आप समस्त बंधुओं को सपरिवार के संग साथ में माता ब्रह्मचारिणी को हमारा भी हृदयतल से नमन है तथा तत्पश्चात आपसबों को भी मेरा सादर नमन है । माता की कृपा हम सब पर सदा ही बरसता रहे ।
*नवरात्रि*
माता का दूसरा रूप है आज ,
नाम हुआ माँ ब्रह्मचारिणी ।
तप का आचरण करनेवाली ,
नाम हुआ जिनका तपश्चारिणी ।।
माता ब्रह्मचारिणी की ही पूजा से ,
मुक्ति मिल जाती है आदि से ।
जीवन होता निरोग और स्वस्थ ,
मुक्ति मिल जाती है व्याधि से ।।
माता ब्रह्मचारिणी को सादर ,
नमन है तन मन हृदयतल से ।
दूर हो जीवन से हर संशय बाधा ,
लोभ क्रोध ईर्ष्या विकार छल से ।।
पूर्णतः मौलिक एवं
अप्रकाशित रचना ।
Shnaya
03-Apr-2022 02:31 PM
🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻
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Shrishti pandey
03-Apr-2022 01:52 PM
Very nice
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Gunjan Kamal
03-Apr-2022 12:11 PM
शानदार प्रस्तुति 👌👌
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