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अंजान-12-Mar-2022

कुछ रिश्ते हमारी जान बन जाते हैं। कुछ रिश्ते हमारी शान बन जाते हैं। कुछ रिश्ते हमारी पहचान बन जाते हैं। कुछ जान कर भी अंजान बन जाते हैं। कुछ रिश्ते कभी भुलाये नहीं जाते, कुछ रिश्ते हमारी आदत तो कुछ एहसास बन जाते हैं। कुछ रिश्ते दूर होकर भी बहुत पास नजर आते हैं तो कुछ बहुत पास होकर भी दूर चले जाते हैं। हां कुछ रिश्ते हमारी जान बन जाते हैं। कुछ रिश्ते बहुत गहरे होकर दिल में उतर आते हैं तो कुछ रिश्ते कभी कभी दिल से उतर जाते हैं। हां कुछ रिश्ते ऐसे ही अंजान बन जाते हैं तो कुछ रिश्ते हमारी जान बन जाते हैं। हां फिर भी वो रिश्ते बहुत याद आते हैं और कुछ वक्त के साथ बदल जाते हैं। कुछ रिश्ते हमारी जान बन जाते हैं तो कुछ जान बन कर भी अंजान बन जाते हैं। हां कुछ रिश्ते हमारी पहचान बन जाते हैं। हम भटकते रहे रिश्तों की हरियाली लिए, बढ़ते कदमों के साथ अब वो भी बंजर नजर आते हैं। हां कुछ रिश्ते हमारी धड़कनों में समां जाते हैं तो कुछ रिश्ते चाहकर भी कभी भुलाये नहीं जाते हैं। कुछ रिश्ते समय के साथ बदलकर बेईमान बन जाते हैं, तो कुछ रिश्ते जिंदगी भर साथ निभा कर वफादार बन जाते हैं। हां कुछ रिश्ते यूं ही अंजान बन जाते हैं। तब शायद मौसम भी बसंती रहा होगा, दिल पर वो कभी पतझड़ बनकर दस्तक दे जातें हैं। मुकद्दर भी चहकर हम ना अपना बदल पाये,बीती बातों को कभी कभी पढ़ कर मुस्कुराये जाते हैं। कुछ रिश्ते मतलबी बन जाते हैं तो कुछ जान बन कर भी अंजान रह जाते हैं। कुछ रिश्ते हमारी शान बन जाते हैं तो कुछ रिश्ते हमारी पहचान बन जाते हैं।                               🥀 जय हिन्द 🥀।                                                         🥀सुशील कुमार पांडेय 🥀।                                                            🌹❤️spps❤️🌹

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9 Comments

Shrishti pandey

14-Mar-2022 12:07 AM

Nice

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Punam verma

13-Mar-2022 11:40 AM

Nice one sir

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Sushil Kumar Pandey

13-Mar-2022 12:48 PM

Thank you mam

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Abhinav ji

13-Mar-2022 09:11 AM

Nice

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Sushil Kumar Pandey

13-Mar-2022 10:48 AM

Thank you sir

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