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इन लव विथ बिलियनेयर( कॉन्ट्रैक्ट मैरिज ) (भाग-30)

                  ❤️ सगाई स्पेशल ❤️




खुशी का घर 

नैंसी ...ने खुशी को परेशान कर रखा है कि तू सगाई मे क्या पहनेगी ..जल्दी बता ...सारे लहंगे लेकर उसके पीछे पीछे घूम रही है पर खुशी अपनी मस्त ट्रैकसूट पहन कर सोने कि कोशिश कर रही....रूम मे घुसते ही नैंसी कहती है ,
नैंसी - हे भगवान..इस लड़की का कुछ करों....( खुशी से ) बहन तुझे तैयार नहीं होना क्या ....या ऐसे ही जाने का प्लान है ..
खुशी -( लेटे हुए ही ) तुम जाओ यहां से अभी हमे जोरो से नींद आ रही है ...
नैंसी - ठीक है फिर मै जीजू को कह देती हूं कि वो दूसरी  
खुशी ढूंढ ले ...
खुशी - आनंद जी को कॉल भी मत करना ....उनसे तो मैं नाराज हूं ...


नैंसी - ओह हो दीदी क्यों नाराज हो रही हो ...अब जीजू ने किस ही तो किया था ....
खुशी - ( नैंसी को मारते हुए ) हां हां मम्मी - पापा के  सामने किस किया था ......( अपना चेहरा हाथो से ढकते हुईं ) आनंद जी को शर्म भी नहीं आई ऐसा करते हुए ......
नैंसी - वो अपनी वाली को ही किस किए थे..... पड़ोसी को नहीं 😏

खुशी - हां हां तुम भी ऐसे ही करना ......
नैंसी -( खुशी के गाल खींचते हुए ) जलुल जलूल दीदी जान 

( तभी श्वेता जी कमरे में आ जाती है तो खुशी अपना फेस तकिए से ढक लेती है तो वो कहती है )
श्वेता जी - ( हंसते हुए ) बाहर दामाद जी नहीं शर्माए रहें तो  तुम क्यों शर्मा रही .......
खुशी -( हैरानी से ) क्या ...क्या मम्मी ?
श्वेता जी - दामाद जी आए है ....अंदर भेज रही हूं मिल लो ...
खुशी - मम्मी मुझे नहीं मिलना ...और अगर आपने अंदर  भेजा ना तो मै इस खिड़की से भाग जाऊंगी ........
श्वेता जी - अरे कैसे पागलों जैसी बात कर रही हो ......
खुशी - (खिड़की पर चढ कर ) ठीक है फिर ...आप अंदर भेजिए ..और हम बाहर ...
नैंसी - ( श्वेता जी से) मॉम कुछ मत कहो...पता चला ये सच्ची मे भाग गई तो …....हम बाहर चलते है ..

( दोनों लोग बाहर आ जाती हैं तो नैंसी कहती है )

नैंसी - वैसे मॉम ....ये तरीका सही है ...अब मजा आयेगा देखने में कि जीजू ..दीदी को कैसे मनाएंगे आईएम एक्साइटेड ...
श्वेता जी - हां सब के सब  मेरे दामाद जी को परेशान करने में लगी हों.....
( तभी पीछे से आकर आनंद श्वेता जी के गले में हाथ डालकर कहता है ) 
आनंद - सच्ची कहा मॉम ......
नैंसी - जीजू अब आप घर के लिए निकल लो और ( पास जाकर ) थोड़ा ये भी सोच लेना कि अपनी दुल्हनिया को कैसे मनाना है ...
आनंद - जी साली साहिबा ..आपका हुकुम सर आंखो पर ....
नैंसी - और दीदी का ?
आनंद - खुद ही समझ जाओ .....

( आनंद फिर श्वेता जी और श्रवण जी ( खुशी के पापा ) का पैर छूकर घर के लिए निकल जाता है )


दूसरी तरफ ....
  
