विश्वास
भला कबतक मेरी जाना तू नजरें यूं चुराएगी।
मेरी नज़रों में देखो तो,मुहब्बत रास आएगी।
कि हूं अदना सुहानी पल में कैसी बात करता हूं
करो विश्वास तुम मुझपर मुहब्बत रंग लाएगी।
मेरी आंखों में दिखती है मुहब्बत की हसीं दरिया।
किसी दिन देखना उल्फत मेरी कश्ती डुबाएगी।
वफ़ा के रास्ते हरदम सजे हैं आग कांटों से।
ये दुनियां बस यही किस्सा हमेशा से सुनाएगी।
ज़माने के नज़र में मैं भले ही मौन बैठा हूं।
मेरे आंखों में तुम देखो तेरी तस्वीर आएगी।
दीपक झा "रुद्रा"
Seema Priyadarshini sahay
02-Mar-2022 04:32 PM
बहुत खूबसूरत
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Sudhanshu pabdey
02-Mar-2022 07:31 AM
Very nice
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Zakirhusain Abbas Chougule
02-Mar-2022 02:32 AM
Nice
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