एक मुलाक़ात....❣️( भाग - 29 )
💫शादी वाला दिन💫
सेठीया भवन दुल्हन कि तरफ सजा था चारों तरफ सिर्फ जगमगाती रौशनी बिखरी हुई थी चारों तरफ गाने कि धुन गुज रही थी ।। वीरेन सेठिया दिल्ली के जाने माने व्यापारीयो में से थे बहुत से बड़े व्यापारी देश विदेश से आए थे वीरेन जी आयुष के साथ खुद एंट्री गेट पर खड़े हो कर सबका स्वागत कर रहे थे आरव कि फॅमिली भी आमंत्रित थी आरव के पापा सौम्या अभय अवनि पर आरव उनके साथ नहीं था वो लोग भी अंदर आ गए और उनका स्वागत भी बहुत अच्छे से हुआ ।।
अवनि ने राधिका जी से पूछा अनिशा को मिलने का तो उन्होंने ऊपर रूम कि तरफ इशारा कर दीया अवनि सौम्या दोनों ऊपर अनिशा के रूम में चली आई वहां मिताली मिशा अनाया वगेरा पहले से मौजूद थे सब बहुत प्यारे लग रहे थे ।।
मिशा ने बेबी पिंक लेहंगा पहना हुआ था और बालो का कर्ल किया हुआ था एक हाथ में मेटल कि चूड़ियाँ पहनी थी लाइट मेकअप के साथ वो बहुत सूंदर लग रही थी ।।
मिताली ने भी सिंपल सा फ्रोरल स्टाइल साड़ी पहनी पिच कलर में था और उसका बॉर्डर गोल्डन स्पर्कल में सिंपल से लुक मे वो भी बहुत सूंदर लग रही थी ।।
उन्हें देख अवनि बोली - वाओ यार आप दोनों तो बहुत प्रिटी लग रहे हो और मिशा दी विवान् भाई तो आज गए काम से बाय गॉड आज तो आप उनकी जान ले हि लोगी कसम से
उसकी बात सुन मिशा शर्मा गई और बोली , '' थैंक यू अवि । वैसे तुम भी कम नहीं लग रही हो । आज किसे गिरा के मारने का इरादा है भाई बोलो....बोलो '' मिशा ने भी लगे हाथ उसे छेड़ दिए ।।
अवनि - क्या यार दी ऐसा कुछ नहीं है मैं किस पर बिजली गिराऊगी आप भी न ।।
मिताली - ओय मोटो पहले तू ये डीसाइड कर ,,,,या तो इसे भाभी बोल और विवान को भाई ।। या तो इसे दी बोल और विवान को जीजू ।। तू तो रिश्ता हि बादल दे रही भाई और दी बोल के ।।
अवनि हँसते हुए मिशा के गले लग में आपको भाभी बना लेती हूँ विवान भाई पहले आए ने मेरी लाइफ में तो उन्हें भाई रहने देते है वरना मुझे धोखेबाज़ बना दिया जाएगा ।। उसकी बात पर सब हँस दिए ।।
इतनी देर से सौम्या उनकी बातें सुन रही थी वो बोली - अरे हम दुल्हन से मिलने आए थे भई दुल्हन कहा है दिखाओ तो ।।
मिताली उसे पकड़ के दूसरी साइड ले जाती है जहां अनु रेडी हो रही थी अनिशा रेडी हो के बैठी थी उसके चेहरे पर ख़ुशी नहीं थी दिल में बेचैनी और घबराहट थी ।। पर दुल्हन के लिबाज में वो बहुत सूंदर लग रही थी
सौम्या उसके पास आ के उसके गालो को छू के बोली - आप बहुत प्यारी लग रही है दुल्हन के रूप में आपको किसी कि नज़र ना लगे और ये चेहरा क्यूँ उतार रखा है आज आपकी शादी है तो खुश होइए आप और एक बात याद रखिये जो क़िस्मत में होगा वो जरूर मिलेगा क़िस्मत से ज्यादा और क़िस्मत से कम किसी को नहीं मिलता ।। जिसका साथ आपके साथ लिखा होगा आप उसी कि जीवन साथी बनेगी जिसका नहीं लिखा होगा उसे चाह के भी नहीं पा सकते ।। तो अब ये चेहरे कि मायूसी को दूर करिए और अपनी प्यारी सी मुस्कान को इस चेहरे पर बिखेरी समझी आप चली अब हम चलते है ।। (वो अनु के गली पर हाथ फेर वहां से चली गई)