सब लोग सजावट के काम में लगे होते है ...सगाई से लेकर हल्दी तक का सारा फंक्शन तय होता है कि ऋषभ के घर ही होगा ....पर श्रवण जी के इच्छा के अनुसार उनकी बेटी की डोली किसी पैलेस से नहीं बल्कि अपने घर से उठवाना चाहते थे तो बस ये तय होता है कि बारात खुशी के घर आएगी और विवाह कि सारी रस्में वहीं होंगी....और इसमें किसी को कोई ऐतराज नहीं होता है .......

दोपहर का समय है  और सजावट का काम लगभग पूरा हो चुका होता है ..... पूरी सगाई की डेकोरेशन से लेकर खाने तक कि ज़िमेदारी ऋषभ ने खुद पर ले रखा होता है क्योंकि आज उसके चिरकुट की सगाई जो है .....सजावट में कोई भी गलती होती है तो वो सीधे डांट देता है जिसकी वजह से कुछ सजावट करने वाले वहां से निकल जाते है ...अवनी जब ये देखती है तो ऋषभ से कहती है ,

अवनी - ऋषभ जी ये आप क्या कर रहे है ?
ऋषभ - मै कहा कुछ कर रहा हूं ....
अवनी - तबसे देख रही हूं आप सबको डांटे जा रहे है ..ऐसे करते रहे ना तो ये डेकोरेशन का काम ऐसे का ऐसे ही रह जाएगा ....

( ऋषभ फूलो कि माला लेकर कहता है )

ऋषभ - आप ये सीढी पकड़िए मै फूल लगाता हूं ....
अवनी - अरे आप सीढी पकड़िए मै फूल लगाती हूं .....
ऋषभ - आप बस सीढ़ी पकड़िए और कुछ नहीं .....

( अवनी हुह  करके सीढ़ी पकड़ लेती है और ऋषभ फूलो को लगाने लगता है ....तभी अवनी को खुशी का फोन आ जाता है तो वो उसे बात करने में बिज़ी हो जाती है और इस चक्कर में ध्यान नहीं देती है कि ऋषभ फूलो को लगाते लगाते बिल्कुल एंड मे आ गया है  और जैसे ही  वो थोड़ा पीछा हिलता है ......उसका बैलेंस बिगड़ जाता है और वो  नीचे  गिरने लगता है कि  अवनी उसे अपनी गोद में पकड़ लेती हैं........सामने खड़ा आनंद जब ये देखता है तो अपना फोन में वीडियो बनाते हुए कहता है  )

आनंद -  वाह वाह क्या सीन 
                मौसम भी हसीन है 
              मेरी भाभी तो कमसिन है 
              पर ये भाई  तो टूटी फूटी मशीन है 

भाई प्लीज़ हिलना मत मै बस वीडियो बना रहा हूं .... ऐसा मौका रोज नहीं मिलता देखने को ....( निहारिका जी को बुलाते हुए ) अरे मेरी मईया जल्दी आओ ... यहां क्या मस्त 😜धमाका हुआ है ......

( अवनी जब सुनती है तो ऋषभ को छोड़ देती है जिससे वो धड़ाम से नीचे गिर जाता है और कहता है)
ऋषभ - आ मेरी कमर ....( अवनी से )  ये क्या था ....
( तभी निहारिका जी भागते हुए आती है और कहती है )
निहारिका जी - अरे क्या हुआ ...कौनसा धमाका हुआ था...( चारो तरफ देखते हुए ) मुझे तो कुछ नहीं दिख रहा ...
आनंद - ( शांत करते हुए ) कोई बात नहीं मॉम.....होता है कभी कभी ......
निहारिका जी - ( आनंद को गुस्से में घूरते हुए ) आज तुम्हारी सगाई है वरना बजा देती ......
( आनंद  कैसी मां है मेरी  कहते कहते खिसक जाता है ..... निहारिका जी ..नीचे पड़े ऋषभ को देखती है तो कहती है )
निहारिका जी - तुम ये नीचे क्या कर रहे हो ?
ऋषभ -( प्यार से) घास गिन रहा हूं मॉम....

