ऐसा नहीं है कि हर वक़्त मुझे उसी का इतेंजार था
ऊसके बिना भी मेंरे इस दिल को बोहोत करार था
ऊसके मोजुद होने से मेंरा खुश होना अलग बात है
ऊसके ना-मोजुदगी पर भी मुझे सिर्फ उससे प्यार था
खुशी भरें लम्हे बोहोत कम दिये है उस जालिम ने
पर वो बेइंतहा गम देने वाला ही मेरा गमगुसार था
ईतनी बड़ी दुनिया है बाली फिर ऊसी से ईश्क क्यों
क्या करता ऊसका हर किरदार मुझपे असरदार था।
Swati chourasia
17-Mar-2022 06:57 PM
Very beautiful 👌
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