हाथ खाली है तेरे शहर से जाते जाते
जान होती मेरी जान लुटाते जाते,
अब तो हर हाथ का पत्थर हमे पहचान ता है
उम्र गुजरी है तेरी गलियो मे आते जाते,
अब के महसूस हुआ यारों को रुखशत करके
जा रहे थे कुछ तो ज़ख़्म लगाते जाते,
रेंगने की भी इज़ाजत नहीं थी हमको वरना मरते वक़्त भी तेरे शहर आते,
हाथ खाली है तेरे शहर से जाते जाते
जान होती मेरी जान तो जान लुटाते जाते।
Shnaya
03-Apr-2022 02:31 PM
Nice one 👌
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Shrishti pandey
03-Apr-2022 01:49 PM
Very nice
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Gunjan Kamal
03-Apr-2022 12:15 PM
शानदार प्रस्तुति 👌👌
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