( इतना कहकर वो अपनी कमर पकड़ कर वहां से घर के अंदर घुस जाता है ..... निहारिका जी फिर..अवनी की तरफ मुड़ती है तो वो ..आती हूं कहकर घर के अंदर भाग जाती है .....तभी अनंत जी .. निहारिका जी को पीछे से पकड़ लेते है तो वो कहती है )
निहारिका जी - अरे छोड़िए अगर किसी ने देख लिया तो ...
अनंत जी - हां तो देखने दो ...
निहारिका जी - अरे कुछ तो शर्म कीजिए ..4 बच्चो के पापा बन चुके है और अब तो ससुर भी...
अनंत जी -( मुस्कुराते हुए ) रोमांस करने की कोई उम्र नहीं होती ......

( पीछे से संजना हंसते हुए कहती है )
संजना - वाउ मॉम डैड ...आप लोगो को तो ऐसे देखकर मजा ही आ गया ......
( निहारिका जी शर्माते हुए वहां से भाग जाती है .…...तभी संजना को उसकी दोस्त का कॉल आ जाता है तो वो बाते करते करते हुए निकल जाती है ........शाम तक सारा डेकोरेशन का काम पूरा हो जाता है ....सारे मेहमान लोग भी आना शुरू हो गए होते है तभी संजना आकर ब्वॉयज़ के पास खड़ी हो जाती है और कहती है ,

संजना - बताओ रे कैसी लग रही हूं मै ..



तभी पिछे से आवाज आती है - चमगादड़ ....

( संजना गुस्से में पीछे मुड़ती है और देखती है कि सामने देव खड़ा है )



संजना -( भुनभुनाती हुए ) इसे मेरे ड्रेस का ही  कलर का कपड़ा मिला ...उल्ले के पठे .....
( तभी विहान कहता है ) 


विहान - ऐसे मत बोलो ...मेरी छुटकी प्यारी लग रही है ....
देव - माफीनामा दे दो भाई ....
अब से हम ये गलती ना 
दोहराइब    (रिपीट ) 

( संजना हुह करते हुए अंदर चली जाती है तो देव कहता है )
देव - वैसे अच्छी तो लग रही है .....

( सारे मेहमान लोग आ गए होते है पर आनंद बाबू कही नजर ही नहीं आ रहे होते है .....सब उन्हे इधर - उधर ढूंढने लगते है ...अवनी भी अपने कमरे में जाती है तो देखती है कि ऋषभ तैयार होकर खड़ा है ,


अवनी - देवर जी को देखा क्या आपने ...
( ऋषभ पीछे मुड़ता है तो देखता है कि अवनी अपने लहंगे मे बहुत खूबसूरत लग रही होती है )


वो उसे देखता ही रह जाता है....तभी फिर से अवनी पूछती है तो वो कहता है ,
ऋषभ - ( अपनी ड्रेस ठीक करते हुए ) अपने कमरे में होगा ...
अवनी - नहीं है वहां ......अच्छा आप बाहर जाइए मॉम बुला रही है ...
( इससे पहले अवनी जाने के लिए मुड़ती है।  ऋषभ उसे अपनी तरफ खींच लेता है अपनी बाहों में भर लेता है ....तो वो  कहती है )

अवनी -( हड़बड़ा कर ) ये क्या कर रहे है आप ....छोड़िए बहुत काम है...
ऋषभ - बस एक मिनट ....

( फिर वो ड्रेसिंग टेबल के पास जाता है और एक पतली सी क्लिप लाकर ...अवनी की  चुन्नी से उसका पूरा सर ढक कर उसमे पिन लगाकर ठीक करता है और उसे कहता है )

ऋषभ - हां अब ठीक लग रहा है वरना मैंने नीचे देखा था ..आप परेशान हो गई थी उस बार बार ठीक करने में ......
( ये कहकर वो रूम से बाहर निकल जाता है ...अवनी उसे हैरानी से देखती ही रह जाती है कि नील आ जाता है और कहता है )


नील - दीदी ....वो मिस्टर आनंद मिले क्या ?
अवनी - नहीं .….चलिए देखते है सभी रूम्स मे ...

