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फर्क

अवनी -  

शॉप कीपर भैया जी को फोन लगाती हैं हेलो भैया जी मैं बोल रही हूं अवनी सुराज।

शॉपकीपर - 
जी भाभी जी कहिए क्या सेवा दे सकता हूं मैं आपको।

अवनी -
भैया जी मैंने कल बुद्धा जी की जिस पेंटिंग को देखी थी उसकी प्राइस क्या होगी वह मुझे बहुत पसंद आई थी क्या आप उसे घर पर भिजवा सकते हैं। और उसके साथ एक लाइटर भी।

शॉपकीपर -
जी जरूर भाभी जी पहुंच जाएगा पर लाइटर कौन सी?

अवनी - 
कौन सी का मतलब क्या हुआ भैया जी एक हाउसवाइफ को गैस लाइटर की ही जरूरत होगी ना सिगरेट लाइटर कि नहीं हम भारतीय संस्कृति से ताल्लुक रखते हैं सिगरेट और सुरा को मुंह नही लगाते हैं हम। अगर क्रिस्टल की गैस लाइटर होगी तो आप उसे ही भेजिएगा।

शॉपकीपर -
मॉडर्न जमाना है भाभी जी आजकल तो सब चल रहा है पहले लोग छुप छुपा कर लिया करते थे आजकल तो यह खुले आम हो चुका है।

अवनी -
नहीं भैया जी हम इतने भी मॉडन नहीं हुए कि अच्छी लत और बुरी लतों में फर्क ना कर पाए पेमेंट सामान लेकर जो बंदा आएगा उसके हाथ में मैं तुरंत ही कर दूंगी।

शॉपकीपर -
भाभी जी कोई और सामान।

अवनी -
भैया जी अभी के लिए बस इतना ही आज ही पहुंचा दीजिएगा। अच्छा भैया जी मैं फोन रखती हूं नमस्कार... और फोन डिस्कनेक्ट हो जाता है पर वह सोच में पड़ जाती है यह अधूरे शब्द भी ना बातों का तात्पर्य किस कदर प्रभावित कर देते हैं लाइटर.......

आधे अधूरे सुने सुनाई शब्द ही जीवन में मुश्किलें खड़ा कर देते हैं वाक्यों की सार्थकता को निरर्थकता में बदल देते हैं एक लाइटर वो जो गैस का बर्नर जला भूख मिटाती है और एक लाइटर वो जो धुआं उठा कर जिंदगी जला देती है सावधान ........


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5 Comments

Sachin dev

30-Mar-2022 09:30 PM

बहुत ही सुंदर

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Swati chourasia

30-Mar-2022 12:31 PM

Very nice 👌

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Haaya meer

30-Mar-2022 11:14 AM

बहुत खूब

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