Anu koundal

Add To collaction

स्वर्णिम भारत

विश्व के इतिहास की 
स्वर्णिम यह कहानी है ।
1971 के भारत-पाक युद्ध में
पाक को मुंह की पड़ी खानी है।

 पाक के विद्रोह से ,
मुक्ति वाहिनी जन्मी थी ।
पाक की हिमाकतों के चलते ,
भारत ने पूर्वी  पाक का साथ निभाया था।
 जल ,थल ,वायु सेना सबने,
अपना बल दिखाया था।
 समय पर संभल जाता।
 तो विनाश न होता,
 न जाती जानें इतनी ,
न विध्वंस कराची बंदरगाह होता
 विश्व के इतिहास में
 पाकिस्तान यूं तेरा नाम न होता।

 भारत-पाक की लड़ाई में ,
आत्मसमर्पण का संदेश देकर,
भारत ने समझदारी दिखाई थी
 पर पाक को फिर भी अक्ल न आई थी।
लहू से लाल धरती मां भी,
 निर्णय को ललायित हो आई थी।
 ढाका की हालत भी फिर,
 गिरती नजर आई थी।
 देख शक्ति भारत की,
 पाक सेना घबराई थी ।
लाखों सैनिकों ने फिर ,
आत्मसमर्पण की राह अपनाई थी।

 वीर जवानों की शहादत यूं ,
व्यर्थ ही ना  पाली थी।
 इतिहास ही नहीं,
 उन्होंने भूगोल की भी काया पलट कर डाली थी 
भारत-बांग्लादेश ने मिलकर ,
पाक को धूल चटाई थी ।
मित्रता की परिभाषा  देकर,
 भारत ने अपनी दोस्ती निभाई थी।
 बांग्लादेश के निर्माण में,
 भारत ने ही साथ निभाया था
 दोस्ती की स्वर्णिम कहानी,
 स्वर्णिम विजय वर्ष कहलाया था।

 नमन है उन वीरों को ,
जो मुक्ति योद्धा कहलाए थे।

   23
15 Comments

Renu

31-Mar-2022 11:38 PM

बहुत ही बेहतरीन

Reply

Punam verma

08-Mar-2022 08:06 PM

Nice

Reply

Arman

01-Mar-2022 11:39 AM

Nise

Reply

Anu koundal

08-Mar-2022 08:02 PM

धन्यवाद जी

Reply