मुसकुराहट

मुस्कुराहट/लोककविता

मुस्कुराहट
वरदान है ईश्वर का
मनुष्य को
क्योंकि सभी जीवों में
मनुष्य ही
मुस्कुरा सकता है ।
मुस्कुराहट भी
कई तरह की होती है
कहीं कृष्ण सी सौम्य
और कहीं शकुनि सी कुटिल
कहीं उपहास की
तो कहीं
उपेक्षा की
और कहीं राम सी
मर्यादा परिपूर्ण 
हृदय को मोह लेने वाली ।
मुस्कान हृदय का फूल है
जो अधरों पर खिलता है
और
यह रचता है 
कभी संसार,तो कभी विनाश ।।

©अनुरोध कुमार श्रीवास्तव
बस्ती,उत्तर प्रदेश
चित्र साभार गूगल

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5 Comments

Punam verma

08-Mar-2022 09:21 AM

Nice

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Swati chourasia

08-Mar-2022 07:27 AM

Very nice 👌

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Niraj Pandey

08-Mar-2022 12:08 AM

बहुत खूब

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