( अवनी अपने रूम को बन्द करके कॉरिडोर में नील के साथ ही आनंद को हर कमरे में खोजने लगती है और कहती है )
अवनी - तुम इतने शांत क्यों रहते हो ?
नील - मुझे शांत रहना ज्यादा पसंद है....
अवनी -( हंसते हुए ) हां पूरे ऋषभ जी की तरह हो .....( उसके सामने खड़ी होकर )सच्ची बताऊं ...तुमसे बात करते हुए मुझे थोड़ा डर लगता है ......
नील - ओह फिर आप मिस्टर ऋषभ से भी डरती होंगी....
अवनी - ओह ...बिल्कुल भी नहीं ..उनसे क्यों डरने लगी मैं...
नील - ( अचानक से) वो रहे मिस्टर आनंद....
( दोनों को फिर ध्यान आता है कि ये लोग  बाते करते करते हुए 3rd फ्लोर पर पहुंच गए है......अवनी उस दरवाजे को पूरा खोलती है और देखती है कि आनंद ड्रेसिंग टेबल के पास बैठा हुआ है ...



अवनी -  हे भगवान देवर जी आपको पूरा घर खोज रहा है और आप यहां ....
आनंद -( सर पर हाथ रखते हुए )
- ना यार रहा ना प्यार रहा 
फिर भी मै तैयार पड़ा 
ना जाने कब आएगी मेरी दुल्हनिया
जल्दी से बसाना है मुझे भी अपनी छोटी 
सी दुनिया 😭😭...

अवनी -( हैरानी से ) ये क्या बकवास कर रहे है आप....
आनंद - मेरी वाली मेरे से नाराज है ..
अवनी - हां तो जाकर मनाओ ना ....
( तभी नील कहता है )
नील - दीदी मै नीचे जाता हूं..( आनंद से ) मिस्टर आनंद ..मुझे पता है आप अभी कोई आइडिया मांगेंगे...इसलिए पहले से माफी ....
( इतना कहकर नील वहां से निकल जाता है तो आनंद कहता है)
आनंद - देखा भाभी ...मेरा दुख कोई नहीं समझ रहा ... देखना एक दिन इनकी भी बारी आएगी ..( हंसते हुए ) और मै मुस्कुराते हुए खिसक लुंगा ....
अवनी -( हंसते हुए ) ठीक है अब मुस्कुराते हुए नीचे चलिए ....( रूम से बाहर निकल कर ) शायद आपकी खुशी आपका इंतजार कर रही .....
इतना सुनते ही आनंद पूरी फूल स्पीड मे कमरे से निकलकर....अवनी से पहले नीचे हॉल में पहुंचता है और जाते ही नैंसी से टकरा जाता है जिससे उसका बलैंस बिगड़ जाता है और गिरने लगती है तो नील पीछे से पकड़ लेता है .......वो अपनी आंखे खोलती है और लहंगे को ठीक करके नील से कहती है ,


नैंसी - मिस्टर नील जरा ध्यान से देखकर चलिए ....( घूरते हुए ) आप तो आज ही मेरी कमर तोड देते .....
( पीछे से आनंद कहता है)
आनंद - साली साहिबा....वो धक्का मुझसे लगा था ...नील से नहीं ....
( नैंसी ...अपने माथे पर चट से मारती हैं और मुस्कुराती हुई नील की तरफ मुड़कर कहती है )
नैंसी - सॉरी ... सॉरी मिस्टर नील वो मै कभी ..कभी गलती कर देती हूं ....
( नील जाने लगता है तो वो उसके सामने खड़े होकर कहती है)
नैंसी - ओय यार ...क्यों नाराज हो रहे .. सॉरी बोल दी ना ...प्लीज़ बॉयफ्रेड बन गए हो अब गुस्से में पीछे  मत हटना  ...

( पीछे से देव हैरानी से कहता है )

देव - हॉ ....भाई ये मै क्या सुन रहा हूं ....
नील -( जाते हुए ) जो सुन रहे हो सही सुना....

