संगीत ( कृपाण घनाक्षरी छंद)#लेखनी वार्षिक कविता प्रतियोगिता -10-Mar-2022
संगीत (कृपाण घनाक्षरी छंद)
सतरंगी मन हुआ,
पिया तूने जब छुआ।
दिल मांगे यही दुआ,
हमेशा ही रहें संग।।
छोड़ नहीं कभी जाना,
प्यार हमेशा निभाना।
याद करेगा जमाना,
जीत जाएं हर जंग।।
छेड़ी ऐसी प्रेम धुन,
धड़कन मेरी सुन।
सपने प्यार के बुन,
भर दे अनोखे रंग।।
धड़कन का संगीत,
सुन मेरे मनमीत।
अपने प्रेम की जीत,
बजे चहुं और चंग।।
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कविता झा 'काव्या कवि'
# लेखनी वार्षिक कविता प्रतियोगिता
Sunanda Aswal
11-Mar-2022 02:05 PM
बहुत ही सुन्दर पंक्तियां 👏
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Seema Priyadarshini sahay
11-Mar-2022 12:32 AM
वाह बहुत खूब❤️😍
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