अनिशा उसकी बात को समझने कि कोशिश कर रही थी ।। तभी बाहर से बेंड बाजे कि आवाज़ आनी शुरू हो गई अनिशा के दिल कि धड़कन एक दम से तेज़ हो गई उसकी घबराहट और बड गई अनाया उसके पास बैठी थी उसने उसका हाथ कस के पकड़ लिया और बेचैनी से उसे देखने लगी मिशा और मिताली भी उसे शांत करा रहे थे ।।
दरवाज़े पर बरात रुकी राधिका जी दुल्हे के स्वागत के लिए खड़ी थी उन्होंने आरती कि और कुछ द्वार कि रसम कर के सब लोग अंदर आ गए ।। पंडित जी ने अंदर कुछ रसम कराई करीबन आधे घंटे बाद सारी रस्मे लिपट गई पंडित जी ने दुल्हन को लाने के लिए कहा राधिका जी जाने को हुई ।।
तो मिताली और मिशा बोली "आंटी हम ले कर आते है" फिर सांची काव्या के साथ वो सब अनु को लेने चली गई रूम में आ कर सब ने उसे देखा सांची आगे बड़ी और उसका घूँघट नीचे कर दिया और बाकी सब उसे ले कर नीचे आ गए ।।
उसे विद्युत के बगल में बैठा दिया गया पंडित जी ने रसमे शुरू कि दोनों का वरमाला हुआ उसके बात कन्या दान कि रसम हुई विद्युत ने घूँघट के अंदर से हि उसे सिंदूर लगाया विद्युत कि मम्मी ने उसे मंगलसूत्र दिया उसने उसे मंगलसूत्र पहना दिया उसके बाद पंडित जी ने फेरो के लिए उन्हें खड़ा किया और मंत्रो के साथ वर वधु ने फेरे लिए और इसी के साथ शादी पूरी हो गई पंडित जी ने कहा कि अब आप दोनों अपने से बड़ो का आशीर्वाद ले और अब वधु अपना घूँघट ऊपर कर सकती है उनके बोलने से दोनों ने सबका आशीर्वाद लिया ।।
शोभा जी राधिका जी से बोली - तो समधन जी बहु का घूँघट उठाईये हम सब को भी देखना है इन्हें । उनकी बात सुन राधिका जी ने अनु का घूँघट उठाया पर जैसे हि घुंघट हटा वो हैरान हो गई सोभा जी ने देखा तो वो भी शांत हो गई दुल्हन को देख विद्युत भी हैरान था ।।
वीरेन जी बोले - ये.....ये कौन है और हमारी बच्ची कहा है .....राधिका जी अनु कहा और ये लड़की कौन है ।।
राधिका जी भी परेशान सी बोली - हमें नहीं पता अनु कहा है और ये बच्ची कौन है..... वीरेन जी मेरी अनु को कुछ हुआ तो नहीं ऐसे कैसे वो यहाँ नहीं और ये क्या हुआ है ..... मुझे तो कुछ भी समझ नहीं आ रहा..... प्लीस मेरी बच्ची को खोजिये कहा है वो वो ये बोल रोने लगी ।।
"मैं यहाँ हूँ माँ " दरवाजे के तरफ से आवाज़ आई सब लोग हैरानी से उधर देखें अनिशा अभी भी शादी के जोड़े में थी बस कोई ज्वेलेरी नहीं पहनी थी उसने वो अंदर आ गई उसके साथ पीछे विवान और आरव भी आ रहे थे ।।
राधिका जी उतर कर उसके पास गई और उसे देखते हुए बोली - मेरी लड़ो तू कहा से आ रही है और ये क्या हुआ ये लड़की कौन है तेरी शादी थी विद्युत के साथ ... ये सब क्या हो गया है ।।
अनिशा विद्युत के तरफ बढ़ते हुए बोली - सो मिस्टर विद्युत सेठी आप बतायेगे नहीं कि ये लड़की कौन है ..... वैसे बधाई हो विद्युत जी आपकी शादी हो गई "हा" भले हि आपकी खुद कि पत्नी से हुई आपकी शादी पर हुई तो इसलिए आपके लिए शादी का एक गिफ्ट है अभी थोड़ी देर में आता हि होगा रुकिए ।।
वीरेन जी ये सब देख बोली - क्या बोल रही हो अनु बच्चे साफ साफ बताओ ,,,,, कौन पत्नी किसकी पत्नी ,,,, और ये सब क्या तमाशा लगा रखा है ।।
