Anu koundal

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वीरता

सरहदों पर लड़कर, 
अपनों से बिछड़ कर, 
देश के लिए महोब्बत, 
कुछ इस कद्र निभा गये ।
अपनों से आने का वादा करके, 
खुद शहीदी गले लगा गये ।
  
वतन की रक्षा को, 
अपना धर्म बताते।
 सरहदों पर डटकर, 
अपना फर्ज निभाते।
तभी तो हम बेखौफ, 
रातों को सो पाते ।

जब- जब दुश्मन ने वार किया,
सीना तान वीरों ने, 
हर दुश्मन को चित्कार दिया ।
खाकी के रंग में रंगा सिपाही, 
तिरंगे की शान बढ़ाता है, 
सबसे पहले मातृभूमि का,
हर बार कर्ज चुकाता है ।


            "अनु कौंण्डल"

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4 Comments

सुन्दर सृजन

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Punam verma

27-Feb-2022 11:29 AM

Very nice

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Swati chourasia

26-Feb-2022 08:44 AM

Very beautiful 👌

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