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रहस्य मरूभूमि का-भाग 9 (उपन्यास लेखन प्रतियोगिता )



रहस्य मरुभूमि का

 भाग-९

रमाजी बिल्कुल भी नहीं खुश थीं विमल के राजस्थान जाने के नाम पर लेकिन विमल की खुशी देखकर वह चुप रह गईं।

विमल कतई सुनने के लिए भी बिल्कुल तैयार नहीं था।तब उन्होंने राधिका जी को बताया।राधिका जी को अपने गुरुस्वामी जयदेव पर बहुत ही अधिक विश्वास था।

राधिका जी ने कहा कि स्वामीजी अभी दिल्ली में ही ठहरे हैं।विमल को स्वामीजी से मिलवा दो।

स्वामीजी एक कृष्णमंदिर में रुके थे।फिर रमाजी और राधिका जी दोनों विमल के साथ स्वामीजीके पास पहुंचती हैं और सारी बात बतलाती हैं।

स्वामीजी विमल को बहुत ही गहरी नजर से देखते हैं..फिर मुस्कुराते हैं।

उसके बाद अपनी झोली से एक इत्र की शीशी निकालकर विमल को देते हैं।बोलते हैं --,,बेटा,जब लगे कि मुसीबतों से चारोंओर से घिर गए हो तब यह इत्र लगा लेना।,,

फिर रमाजी से कहते है--,,बेटी,सिर्फ अपनी खुशी और स्वार्थ नहीं देखना चाहिए। बच्चों को भी अपनी जिंदगी जीने का पूरा हक है।उनपर विश्वास रखो।,,

विमल यह सुनकर सोच रहा था कि स्वामीजी उसके मन की बात समझ ले रहे हैं।

क्या थार चैलेंज वाकई एक्साइटमेंट था...!!

न..नहीं...जब से शिल्पी दी ने उसे बतलाया कि पापा गुम हो गए हैं,वह उन्हें ढूढने के लिए बेताब है।...ऐसा क्यों लगता हैकि पापा और उनके तीनों दोस्त फिर से मिल जाएंगे..!!

...कभीकभी विमल को। लगता कि हृदय अंकल,नाना और अदम्य अंकल की लाश लाश न होकर कुछ और ही थी..क्योंकि लाश पूरीतरह से शिनाख्त भी नहींहुई थी।सिर्फ़ कपड़ों से ही अनुमान कर लिया गया था...!!

विमल की ये दलीलें रमाजी को सिरे से नागवार लगता था।
वह कहतीं कि विमल असलियत सुनकर बौरा गया है।

खैर अब कल तो विमल अपनी टीम के साथ एक हफ्ते के लिए राजस्थान जा रहा है।

~~
मि. रौबर्ट क्रिस्टोफर और मि. एनीस --ये दो फोटोग्राफर थे।और जूलिया उस टीम की फिल्म डायरेक्टर।

विमल के सारे दोस्त परविंदर कौर,उपेंद्र दीक्षित और रोजइन --ये सारे सर्वावाइवलिस्ट।

विमल सबको रिसीव करने एयरपोर्ट जाता है।दोपहर का लंच लेकर सबको पहले बाय-एयर जाना था।

लेकिन फिर प्रोग्राम में बदलाव हुआ था,क्योंकि उनकी टीम सिर्फ़ चैलेंज नहीं कर रही थी बल्कि एक चैनल के लिए थार और राजस्थान की शूटिंग भी करनी थी।इसलिए अब सब एयरकंडीशनर बस से जा रहे थे।

जाने से पहले विमल रमाजी के पैर छूता है।वह बोलता है--,,मम्मी आशिर्वाद दो,अपने सफर में सफल होकर लौटूँ।,,

रमाजी रो पड़तीं हैं।तब सारे टीम मेंबर्स रमाजी का हौसला बढ़ाते हैं और कहते हैं कि हम सब विमल की रक्षा करेंगे।

रमाजी रोते हुए कहती हैं--,,राधेकृष्ण..रक्षा करना सबकी।,,

~~~

बस अपनी पूरी रफ्तार से भागती है।दोनो फोटोग्राफर सारे दृश्यों को कैद करने लगते हैं।
विमल अपने पिता के साथ घटे हादसे को अपने सभी दोस्तों को बतलाता है।

रात में एक होटल में सब रुकते हैं।दूसरे दिन एकदम सुबह ही राजस्थान के लिए निकलना है क्योंकि वहाँ दिन में तापमान बहुत ही अधिक हो जाता है।

~~

देर रात विमल फिर वही सपना फिर से देखने लगता है।
🌀🌀
...वही दूर दूर तक रेत ही रेत...!!
लेकिन पहले सपने कुछ अस्पष्ट होता था अब एकदम साफ...जैसे की सामने से देख रहे हों ऐसे।
...वही...रेत ...का...समुद्र...तैरती हुई...बालूका राशि...!!
.....!!जलन से पैर जलने लगे...फिर....!!
सामने एक विशालकाय राजमहल...!!
...झूमे बदरा...संग...हमारे...
आए...साजन...बड़ी दूर..से....
स्वागत..करो...नैनन जल से....!!
🌀🌀🌀

नृत्य की थाप और घुंघरुओं की लयबद्ध आवाज से विमल की नींद टूट गई।
रात के 2:00बज रहे थे।
वह उठकर बैठ गया।
.....
स्वरचित
सीमा...✍️✨
©®
क्रमशः
【#उपन्यास लेखन प्रतियोगिता】

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1 Comments

Arshi khan

03-Mar-2022 09:21 PM

Bahut khoob

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