Farida

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नशा

नशा एक बला  

 
 एक बार शहर में मुकदमें में हाजरी लगाने के लिए दो शराबी गाँव से निकले| शराब की धुन में दो शराब की बोतलें झोले में रख ली और मुकदमें के कागज़ घर पर ही भूल आए| शहर जल्दी पहुँचने के लिए दोनों झोला लेकर घोड़े पर सवार होकर शहर की और निकल पड़े| कुछ दूर चलने के बाद रास्ते में मध्यान्ह भोजन के लिए एक पेड के निचे रुके और भोजन के समय भी दौनों ने शराब पि ली और चल पड़े| नशे में धुत्त दोनों रास्ते भर एक दुसरे से पूछते रहे की कोई चीज भूले तो नहीं, पर यह दौनों में से एक को भी याद ना रहा की घोड़े पर चढ़ कर आए थे और अब पैदल चल रहें हैं|

रात जहाँ रुके वहां भी शराब पी ली| थोड़ी देर में चंद्रमा निकला तो चन्द्रमा को देख कर एक बोला, “अरे यार देखो! सूरज निकल आया, चलो जल्दी चलो वरना कचहरी लग जाएगी|” बजाए शहर की और जाने के शराब के नशे में वे वापस गाँव की और चल पड़े और सवेरा होते-होते जहाँ से चले थे फिर वहीँ पहुँच गए| अनुपस्थिथि के कारण मुकदमा ख़ारिज हो गया और वे मुकदमा हार गए|

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