लेखनी प्रतियोगिता -05-Mar-2022आम का बगीचा
गोपाल बहुत ही शरारती लड़का था। उसके पिताजी उसे स्कूल पढ़ने के लिए भेजते थे। परन्तु गोपाल का मन पढा़ई में लगता ही नही था। वह अपने स्कूल भी बहुत देर से पहुँचता था।
गोपाल जजब देर से स्कूल पहुँचता तब उसके टीचर उसे प्रतिदिन डाँटते थे और कहते थे कि गोपाल यदि तछ कल भी लेट आया तब तेरा नाम स्कूल से काट दिया जायेगा।
लेकिन गोपाल की तो लेट आने की आदत बन गयी थी। उसपर अपने अध्यापकौ की डाँट फटकार का कोई असर नहीं होता था ।
एक बार की बात है उन दिनो आम व जामुन का सीजन था। गोपाल की मन्डली ने आम व जामुन तोड़कर खाने का प्रोग्राम बनालिया।
उस दिन वह स्कूल न जाकर आम के बगीचे में पहुँच गये। उस समय बगीचे में कोई माली नही था । गोपाल अपने लड़कौ के साथ पेड़ पर चढ़ गया और आम तोड़ने लगा।
गोपाल ने आम तोडकर खूब खाये उसके बाद साथ लेजाने के लिए भी इकट्ठे कर लिए उसी समय माली आगया। जैसे ही उनकी नजर माली पर पडी़ वह सभी वहाँ से अपना किताबौ का थैला व आम छोड़कर भागने लगे।
जब वह भागकर घर पहुँचे तब घरवालो ने उनसे किताबौ के थैले की पूछी तब वह झूँठ बोलने लगे कि थैला तो स्कूल मे टीचर ने रख लिया है।
उनकी बात सुनकर घरवाले चुप रहगये। लेकिन जब शाम को आम के बगीचे का मालिक उनके बैग लेकर आया तब उनको बुलाया और पूछा गया।
उस दिन गोपाल सहित सभी लड़कौ की पिटाई हुई और कसम खाई कि अब ऐसा काम नहीं करैगे।
परन्तु गोपाल का मन स्कूल में लगता ही नहीं था । वह कुछ दिन तो चुप रहा। फिर वही काम शुरू होगया।
गोपाल ने एक दिन जामुन खाने का प्रोग्राम बना लिया। वह अपनी टोली के साथ जामुन के पेड़ पर चढ़ गये और जामुन खाने लगे। उस टोली मे ऊक लड़का रमेश भी था वह शरारत में गोपाल से भी आगे था।
रमेश ने जामुन की डाली को जोर जोर से हिलाना शुरू कर दिया। जामुन की लकडी़ बहुत कमजोर होती है। रमेश उसे हिलाये ही जारहा था।
अधिक जोर से हिलाने से डाली टूट गयी और रमेश उसपर बैठा हुआ था। वह डाली सहित नीचे गिरा और बेहोश होगया।
अब रमेश के साथी उसे बेहोश देखकर परेशान होगये। रमेश को होश में लाने हेतु उसे पानी चाहिए था। परन्तु वहाँ कही पर भी पानी नही था।
जैसे तैसे करके उसे होश में लाया गया। और घर बापिस आगये।
गोपाल ने बहुत कठिनाई से आठवी क्लास ही पास की थी। इसके बाद उसने अपनी जमीन में आम के बाग लगा लिए और आम का ब्यापार करने लगा। और इसतरह वह पढ़तो नही सका।
गोपाल ने अपने आम का ब्यापार दिल्ली तक बढा लिया। इस तरह वह एक अच्छा ब्यापारी बन गया।
गोपाल ने अपने आम के ब्यापार से अपने परिवार को बहुत बिकसित क
Abhinav ji
06-Mar-2022 09:07 AM
कहानी कदाचित पुरी पोस्ट नही हुई है sir
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Naresh Sharma "Pachauri"
06-Mar-2022 12:14 PM
धनयवादजी
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Art&culture
06-Mar-2022 12:41 AM
Khani achchi h lekin incomplete h
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Naresh Sharma "Pachauri"
06-Mar-2022 12:14 PM
धन्यवादजी
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Inayat
05-Mar-2022 06:27 PM
Nice
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Naresh Sharma "Pachauri"
06-Mar-2022 12:14 PM
धन्यवादजी
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