Sonia Jadhav

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बेफिक्री भरे ठहाके

आंसुओं मे क्या रखा है,

थोड़े  ठहाके लगाया कीजिये।

औरों पर हँसने के बहाने बहुत हैं,
कभी आईने मे खुद पर ,
बेफिक्र हो मुस्कराया कीजिये।

जिन्दा रहने के बहाने ,
तलाशना भूल जाएंगे,
जीने का सलीका जान  जाएंगे।

ठहाके बड़े ख़ूबसूरत होते हैं
हर गाँठ दिल की खोल देते है।

जब तक उलझे रहोगे ,
जिंदगी मे यूँ ही,
जिंदगी यूँ ही निकल जायेगी।

कुछ देर बेफिक्र होकर
दिल खोलकर , ठहाके लगाकर तो ज़रा  देखो
जिन्दगी फिर से हसीन नजर आएगी।

मानता हूँ आज की दुनिया में,
बेफिक्र होना आसान नहीं है।
खुद के लिए खुद एक कोशिश, करके तो देखो
एक बार  दिल खोलकर
ठहाका लगाकर तो देखो।

खुल जाएंगी मन की सारी गांठें
जिंदगी फ़िर से जी उठेगी।

कुछ देर के लिए ही सही
थोड़ा सा तो बेफिक्र होना सीखो।

❤सोनिया जाधव



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3 Comments

Swati chourasia

25-Mar-2022 06:53 AM

बहुत सुंदर रचना 👌

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Gunjan Kamal

24-Mar-2022 10:22 PM

शानदार प्रस्तुति 👌🙏🏻

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Renu

24-Mar-2022 09:45 PM

बहुत खूब

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