रणधीर् सेठी (विद्युत के पापा ) गुस्से से बोले - वीरेन जी ये सब क्या तमाशा लगा रखा है दुल्हन यहाँ है किसी दूसरी दुल्हन से मेरे बेटे कि शादी करा दी अरे मजाक चल रहा है क्या ये तो सरासर् धोखा है हमारे साथ ।।
अनिशा (व्यंग पूर्ण मुस्कान के साथ बोली) - मिस्टर सेठी मजाक और धोखे कि बात आप कर रहे है (फिर वो हंस दी और बोली) ओय सॉरी आपके साथ धोखा हुआ और मैं हँस रही रियली सॉरी ।।
रणधीर गुस्से में था विद्युत आगे बड़ा और अनिशा के सामने आ के बोला - कि ये क्या बकवास कर रही हो तुम और तुम्हारी हिम्मत कैसे हुई मुझे धुखा देने की बोला था ना कि तुम्हें कि अगर मुझसे होशियारी कि तो जान जाएगी ।।
अनिशा आगे बड़ी और बड़े रोब से सोफे पर बैठ गई और बोली - अमा यार तुम दोनों बाप बेटे एक हि रट लगाए हुए हो हमें धोखा कैसे दिया.....धोखा कैसे दिया । तो ठीक है रुको दिखाते है कैसे दिया पहले अपने शादी का गिफ्ट तो लेलो रुको । नील ज़रा इनके शादी का तोहफा लाओ तो तभी सामने एक विडीओ प्ले हुई विद्युत और उसके डैड बैठे हुए थे और बातें कर रहे थे ।।
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रणधीर जी - तुमको वीरेन सेठिया कि बेटी से शादी करनी है और किसी भी हाल् में करनी है ,,,, मुझे उसका सारा बिजनस अपने इन हाथो में चाहिए एक बार उसकी बेटी कि शादी हमारे घर में हो जाए बस वीरेन सेठिया कि लगान् हमारे हाथ में होगी तो तुम करोगे लोगे ना मेरे शेर ।।
विद्युत - जी डैड आप टेन्शन ना ले मैं हूँ न् और कुछ हिसाब किताब मेरे खुद के भी है और आप टेन्शन ना ले ।।
रणधीर जी - ये हुई ना बात मेरे शेर वाली । फिर दोनों ने अपनी शराब से भरी गिलास को आपस में चेस किया और बातें करने लगे और विडीओ ऑफ हो गई ।।
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रणधीर के चेहरे पर घबराहट थी वीरेन जी ये सब देख और सुन कर एक दम शोक्ड थे आयुष उनकी बातों सुन गुस्से से लाला हो गया अनिशा उसकी बहन थी और उसे वो जान से ज्यादा प्यार करता था ये सुन कि उससे सिर्फ पैसों के लिए शादी कि जा रही थी उसे और गुस्सा आ गया वो आगे बड़ा और विद्युत को एक जोर का घुसा मार दिया विद्युत ने उसे घुर और उसने भी उसे एक पन्च मार दिया दोनों कि हाता पाई देख आरव और नील ने उन्हें अलग किया ।।
अनिशा विद्युत के पास गई और एक जोरदार थप्पड उसके गाल पर रसीद कर दिया और उसकी कॉलर को पकड़ बोली - तुम बहुत खटिया इंसान हो जिसने अपने मतलब के लिए पहले एक मासूम का फायदा उठाया और अब मुझे बर्बाद करने चलें थे । तुम्हारा गुरुर तुम्हारा सबसे बड़ा दुश्मन है विद्युत । तुम्हे खुद कि बेज्जती बर्दाश नहीं और गलती तुम मान नहीं सकते । जिसने तुम्हारे गुरुर पर चोट कि तुम उसे बर्बाद कर देते हो यही कहा था ना तुमने । एक बात याद रखना विद्युत कि गुरुर इंसान को कहीं का नहीं छोड़ता आज मैंने तुम्हारा गुरुर तोड़ा है खास कर एक लड़की ने (और उसे अपने पास ला के धीरे से बोली) और देखो मेरा आरव भी मेरे साथ है तुम उसका भी कुछ नहीं बिगाड़ पाए बल्कि बड़ी शांति से उसने तुम्हें मात दे डाली और तुम्हें लगा कि आरव डर गया । सो सैड कोई नहीं ट्राय करो दे दो पर उसके लिए तो तुम बाहर होंगे नहीं क्यूँ अभी कुछ देर में तुम्हारे ससुराल वाली इ मीन पुलिस वाले आते होंगे तुम्हें और तुम्हारे प्रिय पिता जी को लेने उनकी हि छत्रछाया में तुमने ये सब किया ।।
