नागफेनी--5
अब तक आपने पढा कि किसी की घूरती चमकती आँखें देखकर लड़कियाँ बहुत डर जातीहैं..
अब आगे...
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सिमरन रोते हुए बोली--ये जगह ठीक नहीं है अनु।यहां खतरा है।हमलोग यहां आकर फँस चुके हैं।
.पहले मुझे शेर की दहाड़ सुनाई दी ,फिर नीति मैम अचानक बीमार हो गई और अब..!!मुझे तो बहुत ही डर लग रहा है!
रिया--बहुत ही अजीब अजीब सी चीजें हो रही हैं।अगर मम्मी को फोन करूंगी तो कहेंगी फौरन वापस आ जा।
अनु--हाँ,यार,ये तो है। हमारे कैरियर पर भी असर पड़ सकता है।
सिमरन--अरे ,भाड़ में जाए कैरियर,पढ़ाई।अगर जिंदा रहेंगे तब कुछ करेंगे न।मुझे तो लग रहा है कि मौत हमारा पीछा कर रही है..हमें यहां से निकल जाना चाहिए।
रिया--सब्र कर यार,कल सर आएंगे न फिर बात करते हैं।अगर ये मौका निकल गया तो बहुत बड़ा प्रॉब्लम हो जाएगा..हमारी हालत तो साँप छुछुंदर वाली हो गई है..!
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उधर बॉयज के कमरे मेंः
अमन, अजय और राज थे।
अमनः अजय यार,क्या सचमुच गर्ल्स ने कुछ देखा था या उनका इल्यूजन था।
अजयः नहीं,इतनी स्मार्ट लड़कियाँ और इल्यूजन!!मुझे तो लगता है कि सचमुच कुछ यहां है..इन्नेचरल..!!
उसी समय विकास का फोन राज के पास आता है।
राज सारी बातें उसे बतला देता है।
विकासः यार,सारे वाकये ये गर्ल्स के साथ ही क्यों होते हैं!हमारे साथ क्यो नहीं होते।...मैं तो बहुत एक्साइटेड हूँ।
ऐसा तो नही कि वो यूएफओ ही था..!!
राजः पता नहीं,पर गर्ल्स बहुत ही डर गई हैं।पता नहीं ये ट्रिप भी अटेंड करेंगी या नहीं..!!
विकासःअरे डरने से कुछ ना होने वाला...लड़कियों को तू समझा.. पर मुझे तो जानना ही है नागफेनी का इतिहास!
राजः ओके,पहले आ जाओ फिर..!
विकासः कल मिलते हैं..!!
राज फोन रख देता है।
राज अमन से--
ःसचमुच क्या वो यूएफओ ही था क्या...या कोई जानवर!
अमनः कोई जानवर पेड़ के ऊपर कैसे हो सकता है..होता तो उसे नीचे होना चाहिए।
अजयः जो भी होता है वो हमारी स्मार्ट,ब्रेव लड़कियों के साथ ही होता है,हमारे साथ नहीं।
राजः अजय,तू भी खिड़की पर खड़ा हो जा,तुझे भी दिख जाएगी दो चमकती घूरती आँखें।हा..हा...!!
अमन भी हँसने लगता है..फिर उठकर पानी पीने लगता है।
अजय खिसियाहट में खिड़की पर खड़ा हो जाता है।
पाँच सेकेंड में वह फुसफुसाने लगा--अमन..राज..!!
अमन और राज वहां दौड़कर आते हैं।
विशाल सागौन के पेड़ों के पीछे कुछ चमकतीं कुछ बुझतीं आसमान में दूर से चमकती हुई लाइट..
..अर..रे..यह क्या...एलियंस...!!
सब चुपचाप एक दूसरे का मुँह देखने लगते हैं।
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उधर अस्पताल मेंः
विकास ने सारी बातें मानव और अपने दोनो टीचर को बतला दिया।
अविनाश सर और शोभित सर दोनो ही हैरान रह गए।क्योंकि ये बच्चे इस बैच के हैं,पर वे लोग तो लगभग हर दूसरे साल बच्चों को लेकर यहां आते ही रहते थे।
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दूसरा दिनः
अस्पताल से नीति मैम को डिस्चार्ज कर दिया गया। दोपहर तक सभी टीचर और मानव और विकास गेस्टहाउस पहुंच चुके थे।
नीति मैम को फूड पॉयजनिंग हो गई थी।अब वह ठीक थीं,बस थोड़ी कमजोरी थी।
दोपहर के लंच के बाद शोभित सर और अविनाश सर ने बच्चों को हॉल में बुलाया ।
शोभित सरः बच्चों,कल के बारे में हमने कुछ सुना है। सिमरन,अनु तुम दोनो ने क्या देखा था,बताओ?
सिमरन और अनु कुछ बोलतीं उससे पहले ही अजय बोलने लगा
अजयःसर,बाद में हमने भी देखा आसमान में कोई चीज रंगबिरँगी रौशनियाँ चमक रही थीं..!!
अविनाश सरः स्ट्रेंज..!!लाइक अ जोक..!!हम लगभग हर दूसरे साल नागफेनी बच्चों के बैच लेकर आते ही हैं,पर ऐसा एक्सपीरियंस कभी भी नहीं हुआ..पहलीबार..ईस दफा...आपलोग सीरीयस हैं,अपने थीसिस के लिए या हमलोग ट्रिप कैंसिल करें..!
..सोचकर कल तक बताईये।
सभी बच्चेः ओके सर।
...क्रमशः....
स्वरचित
सीमा...✍️🎈
©®
Shnaya
07-Apr-2022 12:12 PM
Very nice👌
Reply
Swati Sharma
10-Mar-2022 12:00 PM
शानदार प्रस्तुति
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Seema Priyadarshini sahay
10-Mar-2022 06:01 PM
थैंक्यू मैम
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Gunjan Kamal
10-Mar-2022 01:00 AM
👏👏👌🙏🏻
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Seema Priyadarshini sahay
10-Mar-2022 06:01 PM
🙏🙏
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