बुढ़ापा
सुबोध अपने बच्चो से बहुत प्यार करता था । वही सब इसकी दुनिया थी।
छोटा मोटा कारोबार था ।सुबोध के सपने भी बहुत बड़े बड़े थे ।अपने बच्चो को शिक्षा को लेकर हमेशा मेहनत करता कि इनको बड़ा बनना है ।इतनी ही ख्वाहिश थी सुबोध की ।
अपनी छोटी छोटी खुशियां का कभी ध्यान नहीं रखा , बस बच्चो के लिए जीता रहा।
बच्चे बड़े हो गए,लेकिन सुबोध के मनमुताबिक उनकी नौकरी नही लगी ।फिर भी सुबोध ने भगवान की मर्जी मान इस बात से ध्यान हटा दिया।
बच्चो की शादी हो गई ,बहु आ गई घर में ,एक नही दो दो।
सुबोध बहुत खुस ,उसे लगा चलो सब ठीक हो गया ।बच्चे अपनी दुनिया में मस्त है तो हम बूढ़ा –बुढ़ी अब निश्चिंत हो गए।
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shweta soni
22-Dec-2022 07:28 PM
बहुत सुंदर 👌
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Abhinav ji
21-Dec-2022 07:59 AM
Very nice👍👍
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Mahendra Bhatt
20-Dec-2022 06:21 PM
शानदार
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