अपने मन, शरीर और आत्मा से स्थितप्रज्ञ
रह सको तो ही सुन ना चाहिये। लेकिन जय को ऐसी शक्ति नही थी। वो भी एक सामान्य
मनुष्य था। वो तो दुसरो की पीडा सुन के उस का दुख कुछ पल दुर कर देता था। लेकिन वो
ये नही जान पा रहा था की उस का जहर बढ रहा है और ये जहर उस के लिये वो कदम उठायेगा
जो कभी उस ने सोचा भी न था। क्या होगा? कैसे मिलेगा मौका निशी को ? जय की क्या
भुमिका होगी ? कौन जाने कहा ???
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सिया पंडित
24-Feb-2022 06:24 PM
जबरदस्त 👌👌👌👌👌👌👌
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PHOENIX
24-Feb-2022 07:13 PM
Thank you
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Rohan Nanda
23-Feb-2022 12:32 AM
👍👍👍👍👍👍👍👍सस्पेंस भर भर के उछाल दिया है। धड़कने बढ़ जाये मतलब बढ़ कर रूक जाए इतना रोमांच बढ़ जाये। गुड स्टोरी
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PHOENIX
23-Feb-2022 12:52 AM
Thank you so much. हा स्टोरी पर आखरी अपडेट तक राज रहेंगे
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Sandhya Prakash
21-Feb-2022 09:40 PM
👌👌👌👌👌👌👌👌👌👌👌👌👌👌👌👌👌👌👌👌👌👌👌👌👌👌👌👌👌👌👌👌👌👌👌👌👌👌👌👌👌👌👌👌👌👌👌👌👌👌👌👌👌👌👌👌👌👌👌👌👌👌👌👌👌👌👌👌👌👌👌👌👌 शानदार स्टोरी आपकी।।।।।।।
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PHOENIX
21-Feb-2022 09:49 PM
धन्यवाद आप का ।
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