जूता
जूता
हजूम ने रुख़ बदला और सर गंगाराम के बुत पर पिल पड़ा. लाठियां बरसाई गईं. ईंटें और पत्थर फेंके गए. एक ने मुंह पर तारकोल मल दिया. दूसरे ने बहुत-से पुराने जूते जमा किए और उनका हार बनाकर बुत के गले में डालने के लिए आगे बढ़ा, मगर पुलिस आ गई और गोलियां चलना शुरू हुईं. जूतों का हार पहनाने वाला ज़ख़्मी हो गया. चुनांचे मरहम-पट्टी के लिए उसे सर गंगाराम अस्पताल भेज दिया गया.