आप सभी को मेरा *(अधिवक्ता बाली पहलवान)*
का प्रणाम। होली के इस अवसर पर प्रस्तुत है मेरी ये प्रस्तुति
मेरी भाभी को समर्पित
होली के रंग में कुछ इस तरह रंग जाओ
भेदभाव सारे भूल कर प्रेम के हो जाओ,
कुछ नहीं बस ये प्रेम ही साथ जाएगा
प्रेम को संग में रंग लो जीवन संवर जाएगा।
रंग बहुत हैं जो जिंदगी ने हमें लगाए हैं
सह रहे हैं उनको हम जो किस्मत से पाए हैं,
आहिस्ता ही सही किस्मत के सब रंग निखर रहे हैं
हर तरफ देखो खुशी के रंग बिखर रहे हैं,
रंग देखे हैं सबने अपने सुख दुख के
जीता वही है जो इनमें मिल जाएगा,
कुछ नहीं बस ये प्रेम ही साथ जाएगा
प्रेम को संग में रंग लो जीवन संवर जाएगा।
सत्य के रंग को जीवन में सबके लगाओ
झूठ के रंग को अपने जीवन से भगाओ,
संस्कार भी हमारे हमको ही रंग लगाते हैं
कोई कुछ ना कहें फिर भी हम नजर में आते हैं,
नजरों के रंग भी ऐसे चढ़े हैं सबको
के हर कोई नजर आपको लगाएगा,
कुछ नहीं बस ये प्रेम ही साथ जाएगा
प्रेम को संग में रंग लो जीवन संवर जाएगा।
दुश्मनी दोस्ती को दोस्ती दुश्मनी को
सदा अपना ही रंग लगाती है,
दुश्मन ही दोस्त है और दोस्त ही दुश्मन
ये सब रंग जिंदगी ही हमे दिखाती है,
सब कुछ भूल कर सब भाईचारा निभाओ
ऐसे ही तुमको सारा जहान मिल जाएगा,
कुछ नहीं बस ये प्रेम ही साथ जाएगा
प्रेम को संग में रंग लो जीवन संवर जाएगा।
जब कोई अपना ना हो रंग किसके लगाएं
हर कोई यहां अपना नहीं हम कैसे बताएं,
आओ मिलकर हम सब एक रीत बनाएं
रंगों के इस मौसम में रंग श्याम को लगाएं,
रंग ये श्याम का जब चढ़ेगा तो अलग नजारा होगा
तू ना होगा पर श्याम तेरा हर पल साथ निभाएगा,
कुछ नहीं बस ये प्रेम ही साथ जाएगा
प्रेम को संग में रंग लो जीवन संवर जाएगा ।
सुप्रभात, आप सभी का दिन मंगलमय हो।
होली की हार्दिक शुभकामनाएं
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*अधिवक्ता बाली पहलवान*
स्वरचित रचना
Gunjan Kamal
20-Mar-2022 08:50 PM
👏👏👌🙏🏻
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