आवारगी एक नशा
आवारगी की गिरफ्त मै हूं अब मै
देख लोग कहते है ले गई इसको ये आवारगी
सब कुछ अजमा चुके है इस दुनिया मै
जरा देखूं क्या चीज होती है आवारगी
जब देखा चांद को रात में अकेले तो
पता चला क्या चीज होती है ये आवारगी
होश में जीना भी क्या जीना
बेहोश होकर मुस्कुराता है ये आवारगी
कुछ और नहीं बस खुद में
खो जाना ही है आवारगी
🙏🙏🙏🙏
ऋषभ दिव्येन्द्र
01-Jul-2021 07:06 PM
खूब लिखा आपने 👌👌
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Niraj Pandey
01-Jul-2021 06:04 PM
वाह 👌
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Pinky singh
01-Jul-2021 12:23 PM
Nice penned
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