( इतना कहकर वो स्टेज के पास लेगी चेयर पर बैठ जाता है ....फिर देव...नैंसी की तरफ मुड़कर पूछने जाता है तो वो बिना कुछ कहे ही खिसक जाती  है तो वो कहता है)

देव - कुछ तो खिचड़ी पक रही है .....
संजना -( पीछे से ) हां तुम्हारे लिए स्पेशली खिचड़ी , करेले की सब्जी , कच्चा चावल बनवा दिया है ...
देव - ( संजना का हाथ पकड़ कर ) यार कबतक ऐसे नाराज रहोगी ...
संजना -( गुस्से में ) हाथ छोडो ...वरना विहान भाई से इतना  पिटवाऊंगी की याद रखोगे......
( तभी विहान कहता है )
विहान - मुझे किसी ने बुलाया क्या ??
परी  - ( हाथ पकड़ कर ) हां हां चलिए .... मां  ने बुलाया है ......

( परी ....विहान को लेकर सपना जी के पास चली जाती वहां वो  बताती है कि टविंकि नहीं आ पाएगी  क्योंकि उसके डैड की तबियत बहुत खराब है..…...विहान का पूरा चेहरा मुरझा जाता है क्योंकि वो  तबसे आस लगाए बैठा होता है कि टविंकि जी  आएंगी  तो वो उसे अपनी दिल की बात बता देगा ......सपना जी उसके कंधे पर हाथ रखती है तो वो मुस्कुरा कर कहता है)

विहान - मॉम मै ठीक हूं .......

( फिर वो वहां से चला जाता है .....आनंद दरवाजे पर परेशान खड़ा होता है और बार बार बाहर झांक रहा होता है तो पीछे से अवनी और ऋषभ दोनों पूछते है की क्या हुआ.....तो वो कहता है)
आनंद - यार भाई ये मोटा भाई और रिया भाभी कहा रह गए ??
अवनी  - बस थोड़ी देर में आ रहे है अभी बात हुई .....
आनंद - इतना लेट .....
अवनी - हां ...भाई और रिया ट्रैवल एजेंसी का काम शुरू कर रहे तो बस आज ही उनका पहला दिन था.......
आनंद - इंनको तो मै बताऊंगा मेरी सगाई के दिन ही इन्हे अपना काम याद आया ......

( तभी अवनी इशारे से बताती हैं कि वो देखो आ गए ..वो लोग )



आनंद -( मुस्कुराते हुए ) आइए आइए हमारे कबूतरों की जोड़ी  ...स्वागत है आप दोनों लोगो का ....
रिया - शुक्रिया 😅...
आनंद -( आदि से ) अब अगर मेरे शादी के किसी भी फंक्शन मे लेट आए आप दोनों तो ..... गुटुर - गु - गुटूर - गू करवाते हुए वापस भेज दूंगा .....

( रिया हंसते हुए अवनी के साथ अंदर चली आती है और आदि ...प्रोमिस करता है कि अब वो लेट नहीं आएगा …फिर 3 नो साथ में अंदर आ जाते हैं.......सारे मेहमान लोग आ चुके होते है और अब स्टेज के सामने से पर्दा भी हट गया होता है ......अवनी हैरानी से कहती है 


अवनी - क्या ये सजावट सच में ऋषभ जी ने करवाया है ...( ऋषभ से ) क्या बात है..
ऋषभ - क्या बात है ....
अवनी - उफ्फ आप कुछ नहीं समझ सकते ....
ऋषभ -( अवनी की कमर पकड़ कर ) तो आप समझा दीजिए....
अवनी -( ऋषभ को दूर करते हुए ) आप पता अब खडूस नहीं है ......
( ऋषभ आंखे बड़ी कर उसे देखने लग जाता है तो वो कहती है )
अवनी - बल्कि आप दिन प्रतिदिन छिछोरे बनते जा रहे है .....
( ये सुनते ही तो ऋषभ भागकर इतनी दूर  खड़ा हो जाता की उसकी आवाज भी ना पहुच पाए अवनी तक..........)

