लेखनी प्रतियोगिता -02-Apr-2022
उपहार मेरे जीवन का
कुछ अपना सा कुछ पराया सा
रहता जो दिल में
जो कभी हंसाता,कभी रुलाता
कभी नर्म धूप सी गर्माहट लाता
उपहार मेरे जीवन का
कुछ अपना सा कुछ पराया सा
बारिश की सौंधी खुशबू सी
मन को महकाता
बचपन की यादें ,जवानी की यादें
और बुढ़ापे का सहारा
सच ये यादें ही तो है
उपहार मेरे जीवन का
कुछ अपना सा कुछ पराया सा।
🤫
04-Apr-2022 08:15 PM
बहुत खूब ma'am
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Shnaya
03-Apr-2022 02:44 PM
Very nice 👌
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Abhinav ji
03-Apr-2022 08:03 AM
Very nice👍
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