Add To collaction

एक कहानी -लेखनी प्रतियोगिता -20-Mar-2022

आओ सुनाऊँ एक मज़ेदार कहानी
एक थी लड़की लगती बड़ी मस्तानी।

एक दिन पिता ने पूछा सुन्दर मेरी रानी
बड़े होकर क्या बनने की तूने है ठानी।

पापा बड़ी होकर मैं बनूँगी एक एक्ट्रेस
पोस्टर लगवाऊँगी पहन खूबसूरत ड्रेस।

लाई हील वाली चप्पल माँग सहेली से
चलूँ कैसे इसे पहन बन गया पहेली ये।

कोशिश करने वालों की होती नहीं हार
पहनकर चल पाई मैं मात्र कदम चार।

आई कड़-कड़ की जोरदार आवाज़
हड्डियों में बजने लगा था एक साज।

गिरी धम्म से ज़मीन से उठ ना पाई
हाय मर गई बापू कह पुकार लगाई।

लेकर गए सब मिल मुझे अस्पताल
पैरों का फैक्चर बन गया मेरा काल।

बापू ने भी मुझको ज़ोर की डांट लगाई
एक्ट्रेस बनने की इच्छा मन से मिटाई।

सोचा क्यों न बन जाऊँ ऐसी डॉक्टर
जिसने आज पैरों में पट्टी थी लगाई।

गिरते होंगे बड़े लोग पहन हील हाई
पट्टी लगा उनको अच्छी होगी कमाई।

खुश हुए पिता बोले शुरू करो पढ़ाई
देख डॉक्टरी किताब शामत थी आई।

लगा क्यों अपने लिए मुसीबत बुलाई
फेल हो जाने पर जमकर हुई धुनाई।

न बनना मुझे एक्ट्रेस, न कोई डॉक्टर
अच्छा हो खेल में मिले शिक्षा अगर।

माँ बोली शिक्षक बनने का रखो चाव
रोचकता से लाओ शिक्षण में बदलाव।

जँच गयी थी मुझे माँ की ये प्यारी बात
शिक्षण का संकल्प लिया था उसी रात।

इस बार संकल्प हुआ पूर्णत: सार्थक
शिक्षण के ज़रिये जाना शिक्षा का अर्थ।

अब बनकर शिक्षक बच्चों को पढ़ाती
विषय व खेल को जोड़ सबको हंसाती।

माँ से भी ज़्यादा खुश लग रहे थे पापा
गर्व से खड़ी थी पापा से दिल न कांपा।

पापा बोले बेटी नाम किया रोशन आज
सार्थक सिद्ध हो गए हैं तेरे सारे काज।

अब मेरी बेटी देश का भविष्य बनाएगी
प्रत्येक बेटी हेतु मिशाल बन जाएगी।

उस दिन नया आयाम पाई मेरी कहानी
कुछ ऐसी थी मेरी खट्टी-मीठी ज़िंदगानी।

डॉ. अर्पिता अग्रवाल

   15
14 Comments

Shrishti pandey

21-Mar-2022 10:49 AM

Very nice mam

Reply

Dr. Arpita Agrawal

21-Mar-2022 02:41 PM

शुक्रिया सृष्टि जी 😊

Reply

Punam verma

21-Mar-2022 08:39 AM

Bahut badhiya mam

Reply

Dr. Arpita Agrawal

21-Mar-2022 02:40 PM

Thanks a lot Punam ji

Reply

Abhinav ji

21-Mar-2022 08:15 AM

Nice👍

Reply

Dr. Arpita Agrawal

21-Mar-2022 02:40 PM

Thank you Abhinav ji

Reply