लेखनी कहानी -02-Feb-2022
एक श्राप
भाग =11
अगले दिन नील उसके चाचा सुबह तैयार होकर लव का इंतजार कर रहे थे, लव की बाइक की आवाज आती है। तीनों उस बाबा के घर निकल जाते हैं, धीरज को इतना सुबह देख कर उस बाबा को थोड़ा अजीब लगता है, धीरज उससे उम्र में छोटा है धीरज बोलता है। आपकी मदद चाहिए थी। पहले आपके पिता ने हमे सम्भाला अब आपकी मदद चाहिए, कर सकेंगे। बिल्कुल करूँगा आपके परिवार को सालों से जानता हूँ और फिर पिताजी के साथ काम करते हुए काफी कुछ सीख लिया था। बताए क्या परेशानी है परिवार में, उन बाबा ने एक बगीचे में अपना कमरा बनवा रखा था। वहाँ बहुत सारे अलग पेड़ पौधे जिससे वो औषधि बनाते लोगों को ठीक करते थे, असल में उन्होंने औषधि बनाने की पढ़ाई भी की थी। धीरज बोलता है मैं बच्चों को लेकर आता हूँ। धीरज बच्चों को लेकर अंदर आता है, तीनों अंदर प्रवेश करने ही वाले थे इतने में नील को अजीब सी घबराहट होने लगती है, बाबा उठ कर आतें है क्या हुआ नील सब घबराए हुए थे। अचानक नील की आँखे में पीले रंग की चमक दिखती है।बाबा दोनों जल्दी अंदर आओ उसे कुछ हो रहा है। जल्दी जल्दी अचानक नील जोर से गुर्राने लगता है। बाबा बोलते है इस बच्चे को परेशानी है, इस बगीचे में कुछ ऐसे चमत्कारी पौधे भी हैं जो ऐसी शक्तियों पर नियंत्रण कर सकते है, लेकिन कुछ देर के लिए। वो नील पर पानी छिड़क देते है नील शांत होकर बेहोश हो जाता है। धीरज इस बच्चे पर श्राप है। हाँ बाबा भतीजा है मेरा, मेरे बाद अब ये। इसे होश में आने दो बाहर चलकर बात करेंगे। इस बगीचे में कोई अलग शक्ति प्रवेश नहीं कर सकती। ठीक है बाबा दोनों बाहर आकर नील को उठाकर बाबा के घर के हाल में ले जाते हैं। नील को होश आता है। अब मुझे क्या हुआ। कुछ नई कोई पौधा बता रहे थे। आने दे पूरी बात पता चल जाएगी। बाबा कमरे में आते है। बोलते हैं देखिए कोई भी शक्ति परमात्मा की शक्ति से आगे तो नहीं हो सकती है। ईश्वर ने हर चीज का कोई ना कोई तोड़ जरूर बनाया है, तो आप घबराए नहीं कोई रास्ता तो निकलेगा। अब आप मुझसे कल मिलने आए कोई औषधि तैयार करने में समय लगेगा। बिल्कुल बाबा। तीनों बाहर आ जाते हैं चाचा में आपको छोड़कर दादाजी के निकल जाता हूँ, हमे वहां समय से पहुंचना है। चलिए नील लव चाचा को छोड़कर दादाजी के घर से दूर कपड़े बदल कर उनके घर पहुंच जाते है. श्यामा बोलता है बड़े पाबंद हो बच्चों चलो लग लो काम पर, देखो बच्चों ये जो बागीचा है मालिक की जान है तो ध्यान रहे कोई गडबड नहीं होनी चाहिए। बिल्कुल काका बात ऐसी है कोई खोज कर रहें है तो उसके लिए कुछ पौधों को ढूंढ ढूंढ कर यहां लगाया है कहते है कुछ ऐसा बनाएंगे की किसी की जिंदगी बच जाए। और बोलते है मेरे मरने से पहले बनाऊँगा। ज्यादा पता नहीं लेकिन बहुत मेहनत से उस काम में लगे हैं। नील लव से यार ये कहीं वही फूल की खेती तो नहीं। हाँ लेकिन यार तू पास मत जाना अभी कुछ हुआ तो में तो सम्भाल भी नहीं पाऊँगा अकेला कुछ नहीं होगा रे, चल तूने तो दूर से भी देखे हैं पास से भी तो तू ही देख ले हाँ यार। याद है मुझे नीले रंग के थे जैसे नीले लिली के फूल हो। तू यही ठहर में फोन में फोटो लेकर आता हूं। लव जल्दी से जाकर उन फूलों की उन पौधे की तस्वीर ले आता है। तभी नील को दादाजी की गाड़ी की आवाज आती है। वो बाहर से चिल्लाते हैं श्यामा जल्दी आ रे और नौकरों को भी लेकर आ। चलो रे बेटा!बाहर मालिक काम से बुला रहें हैं। उस दिन पहली बार दादाजी से इतनी पास से सामना हुआ। काफी फिट थे वो। दादी भी सुन्दर ही थी लेकिन दादा किसी हीरो से कम नहीं थे। तो ये हैं वो दोनों लड़के जो नए लगे हैं, ये तो बड़े सुन्दर हैं जैसे कोई अंग्रेज हों। तो बच्चों काम अच्छा लगा। आज काफी समय बाद मुझे वो पौधा मिला है जो मेरे रिसर्च को सफल बनाएगा। क्या मतलब दादाजी, बताता हो हूँ ये एक कहानी जैसा लगेगा तुम लोगों को तो समझो ये जो फूल और पौधे हैं इनमे ईश्वरीय शक्तियां है या यूँ कह सकते है ये स्वर्ग के पौधे है इनमे एक रात जो इंसान सो जाए उसकी बीमारियाँ और उसको लगे श्राप ठीक हो जाते हैं, तभी नील बोलता है तो दादाजी आप तो विज्ञान के विद्यार्थि हैं ये तो आपके लिए चुटकियां बजाने जैसा हुआ ना, नहीं बच्चे मैने विज्ञान पढ़ा है, वानस्पतिक विज्ञान की ग्याता तो तुम्हारी दादी माँ हैं उन्होंने सुझाया है ये मुझे। तो क्रेडिट उन्हें जाता है, ओह तो दादाजी भी इतनी पढ़ी लिखी हैं, बिल्कुल अपने समय की गोल्ड मेडलिस्ट रह चूंकि हैं।
पढना जारी रखें।
Arshi khan
04-Mar-2022 07:40 PM
👌👌👌
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