उसकी बात सुन विद्युत गुस्से में उसे घूर रहा था रणधीर गुस्से में अपनी कोट से गन निकाल ली और उसे अनिशा पर तान दिया और गोली कि आवाज़ के साथ वहां चारों तरफ सनाटा छा गया सबकी आंखे हैरानी से फेल गई गई विद्युत ने उस को झटका और आगे कि तरफ भागा अनिशा सेफ थी गोली चलते हि सोनाली ने जब देखा आनिशा पॉइंट पर है वो उसके आगे आ गई और उसके कंधे पर गोली आ कर लग गई और वो ज़मीन पर गिर गई ।।
विद्युत भाग कर उसके पास गया और उसका सर अपने गोद में रख उससे बोला - सोना ....सोना ये क्या.... क्या किया तुमने पागल हो क्यूँ किया तुमने .... (वो बेहोश होने लगी विद्युत उसे थपथपाते हुए बोला) "प्लीस सोना होश में रहो ऐसे कैसे तुम मुझे छोड़ सकती हो " उसे ऐसे सोनाली के लिए परेशान देख शोभा जी रणधीर और साथ में अनिशा आरव और जो विद्युत को जानते थे और बुरा मानते थे उसका ये रूप देख हैरान थे ।।
रणधीर आगे बड़ा और विद्युत से सोना को अलग कटे हुए बोला - ये क्या कर रहे तुम्हें कबसे इस लड़की से हमदर्दी हो गई छोड़ो इसे और चलो वो बोले हि थे ।।
विद्युत गुस्से में उन्हें घुरता है और उसे से उसका हाथ झटक के बोला - खबर डर जो मेरी सोना को हाथ भी लगाया तो आज तक सिर्फ आप कि वजह से में अपनी बीवी से दूर रहा उससे नफ़रत ,,,, आपने मेरे अंदर ये घमंड भरा पैसे के आदि बना दिया कि जो है पैसा है । एक बाप अपने बच्चे को अच्छी परवरिश देता है आपने मुझे सिर्फ लॉगो को बर्बाद करना सिखाया । अब मैं आपकी कोई बात नहीं सुनने वाला समझे आप ,,,,, आप पापा बोलने लायक भी नहीं है ये बोल वो गुस्से में सोनाली को उठाया और आरव कि तरफ देखा आरव ने उसकी बेबसी को समझा आज पहली बार आरव को विद्युत कि आँखों में सच्चाई और परवाह दिखी उसने पलके झपका दी और विवान को बोल विद्युत को गाड़ी दे दी विवान उसे अपने साथ हॉस्पिटल ले गया शुभ जी उनके साथ सोना का हाथ पकड़े चल दी ,,,,, कुछ देर बाद पुलिस आई और रणधीर सेठी को वहां के ले गई अनिशा ने सारे सबूत उन्हें दे दिए ।।
ये सब तमाशा देख वीरेन जी ने अपना सर पकड़े सोफे पर बैठे थे राधिका जी भी वहीं उनके पास बैठ गई अनिशा उनके पास आई और बोली " डैड अब आप क्यूँ टेन्शन ले रहे है देखिये सब ठीक तो हो गया ना मैं भी साफ हूँ और आपकी मेहनत से खड़ा किया एमपायर भी कोई धुखे से नहीं छीन पाया चली मुस्कुराइए ।
वीरेन जी मुस्कुरा दिए । आयुष बोला पर तुम सब को कैसे पता चला और ये सब कब केस किया तूने अनु ।।
अनिशा मुस्कुराते हुए बोली - भाई ये मैंने नहीं मेरी गैंग ने किया है जिसका मास्टर था आरव तो वहीं बताएगा कि क्या कैसे किया गया तो चलो शुरू हो जाओ ।।
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फ्लेशबेक .......
