हॉकी_स्टिक
हॉकी_स्टिक
कजन के लिये बैडमिंटन लेने जब दुकान पर पहुँचा तो ढेर सारे हॉकी स्टिक को देख आश्चर्यचकित हो दुकानदार से पूछ बैठा," इस शहर में हॉकी खेलने लायक तो एक भी फील्ड नहीं है तो हॉकी स्टिक बिकता है क्या?"
"हाँ, खूब बिकती हैं ये। दूसरे कई फील्ड में खूब डिमांड है इनकी।" दुकानदार ने मुस्कुराते हुये कहा।
7. #कमीना
दोपहर की फ्लाइट से सास-ससुर आने वाले थे। जया बेसब्री से चहलकदमी करते हुये कजरी की प्रतीक्षा कर रही थी।
उसके आते ही जया उस पर बरस पड़ी,"तुमको कल ही बता दिया था न कि सास-ससुर आने वाले हैं। फिर आने में देर क्यों कर दी?"
"सारी मेम साब, वो थोड़ा पैर फिसल गया था तो चोट लग गयी।"
"तेरा पैर फिसल गया था या हमेशा की तरह तेरा मरद फिसल गया था।"
"नहीं मेम साब, ऐसा नहीं है।"
"देखने तो दे। इधर आजा। अच्छा तो आज इसलिये सर पर चुनरी डाल कर आयी है। चुनरी हटाने दे । ओह्ह, ये ज़ालिम कितना कसाई है!"
"क्या करें मेम साब। सब नसीब का खेल है।"
" कुछ नसीब का खेल नहीं है। ऐ कजरी, तू अपने मरद को छोड़ क्यों नहीं देती?"
"मेम साब, क्या बोलूँ? छोटी मुंह बड़ी बात हो जाएगी।"
"न री पगली ,बोल दे।"
"आप क्यों नहीं छोड़ देते? आप तो पढ़ी लिखी हैं। नौकरी भी करती हैं। और साहब तो हमरे मरद से भी गए गुजरे हैं। मेरा मरद तो केवल मारता है, वह भी दारू पीने के बाद। पर साहब तो मारते भी हैं , गाली भी देते हैं और दूसरी औरत...."
" हाँ! सच कहा तूने कजरी। हम औरतें एक दूसरे को केवल दिलासा दे सकते हैं पर खुद कुछ नहीं कर सकते। जानती है क्यों?"
"क्यों? मेम साब!"
" क्योंकि बिना मरद के समाज जीने नहीं देगा और अगर दूसरा मरद इससे भी बड़ा कमीना निकल गया तो?"
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