अवनी - अब तो सच में ही नहीं हो सकता कुछ ....
.
( अचानक से लाइट चली जाती है ...चारो तरफ अंधेरा ही हो जाता है तभी स्टेज के साइड पर लाइट ऑन जाती है .....वहां सब देखते है कि आनंद खड़ा है माइक के साथ और वो कहता है )
आनंद - लेडीज एंड जेंटलमैन ....आपको पता आज क्या है
( सब कहते है सगाई है ) 

आनंद - .मुझे पता था किसी को नहीं पता कि आज वैलेंटाइन्स डे और हां साथ साथ में आप लोगो के प्यारे आनंद बाबू की सगाई भी .....तो बस दिल थाम के रखीए और अपनी अपनी वाली को दे दीजिए ...अब ऐसा मौका बार बार थोड़े मिलता है ...

.(स्टेज पर बैठकर  पैर लटकाकर कहता है )

आनंद - मेरी वाली ना मेरे से नाराज है ....( सर पर हाथ रखकर) बताओ अब ये पागल दीवाना क्या करे अपनी दुल्हनियां के लिए ...

( सब लोग हंसने लगते है तभी वो कहता है )

आनंद - अरे अरे मैने आप लोगो से आइडिया मांगा और आप लोग हंस रहे हैं.... खैर छोड़िए मै खुद मना लुंगा .......
( फिर से लाइट ऑफ हो जाती है और इस बार ऑन होती है तो आनंद के साथ .......साथ खुशी भी नजर आती है स्टेज के तरफ बढ़ते हुए )



( आनंद तो उसे देखकर ही शॉक 😍हो जाता है और गाना - गाना शुरू हो जाता है )...

तुम से मिल के, ऐसा लगा 
तुम से मिल के अरमां हुये पुरे दिल के 
  ऐ मेरी जान-ए-वफ़ा
तेरी मेरी , एक जान है
साथ तेरे रहेंगे सदा, तुम से ना होंगे जुदा 
तुम से मिल के, ऐसा लगा
तुम से मिल के अरमां हुये पुरे दिल के 
मेरे सनम, तेरी कसम, 
छोड़ेंगे अब ना 
ये हाथ ये जिन्दगी गुजरेगी अब
हमदम तुम्हारे ही साथ 
अपना ये वादा रहा, 
तुम से ना होंगे जुदा

आनंद सोंग गाकर  वहीं बैठकर मुस्कुराने लगता है और खुशी ....के आंखो में आंसू आ जाते है कि वो अपने इस प्यारे , नटखट पतिदेव से नाराज थी .....तभी अवनी कहती है ,
अवनी - बस बस ...ऐसे रोते रही ना तो मेकअप निकल जाएगा और फिर मेरे देवर को चुड़ैल भगाउ गाना गाना पड़ेगा 
( खुंशी हंसने लगती है तो आनंद स्टेज पर खड़ा होता है और कहता है )
आनंद - आप लोगो को पता है ये आइडिया ना ऋषभ भाई का था ...मतलब वैलेंटाइन्स डे का आइडिया और जो अभी खतरनाक लाइन्स बोली थी वो ... माइ मास्टर ब्लास्टर भाई जान का ...

( सब लोग ऋषभ को देखने लगते है तो वो अपनी मुस्कुराहट को रोककर सामने देखने लगता है .....)

आनंद - हां पर गाना मैंने सेलेक्ट किया था 😍...

( तब निहारिका जी और श्वेता जी आनंद को कहती है कि खुशी को लेकर आए ....आनंद फिर स्टेज से नीचे उतरता है और बिना शर्माए हुए खुशी को गोद में उठाकर स्टेज पर खड़ा कर देता है ....खुशी उसे हैरानी से देख रही होती है कि स्टेज का बीच वाला हिस्सा गोल आकार में ऊपर उठने लगता है तो वो डर के आनंद को पकड़ लेती है ........फिर वो रुक जाता है और सामने खुद एक प्लेट आती है जिसमे दो रिंग्स होती है 