आरव - विवान तुझे जो बोला था वो ले आया न और सेम जोड़ा है न् दूसरा वाला एक दम अनिशा के जोड़े कि तरह ।
विवान (अल्मेरा से शादी का जोड़ा निकल मिशा को देते हुए आरव से कहा ) - हा ब्रो सेम है किसी को पता नहीं चलेगा कि ये जोड़ा कॉपी है ।।
आरव - मिशा सोनाली जी को ले जा के तुम काव्या के रूम में रेडी कर दो और मिताली तुझे जो विडीओ क्लिप दी थी उसे सम्हाल के रखा है ना ।।
मिताली - हम्म मैंने उसे रख दिया है सम्हाल के ,,,,, बट आरव तुझे ये प्रूफ कहा से मिला ,,,, और ये यहाँ कैसे आई ।।
( अब सोनाली कैसे आई तो आरव को पता था कि विद्युत कि शादी आलरेडी हुई है वो सोनाली को मिलने बुलाया उसे बात कि उसने कहा कि क्या वो भी किसी मासूम कि लाइफ स्पोइल् होने देंगी ..... सोनाली सोच में पड़ गई उसे विद्युत कि नशे में बोली बातें याद आने लगी कि विद्युत जैसा दिखाता है वो वैसे है नहीं वो सिर्फ अपने पापा के बहकावे और हमेशा से उनके कहे मुताबिक चला है कुछ देर उसने सोचा और उसने आरव को "हा" बोल दी उसने आरव वगेरा कि हेल्प भी कि उसने उनकी विडीओ रिकॉर्ड कर ली जब वो दोनों ये बातें कर रहे जो विडीओ अनिशा ने सबको दिखाई उसने वो विडीओ आरव को दे दिया ,,,,, वो ऐसा करना नहीं चाहती थी पर वो विद्युत को फिर कुछ गलत करने नहीं देना चाहती थी ,,,,,वो नहीं चाहती थी कि अनु कि लाइफ स्पोइल् हो इस लिए उसने आरव का साथ दिया )
मिशा सोनाली को रेडी करने ले गई । रूम में आ के आरव ने अनिशा को सब बताया और मिशा जो काव्या के रूम में सोनाली को रेडी कर रही थी उसे बलकनी से ले कर अनु के रूम में आ गई क्यूँ कि दोनों के रूम कि बालकनी एक हि थी सोनाली को लाया और अनिशा ने अपने गहने उतार के उसे पहना दिए और उसे मिशा ने सोनाली को बेड और आराम से बैठा दिया । अनिशा आरव के साथ बालकनी से हो के वहां से चली गई । फिर सांची और सब दुल्हन को लेने आए साची ने सोनाली का घूँघट नीचे किया और वहां से उसे ले कर सब नीचे आ गए ।।
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"बस ऐसे हुआ सब सिंपल था ये काम और अब सब सही तो डैड आप टेन्शन ना ले" अनिशा ने उनका हाथ अपने हाथ में ले कर कहा ।।
वीरेन जी आरव कि तरफ जा के उसका हाथ अपने हाथ में ले के बोले - आप सब बच्चों ने मिल कर आज सिर्फ मेरी इज्जत हि नहीं बल्कि मेरी बेटी कि लाइफ भी बचाई है मैं कैसे धन्यवाद् करुँ आपका मुझे तो समझ हि नहीं आ रहा कैसे एहसान चूकाऊगा ।।
आरव उनका हाथ पकड़ के - अंकल आप बड़े है और आप थैंक यू नहीं आशीर्वाद दीजिये और हमने जो किया अपनी दोस्ती के नाते किया सो आप ये मत सोचिए कि हमने कोई एहसान किया ।।
वीरेन जी ने मुस्कुरा के उसके सर पर हाथ फेरा ....... रधुवीर जी आरव के पापा ने भी आरव कि पीठ थपथपाई उन्होंने आरव को देखा और वीरेन जी से बोले - सेठिया साहब बेटी कि डोली एक बार सज जाए तो उसे बिना बेटी को विदा किये नहीं उठाया जाता ये शुभ नहीं होता ।।
उनकी बात सुन वीरेन जी को कुछ समझ नहीं आया वो बोले - मित्तल साहब हम समझे नहीं आप क्या बोल रहे है ।।
अनिशा कि दादी - ये बेटा जी सही बोल रहे है वीरेन लाड़ो कि डोली एक बार सजी तो उसे बिना विदाई हुए कैसे उजाड़ सकते है उसके हाथ का कलिरा कैसे उतार सकते है ये अपशगुन् होगा ।।
