Pinky singh

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अनजान राहें

अनजान राहें

जिंदगी भी कितनी अजीब है
अनजान रास्ते अनजानी राहें
दो अजनबी उस रास्ते पर निकल पड़े
मंजिल का कुछ पता नहीं
फिर भी उस अजनबी के संग
साये सा मैं चलती रही
जिसे चाही वो किसी और के हुए
हम किसी और की चाहत बन गए
यह सफर इतना आसान तो ना था
पर अपनों के आगे बेबस बेसहारा बन गए
यादों का सफर जिंदगी के साथ
अब भी जारी है
वो किसी और के, हम किसी और के
पर उनके साथ बिते पल-पल की 
वो यादें हमारी है
         ©pinkysingh

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10 Comments

Ravi Goyal

30-Jun-2021 08:31 AM

Bahut sunder 👌👌

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Aliya khan

29-Jun-2021 10:51 PM

बहुत खूब

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Swati Charan Pahari

29-Jun-2021 07:14 PM

Beautiful lines dear

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