जख्म-14-Mar-2022
जख्म सब उनके मवादी हो गये,। चारासाजी के जो आदी हो गए। आपने तो गर्दन सुलह की काट दी। और फिर हम भी फसादी हो गये। नींद तो सारी हादसों में खो गई। और ख्वाब सब आंखों में माटी हो गये। तुम अयोध्या का घाट बन कर रह गई। और हम मथुरा से काशी हो गये। मल लिया फिर देह पर हमने भी शव भस्म को। आखिरश हम भी शमशान वाशी हो गये। 🥀 जय हिन्द 🥀। ,🥀सुशील कुमार पांडेय 🥀। ❤️🌹spps❤️🌹
Shrishti pandey
15-Mar-2022 06:11 PM
Nice one
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Seema Priyadarshini sahay
15-Mar-2022 04:23 PM
बहुत खूबसूरत
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Gunjan Kamal
15-Mar-2022 02:26 PM
बहुत खूब
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