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जीवन

आज का विषय - जीवन


जीवन  एक  संघर्ष है तो ये,मनुज की  एक कर्मस्थली।

मिलता है अभीष्ट सबको, प्रधानता होती निज कर्म की।


फ़तह कर लेते एवरेस्ट जिनमें है, अदम्य साहस,उत्साह।

जिनसे न कुछ बन पड़ा, वे अलापते हैं दैव- दैव राग।


अतिरूग्ण  को भी बुला लेती ,अपनी ओर जीवन उषा।

क्योंकि उनमें निहित है, अपार  अतुलनीय जिजीविषा।


कुछ लोग परेशान हो, नाकामियों से देते जीवन को लुटा।

उनका तो क्या परिवार पर ,अनगिनत दुखों का पर्वत टूटा।


माना जीवन का सफ़र मुश्किल है ,पर खुले रास्ते भी हैं।

मनचाही मंजिल चुनने के ,कुछ विकल्प भी प्रस्तुत हैं।


जीवन.का फलस़फ़ा भी कितना,  कुछ अज़ीबो गरीब़ है।

गली गली डगर डगर  जीवन की ,कुछ न कुछ सीख  है।


कभी कभी अत्यधिक प्रयत्नशील,  भी असफल  हो जाते।

कुछ किस्मत के धनी सहज , सफलता के पऱचम लहराते।


जीवन सुख और दुःख का ,एक  अद्भुत  तालमेल  है।

दुख के  बाद प्राप्त  सुख का , अनुभव अवर्णनीय है।


मिलनऔर वियोग ये दो, जीवन के संयोग व दुर्योग हैं।

विरह के बाद होता मिलन, जीवन लगता अमृततुल्य है।


देखें न विषमता जीवन की,  समरसता का सृजन करें।

किसी का मस्तक ऊंचा देख ,स्वयं में  हीनभाव न भरें।


कर्म यज्ञ महान यज्ञ बहुत व्यापक , अद्भुत और विशाल है।

इसे पाने की लालसा में मूर्ख भी बन जाता कालिदास है


जीवन सागर की लहरों की भांति निरंतर गतिशील  है।

इसमें यदि तम है तो आशा की एक रश्मि भी है।

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8 Comments

Niraj Pandey

24-Jun-2021 12:41 AM

गजब 👌👌

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Aliya khan

23-Jun-2021 11:10 PM

वाह mam

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Swati Charan Pahari

23-Jun-2021 10:18 PM

उम्दा रचना

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