वीरेन जी - पर माँ अब कर भी क्या सकते है हम जो होना था हो गया ,,,,और जो हुआ अच्छा हुआ मेरी लाड़ो सेफ है खुश है वहीं काफी है मेरे लिए ,,,, और मैं शगुन अपशगुन् नहीं मानता हूँ ।।
रधुवीर् जी - वीरेन जी हम आपके सामने एक प्रस्ताव रखना चाहते है ।।
वीरेन जी - कैसा प्रस्ताव मित्तल साहब ।।
रधुवीर् - हम आपकी बेटी का हाथ अपने बेटे आरव के लिए मांगना चाहते (ये सुन आरव के साथ बाकी सारे दोस्त और सौम्या अवनि सब शोक्ड हो गए ) वो आगे बोले क्या आप देंगे अपनी बेटी हमें और हम बहु नहीं बेटी ले कर जाएँगे हमें अनिशा पहली नज़र से हि पसंद थी बस कभी बोला नहीं आपसे तो आगे आपका फैसला आप जो बोले हमें मंजूर होगा ।।
वीरेन जी ने उनकी बात सूनी और राधिका जी और दादी जी कि तरफ देखने लगे दादी खुश होके बोली "मने तो कोई दिकत ना से मने छोरा पसंद से उसने आज जो कुछ माहरी लड़ो के वास्ते किया से वो कोई ना कर सकता जै छोरे से अच्छा छोरा माहरी लड़ो के लिए हम सब चिराग ले कर भी को ना खोज पाएंगे तो माने ये प्रस्ताव मंजूर से अब आगे विरेन कि मर्जी ।।
उनकी बात सुन वीरेन जी राधिका जी कि तरफ देखें तो उन्होंने भी हामी भार दी वो बोले ठीक जब मा सा को मजूर है तो हम ना कैसे बोल दे और आरव तो हमें भी अपनी लाड़ो के लिए एक सच्चा और अच्छा हमसफर लगा आज जो आरव बेटा जी ने किया उसे मैं कभी नहीं भूलूंगा ,,,,, हमें आपका प्रस्ताव मंजूर है ।।
उनकी बात सुन आरव अनिशा को यकीन हि नहीं हुआ कि जो उन्होंने सुना वो सच है उन्हें तो ये एक सपना लग रहा था मिशा मिताली अनाया काव्या ख़ुशी से उछलते हुए उसके गले लग गई ........ विवान अरिश और नील ने आरव को दबोच लिया ...... सौम्या अनु के पास आई और उसके गाल छू के बोली - " कहा था ना हमने कि जो किस्मत में लिखा होगा उसे ज्यादा और कम नहीं मिलेगा ,,,,किस्मत मे जिसका साथ होगा उसका साथ मिल कर रहेगा 😊😊 सो वेल्कम इन मित्तल फॅमिली अनिशा ,,,, अनु उसके गले लग गई अवनि भी उसे गले लग गई ।।
दादी सा ने पंडित जी से बोला कि नया मुहूर्त कब का है तो उन्होंने एक महोने बाद का बताया रधुवीर् जी ने बोला " तो ठीक है आज से एक महीने बाद हम अपनी बेटी ले जागेंगे तब तक आप लोग हि इनका ख्याल रखिये" उनकी बात सुन राधिका जी और वीरेन जी मुस्कुरा दिए ।
आरव अनिशा ने एक दूसरे को एक नज़र देखा आज दोनों कि आँखों में एक सुकून और ख़ुशी थी दोनों एक दूसरे को गले लगाना चाहते थे पर सब साथ में थे इसलिए अपनी भावनाओं को सम्हाले हुए थे सान्ची ने दोनों को इस देखा और उनकी बैचेनी भी समझ गई और सबको ऊपर रूम में ले आई सबके आने के बाद उसने आरव अनिशा को छोड़ बाकी सबको काव्या के रूम में भेज दिया ।।
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अनिशा के रूम मे आराव् और अनु दोनों हि अकेले थे अनिशा नम आँखों से उसे देख रही थी आरव ने अपनी बाहे फैला दी अनु भाग कर उसके गले लग गई आरव ने उसे कस के अपनी बाहों में भर लिया दोनों सुकून से एक दूसरे कि बाहों में थे ।। अनिशा उसे अलग हुई और बोली " आरव मुझे तो यकींन हि नहीं हो रहा है कि ये .... ये सब सच है मतलब अब सब कुछ ठीक है .... तुम मेरे पास हो ... और....और हमारी शादी सच्ची में हमारी शादी होने वाली है ..... मुझे तो ये ख्वाब लग रहा है ।।
