Harsh jain

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गीत

हम तुम्हारे लिए गीत गाते रहे? 

और बिछड़ने का मातम मनाते रहे! 

राह तकने मे ये उम्र जाती रही! 

गैरों की महफिलें तुम सजाते रहे!! 


             हर्ष जैन सहर्ष

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