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मुक्तक

गैर तू है,मगर मै तेरा खास हूं 
नदी है तू तो समन्दर का मै प्यास हूं 
जो अब तक ना पाई तू किसी और मै 
तेरे दिल का मै वो एक एहसास हूं 

राघवेन्द्र मिश्रा

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6 Comments

Swati Charan Pahari

27-Jun-2021 06:33 PM

बहुत खूब

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बहुत खूब

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Aliya khan

27-Jun-2021 04:00 PM

Nice

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