आरव उसे इतना हड़बड़ाया देख आरव ने उसका चेहरा हाथी में लिया और उसे किस कर चुप करा दिया अनिशा एक दम शांत को गई आरव ने उसे फिरसे अपने गले लगा लिया और बोला - ये कोई ख्वाब नहीं बल्कि बहुत कि खूबसूरत सच है ,,,,, तुम मेरी होने वाली पूरे हक से सब कुछ अब ठीक है हमारी भी लाइफ में अब नोर्मल लव स्टोरी होगी बस एक महीना फिर तुम हमेशा के लिए मेरी होगी और उसने अनु के माथे को हल्का सा अपने होंठों से छू लिया ।।
सारे दोस्त भी अब आ गए और उन सब ने एक साथ उन्हें बधाई दी और एक ग्रुप हग किया ।। आज सब कुछ ठीक हो गया था अनिशा आरव अब एक हो गए थे और पूरे हक से हमेशा के लिए एक होने वाले थे )
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विद्युत हॉस्पिटल में सोनाली के पास उसका हाथ पकड़े बैठा था सोना के कंधे से गोली निकाल दी गई थी वो अब ठीक थी बस बेहोश थी वो उसे हि देख रहा था शोभा जी उसके पास आई और बोली - " वो ठीक है विद्युत "
विद्युत उनकी तरफ मुड़ के उसे गले लगा के बोला - माँ मैंने आज तक जो कुछ किया उसकी सजा है ये जो मेरी सोना मेरी वजह से इस हालत में है ।।
शोभा जी - नहीं बच्चे तू गलत था पर तुझे बनाया तेरे बाप ने वो इंसान सिर्फ पैसे और रुतबे का भूखा था और उसने तुझे भी वहीं सिखाया ,,,, पर मुझे पता था मेरा बेटा इतना खुदा नहीं,,,,, मुझे भी माफ़ करदे बच्चे कि मैंने भी तुझे गलत हि समझा ।।
विद्युत - नो मॉम आपने कुछ गलत नहीं किया जो किया जैसा किया ,,,,, जो बिहेव आपने किया ठीक किया काश में पहले हि समझ जाता ,,,,, बट अब मैं अपनी लाइफ फिर से शुरू करूंगा अपनी सोना के साथ और आपके साथ बाकी किसी से कोई मतलब नहीं है ,,,,, आरव और अनिशा से भी माफ़ी मांगनी है मैंने बहुत बुरी बातें अनिशा के लिए बोली है और सोची भी है ।। शायद कोई माफ़ करें मुझे पर अब हम यहाँ से दूर चलें जाएँगे मॉम हम ऑस्ट्रेलिया जा रहे है आप पैकिंग किजिये शाम को सोना घर आ जाएगी कल हम यहाँ से निकल जाएंगे सोभा हा बोल उसके गालो को छू वहां से चली गई विद्युत सोना के पास बैठ गया ।।
(अब सब सही था आरव अनिशा कि लाइफ में ख़ुशी आ गई थी ।। विद्युत को अपनी गलती भी रियलाइज़ हो गई थी अब वो अपनी सोना के साथ नई लाइफ शुरू करने जा रहा था ।। )
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हा हा 😄😄 कैसा लगा आज का पार्ट बताना ।
Ye story jldi hi khtm ho jayegi uske baad koi story sayad nhi likhungi baaki pdni ho to mujhe insta pr contact kre me apna orignal platform bta dungi esi hi bhut si meri story pdne ko mlegi aapko 😊😊
My insta id : - sudha_289
Shivani Sharma
24-Feb-2022 08:32 AM
🙏🙏🙏🙏
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Seema Priyadarshini sahay
23-Feb-2022 08:29 PM
बहुत बढ़िया 👌👌
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दीपांशी ठाकुर
23-Feb-2022 07:47 PM
Kahani to yhi padhne me mja ati h baki apki marji h post kren ya nhi, waiting
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