"देवों के देव महादेव" मनहरण घनाक्षरी छंद
शिखर हिमगिरि के, बिराजे शिव शंभु हैं,
सोहत चंद्र प्रखर, शीष गंग धार है,
माथन त्रिपुंड धारे, भोले नाथ निराले हैं,
हाथन डमरु धारे, कंठ सर्प माल है,
उमापति महादेव, बिराजी अंग वाम हैं,
देवों के महादेव, हिमाचल धाम है,
महेश दया निधान, करते पूर्ण काम हैं,
शंकर दया निधान, करते कल्याण हैं ।
काव्य रचना- रजनी कटारे
जबलपुर म.प्र.
Seema Priyadarshini sahay
02-Mar-2022 04:24 PM
बहुत खूबसूरत
Reply
Sudhanshu pabdey
02-Mar-2022 07:29 AM
Very nice
Reply
Swati chourasia
02-Mar-2022 07:03 AM
Very beautiful 👌
Reply