Sapna shah

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विदाई



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रक्त रंजित नयनों से दी विदाई जब वीर सपूत की लाश थी घर आयी...

नन्हे कदमों से चलकर बेटा डगमगाया था 
ठीक से अभी जिसनें पापा भी ना जिसे बुलाया था 
जिसे हाँथ पकड़कर चलना सीखाना था 
उसी हाँथों को कांपते कांपते आज अग्नि दाह देना था 
दुःख का सैलाब घर जवान के उमडा था 
विदाई के इन अंतिम क्षणों में भारत माँ का भी दिल रो 
पडा था ....

शहीद हुए जवान पर माँ का सीना फूला था 
पर आँखो से कहीं फूट पडा सागर था
किससे कहती व्यथा वो भी एक माँ थी 
भारत माता की रक्षा पर जान बच्चे ने की न्योछावर थी
दर्द भरे दिल ने दी विदाई थी जब एक लौते बेटे की लाश घर आयी थी.....

पत्नी का तो हाल बुरा था 
संभल ना सकी आचल सुहाना था 
कुछ पलों में छूटा रिश्ता पुराना था 
सात जन्मों तक इन्हे जो निभाना था 
एक झटके में घौसला पंछी छोड़ गया 
भारत माता की रक्षा में एक और वीर विदाई ले गया ...!! 


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10 Comments

Dr. Arpita Agrawal

27-Feb-2022 06:53 PM

अत्यंत मार्मिक 👌

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Sapna shah

27-Feb-2022 07:35 PM

Thanks

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Zakirhusain Abbas Chougule

27-Feb-2022 12:31 AM

Very nice

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Sapna shah

27-Feb-2022 06:56 AM

Thanks

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Gunjan Kamal

26-Feb-2022 07:07 PM

शानदार प्रस्तुति 👌

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Sapna shah

26-Feb-2022 07:16 PM

Thanks a lot

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