" रनचण्डी हुंकार रही है"
"सिसक रही है धरती लेकिन
बच्चों को पुचकार रही है!
सौ बल खाती हुई कुचलकर
या नागन फुफकार रही है!!
कारीगर , मज़दूर , किसानों
और जवानों होश में आओ;
हर कोने से महाक्रांति की
रनचण्डी हुंकार रही है!!"
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Swati chourasia
10-Mar-2022 05:13 PM
Very beautiful 👌
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Virendra Pratap Singh
11-Mar-2022 06:56 AM
Thank you, Swati.
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