सब लोग कहते है रिंग  पहनाओ .......तभी खुशी खुद नीचे झुक जाती है रिंग लेकर और मुस्कुराते हुए कहती है ,
खुशी - क्या आप खुशी के बच्चो के पप्पा बनना पसंद करेंगे ...
( नीचे सब लोग हंसते हुए तालियां बजाते है .....आनंद भी शर्माकर हां कह देता है ....जैसे ही दोनों  एक दूसरे को रिंग पहनाते है खुशी के ऊपर गुलाब के फूल और आनंद के ऊपर चिप्स के पैकेट गिरने लगता है वो हड़बड़ा जाता है और हंसते हुए कहता है )
आनंद - मास्टर ब्लास्टर अब आप मेरे हाथो से नहीं बचने वाले..
( ये कहकर वो ऊपर से कूद जाता है और जैसे ही वो कूदता है  गोल स्टेज टेढ़ा हो जाता है और खुशी गिरने लगती है तभी आनंद उसे अपनी गोद में पकड़ लेता है ......और कहता है)

आनंद -( ऋषभ से ) भाई ये फिर से आपका प्लान था ना पर मजा आ गया ......
( सब लोग फिर से हंसने लगते है ...... दोनों फिर सभी बड़े लोगो का पैर छूते हैं और आनंद भागकर स्टॉल के पास आ जाता है और पूरा टेबल भरवा लेता है खाने की चीजों से ........सभी मेहमान लोग भी खा पीकर निकल जाते है पर आनंद अभी भी स्टॉल के पास ही बैठा होता है .......तभी खुशी , विहान , आदि ,नील , संजना  देव ,रिया ,नैंसी ....और पीछे पीछे अवनी और ऋषभ भी आ जाते है ....सबके लिए प्लेट मिल जाता है पर ऋषभ - अवनी के पास एक ही रहता है इसलिए दोनों एक ही मे खाते  है .तभी अवनी आती हूं कहकर घर के अंदर चली जाती है ........तभी आनंद कहता है )

आनंद - ( ऋषभ के पास आकर धीरे से ) भाई आपका प्लान तो सच्ची बहुत ही कमाल का था....पर पता एक चीज बुरा लग रही ...
ऋषभ -( खान रोककर ) क्या ??
आनंद -( हंसते हुए ) भाभी ने आपको छिछोरा कहा 

( आनंद हंसते हंसते हुए अपनी चेयर से गिर जाता है और उसे देखकर सब के सब हंसने लगते है .......पर ऋषभ उठता और हाथ धोकर ...कहता है )
ऋषभ -( खुद से ) अब बताता हूं मै कितने बड़े वाला छिछोरा हूं...
( सीधे घर में घुस जाता है और रूम का दरवाजा खोलता है तो देखता है कि अवनी पूरे बेड पर फिर से फैल कर सो रही है .....उसे ऐसे देखकर तो वो उसके करीब जाता है और माथे को चुनकर  एक पिक क्लिक करके ...वहीं सोफे पर लेट जाता है )

बाहर ये सब लोग खाकर जाने वाले होते है तो संजना.....आनंद से कहती है ..
संजना - ( धीरे से ) ये इस देव को क्यों बुलाया ??
आनंद - मॉम ने बुलाया है और मै खुद लेने गया था दोनों को ...और तुम अब चपड़ चपड़ ना करो बहुत जल्द ही तुम्हारा भी बेंड बजवाऊंगा ......
संजना -( हैरानी से ) भाई कौनसा वाला ........

( आनंद ...वहां से हंसता हुए निकल जाता है...थोड़ी देर बाद सब लोग सोने के लिए अंदर चले जाते है )💖



अगली सुबह ,
आनंद जब उठता है तो हैरान हो जाता है..........


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11 Comments

Ashant.

21-Mar-2022 05:36 PM

Ab tk ki kahani shandaar rhi h, good job, good writing, well done maam , keep it up....✍️✍️✍️👌👌👌

Reply

Seema yadav ' sim'

21-Mar-2022 10:17 PM

Thanku ❣️

Reply

Shivani Sharma

20-Mar-2022 01:20 AM

Intresting story likhi h aapne

Reply

अफसाना

19-Mar-2022 02:27 AM

😂😂😂😂😂 bhut achchi khaani likhi h

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