ख्वाब
जादुई घर
पड़ोसी सोचते थे क्या है।
वो आखिर राज़
क्यु आती रहती है ।
उस घर से हरदम हंसने की आवाज।
ये कोई मामूली घर नही ।
ये है जादुई घर।
जहाँ नही है गम और आँसु ।
खुशी है हर पहर।
क्या हमेशा से।
ही था यहाँ ऐसा।
ना कोई लड़ाई और ना तकरार।
ले कर अहम् या पैसा।
है क्या आखिर इस जादूई घर में।
जो रहती हमेशा रिद्धि सिद्धि।
आखिर क्या है वो वज़ह।
जो रहती ईतनी समृध्दि।
उन्हे क्या पता।
ये जादु है सम्मान का।
ना किसी की बुराई।
ना मन में दुःख।
ना टूटना किसी के अरमान का।
ये जादूई घर नही।
पर मनु की सोच है जनाब ।
जिनके दिल है बङे।
और उनसे भी बङे उनके ख्वाब।
नीलम गुप्ता🌹🌹 (नजरिया )🌹🌹
दिल्ली
Aliya khan
24-Jun-2021 09:04 PM
बेहतरीन
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Renu Singh"Radhe "
24-Jun-2021 06:33 PM
बहुत खूब
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Niraj Pandey
24-Jun-2021 03:10 PM
गजब 👌👌
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