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लेखनी प्रतियोगिता -07-Mar-2022

बिल आखिर सूरा इस्राफील का इमकान जगेगा 

हज़ारों साल से सोया हुवा इंसान जागेगा

 मुसलसल काम करना भी तरक़्क़ी की अलामत है 
अगर खाली रहे तो ज़हन मैं शैतान जगेगा 

अभी कलियों को सोन दीजिये शबनम के दामन मैं
बहार आते ही खुशबु के लिये अरमान jaagegaa 



जो तुम किरदार के आँगन मैं काले नाग पालोगे 
कई नस्लों तलाक फिर ज़ुलमती मैदान जागेगा 

ज़रासी बे हयाई और बढ़ने दीजिये राशिद 
कोई जागे न जागे नूह का तूफ़ान जागेगा 




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11 Comments

Punam verma

08-Mar-2022 09:25 AM

Very nice

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Dr. Arpita Agrawal

08-Mar-2022 12:32 AM

Beautiful

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Dr Rashid hasanpuri

09-Mar-2022 09:40 AM

धन्यवाद

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Niraj Pandey

08-Mar-2022 12:13 AM

बहुत खूब

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Dr Rashid hasanpuri

09-Mar-2022 09:39 AM

धन्यवाद

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