रोशनी
शीर्षक-रोशनी मन में ।
चलो आज मिलकर ।
एक दीपक जलाए।
करें मन प्रज्ज्वलित ।
अनुराग मन में आशा की उमंग जगाएं।
माना है मुश्किलों का दौर।
अहंकारी हवाओं से बचाकर प्रदीप्त करें।
बाहर निकल कर झंझटों से।
झंकृत मन को उन्मादों से मुक्त करें।
जब कहीं दूर दिखाई देतीं हैं रोशनी।
व्याकुल मन उस और चल देता है।
ना देखता है फासला कितना।
मन में दृढ़ निश्चय कर लेता है।
शिद्दत से संघर्ष करके पाना है तो पाना है।
सिर्फ कोशिश नहीं करना है।
बस उसी पल अज्ञात मंजिल।
उसके एकदम करीब होती है।
उसकी सच्ची लग्न देखकर।
आसमान भी आज जमीं पर आ गया।
कर रहा है आतिशबाज़ी।
गगन और क्षितिज मिल दिन में दीवाली मना रहा।
नीलम गुप्ता🌹🌹 (नजरिया )🌹🌹
दिल्ली
NEELAM GUPTA
05-Jul-2021 10:12 AM
आप सभी का बहुत बहुत धन्यवाद
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Nitish bhardwaj
26-Jun-2021 12:43 AM
वाह बहुत खूब
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Niraj Pandey
25-Jun-2021 11:28 PM
वाह 👌
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